सुप्रीम कोर्टने कहा- बिना सहमति संबंधों को माना दुष्कर्म तो नष्ट होगी विवाह संस्था
■ केन्द्र मैरिटल रेप को अपराध बनाने के खिलाफ
• केन्द्र और मणिपुर दोनों सरकारों को चेताया, कार्रवाई के लिए कुछ समय दे रहे हैं.. एक्शन लीजिए..
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा वीडियो परेशान करने वाला है, महिलाओं को हिंसा के साधन के रूप में इस्तेमाल करना अस्वीकार्य है..
• मेरा हृदय क्रोध से भर गया है, देश शर्मसार हुआ, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
नई दिल्ली । मणिपुर में मई से चली आ रही हिंसा के बाद पिछले दिनों एक शर्मनाक वीडियो वायरल हुआ जो मणिपुर का ही बताया गया है। उस वीडियो में मणिपुर की कुकी समुदाय की कुछ महिलाओं को निरवसन करके जबरदस्ती सड़क पर घसीटने का वीडियो वारयल होने के बाद 20 जुलाई गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़, जस्टिस पी. एस. नरसिम्हां और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि – उक्त वीडियो देखने के बाद हम बहुत परेशान हैं और अदालत को महिलाओं को हिंसा के साधन के रूप में इस्तेमाल करना अस्वीकार्य है। कोर्ट ने राज्य सरकार से भी पूछा है कि उसने इस भयानक घटना के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई की। इसके साथ ही 28 जुलाई को होने वाली सुनवाई से पहले केन्द्रीय गृहमंत्रालय और मणिपुर के मुख्य सचिव को हलफनामा दायर करने के निर्देश दिये हैं।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह कोई नहीं जानता कि यह अपनी तरह की अकेली घटना है या इस तरह का वहां कोई पैटर्न है। इसके साथ ही पूछा कि – राज्य सरकार बताए की इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य ने क्या कदम उठाये हैं। हम कुछ समय दे रहे हैं और इस पर भी कार्रवाई नहीं हुई तो कोर्ट को दखल देना पड़ेगा। इस पर वकील ने वीडियो पुराना होने की जानकारी दी तो कोर्ट ने कहा हम जानते हैं वीडियो 4 मई का है पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
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