क्लाइमेट चेंज सबसे बड़ी चुनौती - सीएम साय
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● तमिलनाडु में ज्यादा असर, आंध्र प्रदेश में बेअसर ● जलमाग्न चेन्नई से बचा लाए मासूम जिंदगियां
विशाखापट्टनम/ चेन्नई । भारी तबाही मचाने वाला तूफान मिचौंग चेन्नई में लैंडफाल से पहले आंध्रप्रदेश में कमजोर पड़ गया। तूफान ने दक्षिण आंध्रप्रदेश के बापटला में नेल्लोर मछलीपट्टनम के बीच दोपहर साढ़े 12 बजे के आसपास ही लैंडफाल किया । अमरावती के आब्जरवेटरी के मुताबिक तूफान 3 घंटों तक बापटला में ही कहर बरपाता रहा। इस दौरान 90 से 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से बहुत तेज हवाएं चल रहीं थी और बहुत तेज बारिश भी होती रही। सड़कें सब दो से तीन फिट पानी में डूब गईं आवाजाही ठप्प हो गया। पांच दिसंबर को कहा गया कि आंध्र में इस तूफान का असर आगामी 24 घंटों तक रहेगा जो कि रहा भी पर कमजोर पड़ चुका था।
कहा गया था कि इस हालात में 8 इंच से भी ज्यादा बारिश हो सकती है। मौसम विभाग से जारी चेतावनी को देखते हुए सारे एहतियात किए गए थे। इसे देखते हुए आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु के कुल 140 से ज्यादा ट्रेनें और कुल 40 उड़ानें भी रद्द कर दी गईं। इस दौरान कई जिलों में स्कूल-कॉलेज सब बंद रखे गए। हालांकि बाद में तूफान आंध्र तट से उत्तर की ओर बढ़ गया। हवा की रफ्तार 60 से 65 किमी प्रतिघंटे तक हो गई । इससे पहले चेन्नई में तूफान के असर को देखते हुए आंध्र सरकार ने तटवर्ती बापटला, गुंटूर, कृष्णा, एनटीआर, चित्तूर, कडपौ, विशाखापट्टनम और तिरुपति में अलर्ट जारी कर दिया गया था। आपदा में तटों में फंसे 9 हजार लोगों को एसडीआरएफ ने 111 राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचा दिया था।
दूसरे ही दिन 6 दिसंबर तक 17 लोगों की मौत- तूफान मिचौंग से आई तबाही के कारण चेन्नई और आसपास 6 दिसंबर की सुबह तक 17 लोगों की मौत हो जाने की सूचना थी। मंगलवार 5 दिसंबर की रात तक बहुत से इलाकों से पानी के उतरने की सूचना थी। शहर में भरा पानी भी 6 की दोपहर तक उतर गया। एयर पोर्ट भी खोल दिया गया। इस बीच एनडीआएएफ के जवानों ने चेन्नई की बाढ़ में फंसे अभिनेता आमिर खान को भी रेस्क्यू किया। तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने पीएम नरेन्द्र मोदी से 5 हजार करोड़ की मदद मांगी है। | छत्तीसगढ़ः दिनभर बारिश बौछारें, दिन का पारा डिग्री तक गिरा, ठंड बढ़ गई ... रायपुर। छत्तीसगढ़ के अनेक जिलों में मंगलवार 5 दिसंबर को सुबह से रात तक पड़ी हल्की फुंहारों से पूरे प्रदेश का मौसम पहले से और ठंडा हो गया। दिन के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। रायपुर और बिलासपुर में दोपहर का पारा तो 9 डिग्री तक गिर गया। बस्तर बिलासपुर और दुर्ग संभागों में भी दिनभर घने बादल छाए रहे। बीच-बीच में बौछारें भी पड़ती रहीं। ऑब्जरवेटरी की सूचना के मुताबिक तो मिचौंग तूफान का असर आगामी दो दिन में क्रमश कम होते हुए खत्म होगा। इसके बाद मौसम में और बदलाव होगा जिससे दिन के साथ ही रात के तापमान में भी कमी आएगी। इसके पहले मौसम विभाग ने बुधवार 6 दिसंबर को भी राज्य के एक बड़े हिस्से में घने बादल तथा बूंदाबांदी के आसार जताए थे जो सही साबित हुआ और पूरे दिन ही बादल छाए रहे और बूंदाबांदी होती रही। |
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■ पिछले 10 सालों में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर करीब , 2200 लोगों ने जान गंवाई है ओडिशा में ■ ओडिशा आकाशीय बिजली से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में से एक है ■ ओडिशा में ताड़ के मौजूदा पेड़ों को काटने पर भी रोक
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
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