नीति की सराहना, आक्रामक नीति से बैकफुट पर जा रहे नक्सली…
● बैठक- केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने सीएम साय की रणनीति को सराहा ● मंत्री शाह की अपील भटके युवा मुख्यधारा में लौटें
पर्वों-त्यौहारों की आमद शुरू होने के दिन हैं और अब की बार तो हिन्दी के प्रसिध्द और प्रिय साहित्यकार श्री विनोद कुमार शुक्ल को साहित्य अकादमी से महत्तर सदस्यता सम्मान मिलने की खबर ने इन अवसरों को विशेष उत्सव के अवसर में बदल दिया है। वे प्रदेश -देश ही नहीं बल्कि पूरे साहित्य जगत के गौरव हैं। ‘निरंतर पहल’ परिवार उन्हें हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित करता है।
इसके इतर त्यौहारों का अवसर कभी-कभी बहुत ही दुःखद स्थिति भी पैदा कर देता है । इस बार ऐन गणेशोत्सव के अवसर पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से बहुत ही अप्रिय खबरें भी आईं जो ज्यादा कष्टप्रद इसलिए भी लगीं कि उन घटनाओं को होने से रोका जा सकता था पर दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका। बलरामपुर जिल में डीजे के असहनीय शोर से एक व्यक्ति की मौत हो गई। नंदिनी भिलाई में डीजे पर डांस को लेकर हुऐ झगड़े में तीन युवकों की जान चली गई। गणेशोत्सव में आरती के बीच शोर का ‘दैत्य डीजे’ घरों के चिराग बुझाता रहा। जब शासन ने ध्वनि विस्तारक यंत्रोंं की सीमाएं तय कर दी हैं, न्यायालय ने भी संज्ञान लेकर इसमें नियंत्रण के लिए कहा है तो फिर क्या है ऐसा कि मनुष्य के ध्वनि- विस्तार सहने की क्षमता से ज्यादा के यंत्र कानफोडू शोर मचा रहे और इन्हें रोका नहीं जा रहा ?
पुरानी भिलाई थाना के हथखोज इलाके में दिल की बीमारी से परेशान एक वृध्द धन्नूलाल साहू तो डीजे के शोर से इतने त्रस्त हो गए कि खुदकुशी ही कर ली। सोसाइड नोट छोड़ कर गणेशोस्तव समिति पर उन्होंने प्रताड़ना का आरोप भी लगाया है। इधर पता चला कि समिति के जिस अध्यक्ष को उन्होंने डीजे बंद करने का अनुरोध किया था वह रात में वृध्द के चेहरे पर एसडीएम से मिला अनुमति वाला लेटर फेंक कर चला गया। व्यथित व्यक्ति से यह सब बर्दाश्त भी न हुआ हो शायद। 29 अगस्त को भंडारा में सुमित पांडे नामक युवक की मौत इसी डीजे के शोर से हो गई। अब सवाल यह है कि अब और किस बात का इंतजार किया जा रहा है। इसे तो फौरन बंद किया जाना चाहिए।
दरअसल लोग कहते हैं कि इस मामले में सीधे हाथ न डालने की शायद वजह भी हो जनप्रतिनिधियों के पास क्योंकि उनके कार्यकर्ताओं की लंबी फौज होती है जो इलेक्शन में उनके लिए काम करते हैं तो इनकी आजीविका या लाभ का ख्याल रखना जिम्मेदारी भी हो जाती होगी । जो भी हो विवशता तो नहीं है यदि लोगों की जान जाने लगी है तो इसे तो हर हाल में रुकवाना ही चाहिए । अब इतनी मौतों के बाद तो कम से कम किसी मांग या आह्वान की जरूरत नहीं रह जाती।
इधर पारंपरिक तिहार की महक भी प्रदेश में घुलती रही । तीजा-पोला के त्यौहार पर पारंपरिक रंगों की छटा गांवों से शहरों तक बिखरती रही। छत्तीसगढ़ी पकवान के साथ ये पर्व लोगों में उत्साह और उमंग की लहरें छोड़ गए। फिर खेल के महाकुंभ पेरिस ओलिंपिक में भी खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर देश के लिए मेडल जीते। हाकी टीम ने कांस्य पदक के साथ पैरालिंपिक में तीरंदाजी में भी खिलाड़ियों ने सराहनीय प्रदर्शन किये । देश का मान बढ़ाने वाले खेल बिरादरी को बधाई।
साथ ही एक और गर्व की बात है कि 12 अगस्त को अंगदान दिवस पर खैरागढ़ की मुन्नीबाई ने अपने न रहने पर तमाम महत्वपूर्ण अंग दान कर अनेक नाउम्मीद होते मरीजों को नया जीवन दिया है। उनका और उनके परिवार का मानवता के लिए उठाया यह कदम अनुकरणीय और वंदनीय है।
उधर देश की राजधानी में सियासी गलियारों को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरगर्म बनाये रखा। शराब नीति मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद अपने पद से इस्तीफा देकर वरिष्ठ मंत्री आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया क्योंकि कोर्ट के आदेश में शर्त नत्थी थी कि वे सीएम रहते कोई नया निर्णय नहीं ले सकते तो ऐसे में इस ऐलान के अलावा रास्ता भी क्या था ?
और अंत में-
इधर सरकार ने बहुत से संशयों को किनारे कर पंचायतों और नगर निकायों के चुनाव का रास्ता साफ कर दिया है। प्रदेश की सरकार अपने 8 माह के कार्यकाल का इसी ‘आइने’ में चेहरा देखेगी। गांव और शहरों में सरकार की योजनाओं पर कैसा और कितना काम हुआ है पंचायत और नगर निकायों के चुनाव परिणाम में उसकी साफ तस्वीर निकल कर आने वाली है। जाहिर है आसन्न विधानसभा चुनावों के लिए इसके परिणाम बहुत हद तक निर्णायक साबित होंगे। सरकार की कोशिश होगी की इसमें उसकी सक्रियता का मंजर साफ और आकर्षक दिखाई दे।
● बैठक- केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने सीएम साय की रणनीति को सराहा ● मंत्री शाह की अपील भटके युवा मुख्यधारा में लौटें
■ बंधन नहीं , नक्सली जहां मिलें वहां मारें - सुंदरराज
■ छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का किया उद्घाटन, ■ पर्यावरणीय संकट से निबटने में समान रूप से सहभागिता ■ छत्तीसगढ़ ने पूरा किया 4 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य ■ जलवायु परिवर्तन से निबटने छग में हो रहा बेहतर काम
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
Address
Raipur
Phone
+(91) 9893260359