क्लाइमेट चेंज सबसे बड़ी चुनौती - सीएम साय
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● अब निगम बनाएगा ऑक्सीजोन
रायपुर। रायपुर शहर छत्तीसगढ़ की राजधानी बनते ही कई तरह के विशेषाधिकार वाला शहर तो बन गया पर इसके नाम पर सरकारी अमले की मनमानी सौ दफा नुकसान के बाद भी अपने ढर्रे पर चलती रहती है। गर्मी के मौसम को कुछ ही दिनों में मानसून भगा ले जाएगा और फिर शुरू होगी पर्यावरण की चिंता। इस बार फिर शहर में नए ऑक्सीजोन बनाने के लिए बड़े पैमाने पर पौध रोपण की तैयारी की जा रही है। जिसके तहत विभिन्न प्रजातियों के फलदार और अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जित करने वाले पौधों का चयन किया जाना है।
पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के तहत इस बार गोकुल नगर में 14 एकड़ और सरोना के दस एकड़ क्षेत्र में पौधरोपण की व्यवस्था की गई है। हर साल की तरह इस योजना पर काम करने की तैयारी की जा रही है। देखने -सुनने में तो यह बहुत प्रभावित करता है कि हम अपने वातावरण को स्वास्थ्यवर्धक बनाये रखने के लिए कितने फिक्रमंद हैं पर एक बात यहां हर बार बहुत अफसोस और निराशा का कारण बनती है कि सरकारी अमला तो कागज पर योजना बनाकर उसे कागज पर ही अमल में देखना चाहता है। इससे पहले भी लाखों रुपये खर्च कर पौधरोपण कर शहर के हजार से अधिक पौधे नहीं बचे सके,अब ठीक मानसून आने के पहले लाखों रुपये के खर्च से आक्सीजोन में पौधरोपण की तैयारी की जा रही है।
पौधरोपण के नाम पर वन विभाग रायपुर मंडल द्वारा टेमरी में 1044 पौधे लगाए गए थे । स्थानीय लोगों ने बताया कि यहाँ 2017-18 में करीब 17 लाख रुपये खर्च कर पौधरोपण कराया गया था, लेकिन वहां से सभी पौधे गायब हो गए। जहां पर पौधरोपण हुआ था वहाँ का पूरा मैदान खाली है। यहां पर अब गौठान बना दिया गया है। जाहिर है पौधे लगाकर उसके रखरखाव के साथ उनकी सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया। ये कोई एक साल की बात नहीं है जब वन विभाग पौधे लगाकर भूल जाता है या कि अपनी जिम्मेदारी पूरी समझ लेता है। जिस उद्देश्य से राज्य के खजाने से इतनी मोटी रकम खर्च होती है वो तो पूरा नहीं हो पाता ऊपर से स्थितियां जस की तस बनी रहती हैं।
निगम द्वारा अब मानसून के पदचाप के साथ ही पौधरोपण करने का अभियान शुरू किया जाएगा। पिछले दिनों हुई बैठक में निगम ने शहर के ऑक्सीजोन पर फोकस करते हुए इसी तर्ज पर नई जगहों पर पौधरोपण की योजना बनाई है। कहा जा रहा है कि इसी के तहत सरोना कैंप में 8 से 10 एकड़ क्षेत्र के परिसर में पौध रोपण की तैयारी की गई है। इसी तरह गोकुल नगर में 14 एकड़ के क्षेत्र में पौधरोपण किया जाना है जो निगम की योजना का ही हिस्सा है। यह शहर का नया ऑक्सीजोन होगा। इसके साथ ही तेलीबांधा से आगे छोकरानाला और चिंगरी नाला क्षेत्र में भी पौधरोपण किया जाना प्रस्तावित है।
सरकारी महकमा जहां एक ओर रिवाज की तरह हर साल पौधरोपण कर लाखों रुपये की सालाना बर्बादी कर रहा है वहीं लोग जन सहयोग से भी पौधरोपण कर रहे हैं और जहां भी इस तरह पौधरोपण हुए हैं वहां पूरे परिसर को ही हराभरा कर दिया गया है। यह ठीक उस जगह की बात है जहां सरकारी वन विभाग के अमले ने 17 लाख रुपये खर्च कर पौध रोपण किया था। टेमरी के लोगों ने एक ओर जहां जनसहयोग से पौधे रोपे वहीं उसे जनसहयोग से ही हराभरा करने का भी बीड़ा उठाया और इस नेक काम में वे सफल भी रहे। सारे रोपे हुए पौधों को वृक्ष में बदल दिया। उन पौधों की खूब देखभाल की।
शहर में नया ऑक्सीजोन बनाने की योजना है। इसके लिए हम सरोना में दस एकड़ और गोकुलनगर के 14 एकड़ में पौधरोपण करेंगे। इसके लिए हम प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं।
अविनाश मिश्रा, आयुक्त नगर निगम, रायपुर
मैने रायपुर में हाल ही में ज्वाइन किया है। यह कहां का मामला है आप मुझे बता दीजिए, मैं पता करवाता हूं कि आखिर क्यों वन विभाग द्वारा पौधे बच नहीं पाये।
एल.एन. पटेल, डीएफओ, रायपुर
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