क्लाइमेट चेंज सबसे बड़ी चुनौती - सीएम साय
■ छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का किया उद्घाटन, ■ पर्यावरणीय संकट से निबटने में समान रूप से सहभागिता ■ छत्तीसगढ़ ने पूरा किया 4 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य ■ जलवायु परिवर्तन से निबटने छग में हो रहा बेहतर काम
● झोपड़ी में होम स्टे, युवा बन रहे गाइड ● गांव समृध्द हो रहे देश के अनेक हिस्सों में
नई दिल्ली। विश्व पर्यटन दिवस पर 27 नवबंर को केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों को पुरस्कृत करने के लिए अपनी सूची भी तैयार कर ली है। सूची में शामिल नामों का खुलासा भी तभी होगा। निरंतर पहल ने भी छत्तसगढ़ के संदर्भ में इस क्षेत्र में हो रहे काम की जानकारी लेने की कोशिश की है। बस्तर के कुछ गांवों में जो आदिवासी बहुल ही हैं वहां नैसर्गिकता के बीच ही होम स्टे की सुविधा मिल रही है। अभी वहां विदेशी पर्यटक ही आते हैं।
कहा जा रहा है कि राजस्थान के ब्यावर जिले के देवमाली का शामिल होना तय समझा जा रहा है। यह गांव मिट्टी के मकानों के लिए और मांस मदिरा का सेवन नहीं करने के लिए जाना जाता है। सूत्रों के मुताबिक यह सूची अपने तरह की दूसरी सूची है। पर्यटन मंत्रालय ने ग्रामीण इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साल 2023 में इसके लिए पहली सूची जारी की थी। इस सूची में छत्तीसगढ़ के सरोधादादर सहित मध्यप्रदेश के मंडला और खोखरा को जगह मिली है। उसमें राजस्थान के मेनार और औरंगाबाद के श्री महावीर जी भी शामिल हैं। इस पर निरंतर पहल ने अपनी पड़ताल में पाया कि छत्तीसगढ़ के गांव के संदर्भ में हालात उस तरह तो नहीं बदले पर गांव के लोंग बाहर से आने वाले पर्यटकों के संसर्ग में आकर जागरूक जरूर हुए हैं। गांव की महिलाएं अपने स्तर पर आत्मनिर्भर होने की ओर अग्रसर हैं।
इसी तरह कुछ गांवों में समृध्दि तो आई पर हालात नहीं बदले हैं।
मध्यप्रदेश… पन्ना और संजय टाइगर रिजर्व से बढ़ा पर्यटन, गांव में ही मिला रोजगार, पलायन बंद हुआ
पन्ना टाइगर रिजर्व से बढ़ते पर्यटन से 450 परिवार के गांव में 300 परिवार सीधे तौर पर जुड़े मिले। 78 युवा टाइगर रिजर्व में अधिमान्य गाइड का काम कर रहे हैं। गांव में 110 सफारी वाहन और 9 होम स्टे हैं। कुछ में भोजन जैविक सब्जियों और मल्टी ग्रेन से बनता है जिसे गांव में ही उगाया जाता है। 3100 की आबादी वाले गांव में चल रहे क्राफ्ट सेंटर में 70 महिलाएं सीधे तौर पर जुड़ी हैं।
सीधी में संजय टाइगर रिज़र्व के बफर जोन में बसे गांव में कुल 7 स्टे होम हैं। ये साल में 150 दिन बुक रहते हैं। इनसे आदिवासी परिवारों की 2 से 2.4 लाख रुपये तक की आय होती है। 1400 की आबादी वाले गांव में 10 से 12 परिवार पूरी तरह पर्यटको बोटिंग सुविधा उपलब्ध कराते हैं और उसी पर पूरी तरह निर्भर हैं। दस साल पहले यहां दस से भी कम पर्यटक आते थे पर अब यहां आमद कई गुना तक बढ़ गई है। पर्यटकों की ताजा संख्या यहां 6300 से ऊपर पहुंच गई है।
400 से ज्यादा युवाओं को दिए रोजगार पर गांवों के हालात नहीं बदले ….
कबीरधाम जिले का यह गांव छत्तीसगढ़ का सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन है। एक लाख से ज्यादा पर्यटकों के आने पर भी यहा के हालात नहीं बदले । यहां का रिहायशी इलाका पर्यटन वाले क्षेत्र के बाद शुरू होता है।
नौरंगाबाद-
राजस्थान करौली के 13 हजार की आबादी वाले गांव में 55 हजार पर्यटक आते हैं यहां जैन मंदिर से सटी 250 से अधिक दुकाने इन्ही पर निर्भर हैं। मंदिर कमेटी ने 7 धर्मशालाओं में 419 युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया है।
मेनार राजस्थान-
बीते वर्ष पर्यटन के लिए सिल्वर श्रेणी में चुने गए मेनार की पहचान तो वर्ल्ड विलेज के रूप में है। यहां 20 हजार पर्यटक आते हैं। अब तक 300 से ज्यादा विदेशी पर्यटक आ चुके हैं। बावजूद इसके यहां के गांव के लोंगों के जीवन में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलता ।
■ छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का किया उद्घाटन, ■ पर्यावरणीय संकट से निबटने में समान रूप से सहभागिता ■ छत्तीसगढ़ ने पूरा किया 4 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य ■ जलवायु परिवर्तन से निबटने छग में हो रहा बेहतर काम
■ पिछले 10 सालों में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर करीब , 2200 लोगों ने जान गंवाई है ओडिशा में ■ ओडिशा आकाशीय बिजली से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में से एक है ■ ओडिशा में ताड़ के मौजूदा पेड़ों को काटने पर भी रोक
● यात्रा करते समय चौकन्ने रहने की सलाह
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