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● एक राष्ट्र एक छात्र- अपार आई डी योजना का जल्द क्रियान्वयन होगा ● आई डी आजीवन रहेगी और डीजी लॉकर के जरिए आसानी से उपलब्ध होगी ● कक्षा पहली से 12 वीं तक हर विद्यार्थी की बनेगी अपार आई डी ● सबसे पहले 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों का बनेगा ● बच्चों की शारीरिक प्रगति और उपलब्धियों की जानकारी रहेगी इसमेंं ● स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किए दिशा निर्देश
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की संकल्पना के अनुरूप देश के प्रत्येक विद्यार्थी की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उन्हें यूनीक आई डी प्रदान की जाएगी। इसके लिए ‘ ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडेमिक अकाउंट रजिस्ट्री आईडी’ यानी ( अपार आईडी) योजना को पूरे देश में लागू किये जाने की पहल शुरू कर दी गई है। यह योजना तीन 3 चरणों में लागू होगी।
पहले चरण में कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों को यूनीक आईडी प्रदान की जाएगी। दूसरे चरण में कक्षा 6 वी से लेकर 8 वीं तथा अगले चरण में पहली से लेकर पांचवी तक विद्यार्थियों की यूनीक आईडी बनाई जाएगी।
एक राष्ट्र एक छात्र आईडी के तहत बनने वाली अपार आईडी में विद्यार्थियों से संबंधित जानकारी रहेगी। यह आईडी आजीवन रहेगी और डीजी लॉकर के जरिये आसानी से उपलब्ध होगी। बच्चों की अपार आईडी बनाने की तैयारी स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रारंभ कर दी है।
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बनने वाली अपार आईडी ‘ ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडेमिक अकाउंट रजिस्ट्री आईडी’ के संबंध में स्कूल शिक्षा सचिव ने दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं । अपार आईडी डीजी लॉकर से लिंक्ड रहेगी। इसके लिए एक सिस्टम होगा जो विद्यार्थियोंं को उनकी उपलब्धियों जैसे परीक्षा परिणाम, समग्र रिपोर्ट, लर्निंग आउटकम के अलावा अन्य उपलब्धियों जैसे खेल, कौशल और अन्य उपलब्धियों को डिजिटल रूप से संग्रहण करने का माध्यम होगा। विद्यार्थी भविष्य में उच्च शिक्षा या रोजगार के उद्देश्य से क्रेडिट स्कोर का भी उपयोग कर पाएंगे।
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रत्येक छात्र के आधार नंबर के आधार पर अपार आईडी तैयार की जाएगी। जिसके लिए माता-पिता तथा अभिभावक की अलग से सहमति आवश्यक होगी। इसके लिए स्कूल स्तर पर पालक -शिक्षक बैठक का आयोजन भी किया जाएगा। जिन विद्यार्थियों के आधार कार्ड नहीं बने हैं उनके लिए अलग से कैंप भी लगाए जाएंगे।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी आकड़ोंं के अनुसार प्रदेश में 52 लाख 74 हजार 79 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें से 18 लाख 61 हजार 769 बच्चों के आधार कार्ड का सत्यापन हो चुका है जबकि 18 लाख बच्चों का सत्यापन लंबित है। 6 लाख 15 हजार बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना है। सभी जिलों को जारी निर्देश के अनुसार अपार आई डी बनाने के लिए बच्चों का यूडाइस पोर्टल में आधार नंबर के अनुसार वितरण दिया जाना है, इस पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों के आधार का सत्यापन किया जाएगा। उन्ही के अपार आई यूडाइस पोर्टल में बनेंगे। पीटीएम में पालकों का स्वयं और विद्यार्थियों का आधार कार्ड लेकर आना अनिवार्य है। उसी दिन सहमति पत्र भरकर पालकोंं के हस्ताक्षर लेना भी आवश्यक है। जो पालक पीटीएम में उपस्थित नहीं होगा उन्हें बाद की तिथि में स्कूल में बुलाकर सहमति पत्र में हस्ताक्षर लेना होगा।
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