सुप्रीम कोर्टने कहा- बिना सहमति संबंधों को माना दुष्कर्म तो नष्ट होगी विवाह संस्था
■ केन्द्र मैरिटल रेप को अपराध बनाने के खिलाफ
● कॉलेज और विश्वविद्यालयों को अब मिलेगा लेवल ऑफ एक्सीलेंस
नई दिल्ली। देश के उच्च शिक्षण संस्थानों को नैक की ओर से मिलने वाला ग्रेडिंग सिस्टम खत्म हो रहा है। इसकी जगह बाइनरी सिस्टम लागू होगा। जैसा कि नाम से जाहिर है इनमें दो किस्म के संस्थान ही होंगे- एक मान्यता प्राप्त और दूसरा गैर मान्यता प्राप्त । यह बदलाव या नई व्यवस्था इसी साल के दिसंबर माह से लागू होगी।
नई व्यवस्था में मान्यता प्राप्त संस्थानों को लेवल ऑफ एक्सीलेंस मिलेंगे। उन्हें परिपक्वता के आधार पर केवल-1,2,3,4 और 5 तक लेवल मिलेंगे। कहा गया है कि इसे इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री केपिसेटी मैच्युरिटी मॉडल की तरह समझ सकते हैं। इसी तरह एजुकेशन सेक्टर में एक्सीलेंस लेवल होंगे। इंडस्ट्री की तरह शिक्षण संस्थानों का लेवल वर्गीकरण करने वाला भारत पहला देश होगा।
बाइनरी सिस्टम लागू होते ही मौजूदा सात 7 ग्रेड वाला ( ए - प्लस प्लस , ए -प्लस , ए, बी -प्लस प्लस, बी -प्लस, बी और सी ग्रेड ) वाला सिस्टम खत्म हो जाएगा। हालांकि केवल सिस्टम की परिभाषा तय करने में पांच से छह महीने
लगने की संभावना है और दिसंबर से ही संस्थानों की परिपक्वता के आधार पर लेवल ऑफ एक्सीलेंस हासिल करने का मौका मिलेगा।
नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल ( नैक) की कार्यकारी परिषद के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्रबुध्दे ने बताया कि लेवल ऑफ एक्सीलेंस -1,2,3 और 4 नेशनल जबकि लेवल 5 पांच इंटरनेशनल होगा। किसी संस्थान को यह अपने आप नहीं मिल जाएगा। एक कमेटी हर लेवल के मानक तय करेगी और उन्हें पूरा करने पर संस्थान लेवल 1,2 और 3 का होगा। इन मानकों में पेटेंट, रिसर्च पब्लिकेशन, इनोवेशन, प्लेसमेंट समाज पर असर आदि बातें शामिल हैं।
इन्हें पूरा करने पर कोई संस्थान लेवल के लिए आवेदन करने का हकदार बनता है। आवेदन के बाद दावों का सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के बाद ही उचित लेवह हासिल किया जा सकेगा।
नेट स्कोर से अब सीधे पीएचडी में एडमिशन नई दिल्ली । अब छात्र नेट के स्कोर से सीधे पीएचडी में एडमिशन ले सकेंगे। अभी तो कई यूनिवर्सिटी अपने पीएचडी कार्यक्रमों में एडमिशन के लिए अलग से एंट्रेंस एक्जाम लेते हैं। ऐसे में छात्रों को कई किस्म की एंट्रेंस परीक्षाएं देनी होती है। यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बताया कि - फैसले का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रवेश प्रक्रिया को व्यवस्थित करना है। मालूम हो कि यूजीसी वर्ष में दो बार ( जून व दिसंबर ) में राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा (नेट) लेता है। वर्तमान में नेट स्कोर का इस्तेमाल जूनियर रिसर्च फेलो ( जेआरएफ) देने और सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति की पात्रता के रूप में होता है। |
■ केन्द्र मैरिटल रेप को अपराध बनाने के खिलाफ
■ तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को जमानत, शीर्ष कोर्ट ने कहा केस पूरा होने में अत्यधिक देरी और जमानत देने की उच्च सीमा एक साथ नहीं चल सकती
● एक राष्ट्र एक छात्र- अपार आई डी योजना का जल्द क्रियान्वयन होगा ● आई डी आजीवन रहेगी और डीजी लॉकर के जरिए आसानी से उपलब्ध होगी ● कक्षा पहली से 12 वीं तक हर विद्यार्थी की बनेगी अपार आई डी ● सबसे पहले 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों का बनेगा ● बच्चों की शारीरिक प्रगति और उपलब्धियों की जानकारी रहेगी इसमेंं ● स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किए दिशा निर्देश
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
Address
Raipur
Phone
+(91) 9893260359