नीति की सराहना, आक्रामक नीति से बैकफुट पर जा रहे नक्सली…
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■ केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट - डॉक्टरों के 20 प्रतिशत पद खाली
रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ( पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। गांव देहात के हेल्थ सेंटरों में स्थिति ज्यादा खराब है। कई सेंटरों में विशेषज्ञ तो दूर कोई डॉक्टर तक नहीं है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट में इस खुलासे के साथ यह आकड़े दिए गए हैं कि यहां विशेषज्ञों के 60 और डॉक्टरों के 20 फीसदी पद खाली हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक गांव -देहात के सीएचसी ( सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र) में सर्जन , फिजीशियन, शिश रोग विशेषज्ञ के साथ प्रसूति और शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं के बराबर ही हैं। यहां इन पदों के 88 फीसदी सीटें खाली पड़ी हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अलावा रेडियोग्राफर, फार्मासिस्ट, लैब तकनीशियन और यहां तक की नर्सिंग स्टाफ तक नहीं है । कई सेंटरों में इनके 75 फीसदी तक पद खाली हैं। डॉक्टरों और मेडिकल आफिसर के 45 पद खाली हैं। प्रदेश में उप स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या गांव-देहात के क्षेत्रों में 5138 और शहरी इलाकों में सिर्फ 370 है।
किस लिए बढ़ रही है अस्पतालों में मरीजों की भीड़ .. ग्रामीण हेल्थ सेंटर खोलने का मुख्य उद्देश्य बड़े सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ कम करना था लेकिन हो उल्टा रहा है। डॉक्टरों की कमी के कारण मरीज इलाज के लिए सीधे शहर ही पहुंच रहे हैं। इससे शहर के अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ता जा रहा है। 700 बिस्तरों वाले आम्बेडकर असप्ताल में 1200 बेड लगाए जा चुके हैं इसके बाद भी कई -कई बार एक बिस्तर पर दो मरीजों को भर्ती करने की नौबत आ जाती है। असप्ताल के ओपीडी में रोजाना 2000 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इस तरह यहां मरीजों की संख्या बढ़ रही है। |
स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेषज्ञों के पद खाली हैं– | ||
पदनाम | जरूरत | कमी |
सर्जन | 166 | 151 |
प्रसूति | 166 | 131 |
फीजिशियन | 166 | 160 |
शिशु रोग | 166 | 140 |
निश्चेतक | 166 | 144 |
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