• 28 Apr, 2025

क्लाइमेट चेंज सबसे बड़ी चुनौती - सीएम साय

क्लाइमेट चेंज सबसे बड़ी चुनौती - सीएम साय

■ छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का किया उद्घाटन, ■ पर्यावरणीय संकट से निबटने में समान रूप से सहभागिता ■ छत्तीसगढ़ ने पूरा किया 4 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य ■ जलवायु परिवर्तन से निबटने छग में हो रहा बेहतर काम

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गत 3 अक्टूबर गुरुवार को छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया।  इस अवसर पर सीएम साय ने कहा कि क्लाइमेट चेंज दुनिया में इस समय सबसे बड़ी चुनौती है। इस साल तो हमारे देश में गर्मी ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिये। दिल्ली में तापमान 52.3 डिग्री तक पहुंच गया था । दुबई के रेगिस्तानी इलाके में अत्यधिक बारिश होने से पूरा शहर ही बाढ़ की चपेट में आ गया था।

     सीएम साय ने कहा कि पर्यावरण संकट और जलवायु परिवर्तन वर्तमान में राष्ट्रीय चिंतन का विषय बन गया है।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पहले से ही इस बारे में दुनिया को आगाह किया था। श्री साय ने गुरुवार को कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी सौर और जल विद्युत क्षमता का विस्तार कर रहा है और 2030 तक भारत को 500 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।

श्री साय ने कहा कि पर्यावरण संकट और जलवायु परिवर्तन राष्ट्रीय चिंतन का विषय बन गया है और इस समस्या से निबटने के लिए सभी को समान रूप से सहभागिता निभानी होगी। सीएम साय राजधानी रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पर्यावरण शोध पर आधारित संक्षेपिका का उद्घाटन भी किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश का 44 फीसदी हिस्सा वना्च्छादित है और हम इसे सहेजने का काम गंभीरता से कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने एक पेड़ मांँ के नाम अभियान के तहत 4 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य रखा था। वह हमने पूरा कर लिया है। हाल ही में हमने घासीदास तमोर पिंगला को टाइगर रिज़र्व बनाने की पहल की है। इसके माध्यम से वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यावरण के संवर्धन में भी बड़ी मदद मिलेगी और यह देश का सबसे बड़ा टाइगर रिज़र्व होगा।

कहा कि हम प्रदेश में रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में भी लगातार काम कर रहे हैं। सीएम साय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ में अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए हम किसान वृक्ष और ग्रीन क्रेडिट योजना का क्रियान्वयन कर रहे हैं। नया रायपुर में ‘पीपल फार पीपल’  यानी लोगों के लिए पीपल- अभियान के तहत हजारों की संख्या में पीपल के पौधे रोपे गए।

सीएम साय ने आशा व्यक्त की है कि ऐसे सम्मेलनों के आयोजन से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य तेजी से आगे बढ़ेंगे और विषय विशेषज्ञों की ममद से हम लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब होंगे। 

हर क्षेत्र में हम आगे बढ़े लेकिन प्रकृति से दूरी बनाई..

वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि दुनिया ने बहुत तरक्की कर ली है। हर क्षेत्र में हम आगे बढ़े हैं लेकिन प्रकृति से हमने दूरी बना ली है। हमने प्रकृति का साथ छोड़ दिया है। हम विकृति की ओर बढ़ने लगे हैं। कार्यक्रम में प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक -जे. नंदकुमार, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के राष्ट्रीय समन्वयक गोपाल आर्य, वन बल प्रमुख बी,श्रीनिवास राव, एमीटी यूनिवर्सिटी कुलपति पीयूषकांत पांडे, बॉटेनिकल सर्वे ऑफ इंंडिया के निदेशक डॉ . असीसो माओ, एनआईटी रायपुर के डायरेक्टर एन वी रमन्ना राव, पद्मश्री जागेश्वर यादव, एमिटी वाटर वुमन ऑफ इंडिया क्षिप्रा पाठक सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।