• 28 Apr, 2025

मामा ताई-ताया जैसे रिश्तेदारों को एनआरआई कोटा नहीं -सुप्रीम कोर्ट

मामा ताई-ताया जैसे रिश्तेदारों को एनआरआई कोटा नहीं -सुप्रीम कोर्ट

● कहा पंजाब सरकार का कोटे की परिभाषा में बदलाव सिर्फ पैसा कमाने की चाल

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में  अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के दूर के रिश्तेदारों को दाखिला दिए जाने को सरासर धोखाधड़ी बताते हुए राज्य सरकार को मनमानी करने क लिए कड़ी फटकार लगाई है।

      शीर्ष कोर्ट ने कहा एनआरआई कोटे की परिभाषा में पंजाब सरकार की ओर से किए गए बदलाव पैसे कमाने की चाल के अलावा कुछ नहीं है। इसे बंद करना होगा।  मुख्य न्यायाधीश डी वाय चंद्रचूड़ व जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ ने पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पंजाब सरकार की याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने  एनआरआई कोटे से संबंधित शर्तों में संशोधन करने वाली पंजाब सरकार की अधिसूचना रद्द कर दी थी। पंजाब के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की लगभग 185 सीटें हैं। शीर्ष कोर्ट ने साफ कहा कि एनआरआई के दूर के रिश्तेदारों दाखिले में कोटे का लाभ नहीं दिया जा सकता, इससे शिक्षा की गुणवत्ता कमजोर हुई है।

  • 636 अंक एनआरआई कोटा नहीं होता तो सीट मिल जाती …..

एक याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि एनआरआई कोटा प्रवेश लेने के लिए धन बल के उपयोग के अलावा और कुछ नहीं है। प्रास्पेक्टस में यह दिखाया गया है कि एक बार जब आप कोई श्रेणी चुन लेते हैं तो आपको  उस श्रेणी के साथ ही रहना होता है।

मेरे 636 अंक हैं और मुझे सीट मिल जाती अगर एनआरआई कोटा लागू नहीं होता। इस तरह गैरकानूनी तरीके से कोटा लागू करने से तो योग्य उम्मीदवारों के अधिकार का हनन हो रहा है।

विदेश में रह रहे मामा, ताया  के रिश्तेदारों को प्रवेश मिल जाए , मेघावी छात्र रह जाएं हम ऐसा नहीं होने देंगे - सुप्रीम कोर्ट

पीठ ने कहा कि एनआरआई कोटे पर लगाम लगाएं। इसके दुष्परिणामों को देखें। तीन गुना अधिक अंक पाने वाले उम्मीदवारों को मेडिकल के पाठ्यक्रमों में दाखिला नहीं मिलेगा । विदेश में बसे मामा, ताई -ताया के दूर के रिश्तेदारों मेधावी उम्मीदवारों से पहले प्रवेश मिल जाए इसकी तो अनुमति नहीं दी जा सकती।  

  • पीठ ने कहा-

एनआरआई कोटे के इस सरोकार को हमें बंद कर देना चाहिए । हम अपनी शिक्षा प्रणाली के साथ धोखा कर रहे हैं। हम जानते हैं कि किससे निबटना है। हाईकोर्ट ने मामले को बहुत बारीकी से निबटाया है।

  • पंजाब सरकार ने यूपी और हिमाचल का दिया हवाला

पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील शादान फरासत ने कहा  कि हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्य भी एनआरआई कोटा प्रवेश के लिए ऐसे ही नियमों का पालन कर रहे हैं । इन राज्यों में भी एनआरआई कोटे की यही परिभाषा है। राज्यों को तय करने की शक्ति है कि एनआरआई को  15 फीसदी कोटा कैसे दिया जाना है।

            शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार की दलील पर कहा कि  आप कहते हैं कि एनआरआई के निकटतम रिश्तेदार पर भई विचार किया जाएगा। यह क्या है ?  यह राज्य की सिर्फ पैसा कमाने की रणनीति है।