• 28 Apr, 2025

रायपुर शहर के भीतर कामकाजी महिलाओं के लिए 3 हॉस्टल…

रायपुर शहर के भीतर कामकाजी महिलाओं के लिए 3 हॉस्टल…

रायपुर। महानगरों की तरह विकसित हो रहे शहर रायपुर में लगातार कामकाजी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। राज्य के छोटे-छोटे कस्बों, गांवों से और मेट्रो शहरों से भी आकर महिलाएं सरकारी और निजी संस्थानों में कई तरह के काम कर रही हैं। इनके आवास ( हॉस्टल जैसी ) सुविधा सरकारी स्तर पर नहीं होने से कामकाजी महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इनकी जरूरतों को देखते हुए नगर निगम बहुत जल्द सिटी के भीतर ही तीन बड़े हॉस्टल एक साथ बनाने की तैयारी कर रहा है। इस पर लगभग 50 करोड़ खर्च करने की योजना है।

सरकारी विभागों में काम करने वाली लगभग 8 हजार महिलाएं शहर में किराये के मकानों में रह रहीं हैं। यह बात निगम को एक सर्वे से पता चली है। निजी संस्थानों में काम करने वाली महिलाओं की संख्या भी बहुत ज्यादा है। आर्थिक रूप से सक्षम महिलाएं तो शहर के भीतर पॉश कालोनियों में और सुरक्षित समझे जाने वाले इलाकों में मकान किराये पर लेकर रह पाती हैं। वहीं कम आमदनी वाली महिलाओं को सुरक्षा और सुविधाओं जैसी बुनियादी जरूरतों से समझौता करना पड़ता है।

इन परेशानियों को दूर करने के लिए शहर के बीच अग्रसेन चौक के पास, तेलीबांधा थाने के पास और टाटीबंध में तीन जगहों पर कामकाजी महिलाओं के लिए वर्किंग वुमन हॉस्टल तैयार करने का प्लान बनाया गया है। कहा जा रहा है कि उपरोक्त तीनो जगह सुरक्षित हैं और यहां रहने वाली महिलाओं को पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी आसानी से  मिल जाएगा। 

30 साल का प्लान भेजा केन्द्र से मिले 50  करोड़..

नगर निगम रायपुर के अभियंता अंशुल शर्मा ने बताया कि केन्द्र सरकार के वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने देशभर में 5000 करोड़ का बजट जारी किया है। इसमें से छत्तीसगढ़ को 200 करोड़ और इसमें से भी 50 करोड़  केवल राजधानी रायपुर के लिए आवंटन रिजर्व किया गया है। इस योजना के तहत आगामी 30 साल के लिए हॉस्टल निर्माण, उनके रख-रखाव और ऑपरेशन की योजना तैयार की गई है। कहा गया है कि नई बिल्डिंग तैयार होने के बाद पीपीपी मोड पर इनका संचानल किया जाएगा। निजी एजेंसियों से निविदाएं बुलवाई जाएंगी। नियमानुसार योग्य और पात्र कंपनियों को काम सौपा जाएगा। कंपनी हॉस्टल में कमरा देने, इनमें रहने वाली महिलाओं को खान-पान की सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ अन्य जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाएगी।

पीपीपी मोड में चलाएंगी तो किराया होगा कम

केन्द्र सरकार को योजना सौंप दी है। मंजूरी मिलने के बाद हॉस्टल बनाने का काम शुरू हो जाएगा। बिल्डिंंग बनते ही उनके संचालन के लिए एजेंसी तय करेंगे। न्यूनतम किराये में कामकाजी महिलाओं को रहने की सुविधा मिलेगी। यहां डे केयर की भी सुविधा उपलब्ध रहेगी।

अविनाश मिश्रा, नगर निगम कमिश्नर 

फुंडहर हॉस्टल बनने के बाद एक भी महिला रहने नहीं आई

नगर निगम रायपुर के फुंडहर क्षेत्र में लगभग 6 साल पहले एक वर्किंग वुमन हॉस्टल का निर्माण करवाया गया था।  इसके निर्माण में 11 करोड़ रुपये की लागत आई थी पर दुर्भाग्य से इस बिल्डिंग का इस्तेमाल ही नहीं किया जा सका। शहर से दूर होने की वजह से इसमें कभी कोई महिला रहने ही नहीं गई। उपयोग नहीं होने के कारण बिल्डिंग कमजोर हो रही है। लगातार भवन खाली पड़े रहने के कारण पिछली कांग्रेस की सरकार ने भवन राज्य योग आयोग को इस्तेमाल के लिए दे  दिया था। नगर निगम की इस बिल्डिंग को जब राज्य योग आयोग को हस्तांतरण करने का प्रस्ताव निगम की सामान्य सभा में लाया गया तब बिल्डिंग बनाने के औचित्य पर भी सवाल उठाए गए थे। पार्षदों का कहना था कि निगम अफसरों ने वर्किंग वुमन्स हॉस्टल के लिए जगह के चयन के समय सुरक्षा जैसे अहम मुद्दे पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। 11 ग्यारह करोड़ रुपये खर्च कर बिल्डिंग बनाई गई और उसका कोई उपयोग नहीं हुआ।