• 28 Apr, 2025

सिक्किम में तबाही- बादल फटा, फौज का कैंप तबाह, 22 जवान सहित 82 का अता-पता नहीं

सिक्किम में तबाही- बादल फटा, फौज का कैंप तबाह, 22 जवान सहित 82 का अता-पता नहीं

• तीन हजार सैलानी भी फंसे... • जहां बादल फटा वहां से चीन सीमा सिर्फ 5 किमी दूर है • दस की मौत, चार हजार को सुरक्षित निकाला

गंगटोक, गुवाहाटी। लोहनक झील उत्तर सिक्किम का खूबसूरत झील है यहां सैलानियों की रेला लगा रहता है पर एक कुदरती हादसे ने यहां की सारी तस्वीर ही मिनटों में बदल दी। इसी झील पर बुधवार 4 अक्टूबर को बादल फटने से तीस्ता नदी के बेसिन में बाढ़ से जबरदस्त तबाही हुई है। बारदांग में सेना के कैंप से 22 जवानों का अता पता नहीं है।  

   फौज के प्रवक्ता  लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि अचानक बहुत भारी मात्रा में हुए जल भराव से चुंगथम बांध टूट गया। बांध के कैचमेंट एरिया में 20 फिट तक पानी चढ़ आया । एक लापता सैनिक के मिलने की खबर है। मलबों में सेना के 41 वाहन भी दब गए। इसमें दस लोगों के मारे जाने और 60 अन्य लोगों के लापता होने की जानकारी हुई है। यहां तीन हजार पर्यटक फंसे हुए हैं और पूरे इलाके में बिजली गुल है।

   सैकड़ों गांव मुख्य मार्गों से कट गए हैं। राज्य सरकार ने तो इसे आपदा घोषित किया है। कुछ इलाकों में दो घंटों में 15 इंच तक बारिश दर्ज की गई है। सिक्किम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे नंबर 10 के कई हिस्से बाढ़ में बह गए। दिखचू, सिंगटम और रांगपो शहर जलमग्न हो गए हैं।

बादल क्यों फटा – क्या कहते हैं विशेषज्ञ 
• कहते हैं ग्लोबल वार्मिंग का असर है, नमी एक साथ रिलीज होने से भारी बारिश हुई .....

तापमान बढ़ने पर हवा में नमी को ज्यादा मात्रा में थामे रखने की क्षमता बढ़ती है। हवा में ज्यादा देर तक नमी के रह जाने से लम्बे समय तक बारिश नहीं होती। परिस्थिति बदलने पर जब हवा से एक साथ सारी नमी रिलीज होकर भारी बारिश का कारण बनाती है तो अचानक इसी से बादल फटने की आशंका भी बनती है। सिक्किम में बुधवार 4 अक्टूबर को जो हुआ वह इसी तरह बादल फटना ही कहा जा रहा है। 

बादल फटने की वजह ग्लोबल वार्मिंग भी है। इस तरह की घटना पहाड़ी इलाकों में ज्यादा होती हैं। देश में बारिश की निगरानी का बेहतरीन तंत्र है।  लेकिन इस तरह पहाड़ी इलाकों में भयानक हादसों को रोकने के लिए बहुत ही हाईडेंसिटी और हाई रिजाल्युशन मॉनिटरिंग सिस्टम होना चाहिए। अभी हमारे पास बादल फटने की घटनाओं की रिकॉर्डिंग करने के लिए उपयुक्त निगरानी सिस्टम नहीं है। 

सिक्किम की लाचेन घाटी के ऊपरी क्षेत्र में लम्बे समय से सेना की तैनाती रही है। बादल फटने वाली जगह से लगभग पांच किमी दूरी पर चीन की सीमा है। सामरिक रूप से यह इलाका काफी अहम माना जाता है। 18 हजार फिट से ज्यादा की ऊंचाई वाले इस स्थान पर अत्यधिक सर्दी और बर्फीले तुफान की हमेशा आशंका बनी रहती है।