• 28 Apr, 2025

नेपाल में भयंकर बारिश से बिहार में आफत, 30 लाख लोग प्रभावित …

नेपाल में भयंकर बारिश से बिहार में आफत, 30 लाख लोग प्रभावित  …

● सितंबर महीने के आखिरी हफ्ते में मूसलाधार बारिश ने बिगाड़े हालात ● कोसी-गंडक ने लिया रौद्र रूप, सुरक्षित जगहों में पहुंचाए जा रहे लोग

नई दिल्ली/ पटना।  हिमालयन क्षेत्र में सितंबर के आखिरी दिनों में कहर की बारिश ने नेपाल के पूर्वी हिस्से और बिहार में आफत ला दी है। बिहार पर तो कोसी और गंडक के रौैद्र रूप में आने से कहर ही टूट पड़ा है। कोसी और गंडक के अलावा बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला, बलान, महानंदा और गंगा नदी ऊफान पर हैं। इधर कोसी नदी के बीरपुर बैराज के सभी 56 और गंडक नदी के वाल्मिकी बैराज के सभी 36 फाटक खोल दिये गए हैं।  गंभीर बाढ़ के खतरे को देखते हुए बिहार के उत्तर, दक्षिण और मध्य क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। नदियों के किनारे और निचले हिस्से में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है। राज्य के लगभग 26 जिलों में कोई 30 लाख लोग बाढ़ के प्रकोप से प्रभावित हैं। बचाव टीमों को जगह -जगह तैनात किया गया है।

    राज्य आपदा प्रबंधन और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने रविवार 29 सितंबर को बताया कि सुबह 5 पांच बजे तक कोसी नदी पर बने बिरनपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जो पिछले 56 साल तक के इतिहास का सर्वाधिक है। इससे पहले 1968 में इस बांध से 7.88  लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मिकीनगर में गंडक नदी पर बैराज से भी सुबह 10 बजे तक 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। बांध से इससे अधिक 6.39 लाख क्यूसेक पानी 2003 में छोड़ा गया था। इसके चलते 13 जिलों  में लगभग 17 लाख लोग बाढ़ और नदियों के जल स्तर में वृध्दि से प्रभावित हुए थे। प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।  केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नृत्यानंद राय ने रविवार 29 सितंबर को नेशनल डिसास्टर रिलीफ फोर्स (एनडीआरएफ) के साथ बैठक भी की और बचाव कार्यों के लिए की जा रही तैयारियों का जायजा लिया।

सीतामढ़ी जिले में बागमती का तटबंध टूटा, कई गांव जलमग्न

अफसरों के अनुसार सीतामढ़ी जिले के बागमती नदी पर बना तटबंध 29 सितंबर को पानी के भयंकर दबाव से टूट गया इसके साथ कई गांंव और निचले इलाके जलमग्न हो गए। जिला प्रशासन ने प्रभावित गांवों से लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा है और तटबंध की मरम्मत का काम युध्द स्तर पर शुरु करा दिया है। भारी बारिश के कारण इसी रात गोपालपुर के पास कोसी नदी के पूर्वी तट पर बने तटबंध से भी रिसाव शुरू हो गया था जिसे जल संसाधन विभाग के  इंजीनियरों ने बंद कर दिया।

  • कोसी और गंडक बैराज के फाटक खोले जाने से पश्चिम और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपैला, कटिहार , पूर्णिया और कई अन्य जिलों में निचले इलाकों में पानी भर गया है। 
  • गंगा नदी में उफान से बक्सर, भोजपुर, पटना, सारण, समस्तीपुर, बेगुसराय, मुंगेर और भागलपुर जिलों में पहले से ही बाढ़ जैसे हालात कायम है। इन जिलों में बाढ से 13 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 

उत्तर भारत में बाढ़ की स्थिति गंभीर, केन्द्र नहीं दे रहा मदद-ममता बेनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने कहा है कि राज्य के उत्तरी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बहुत खराब है लेकिन केन्द्र सरकार की तरफ से इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है। 
 कूचबेहार जिले में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने जा रही ममता बेनर्जी ने पत्रकारों से कहा कि स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार युध्द स्तर पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने फरक्का बांध की मरम्मत नहीं कराई। इसके चलते वहा पानी भंडारण की क्षमता बहुत घट गई है।

हिमाचल में बारिश से 22 सड़कें बंद-
    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, शिमला, सिरमौर, मंडी  और कुल्लू मे समेत कई जिलोंं में 29 सितंबर रविवार को हल्की बारिश हुई और इसी में कई जगहों पर सड़केंं टूट गई और पहाड़ टूटकर सड़कों पर गिरने से आवाजाही बंद हो गई। कुल 22 सड़कोंं को भूस्खलन और बारिश के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। बारिश के चलते 148 बिजली आपूर्ति संयंत्र भी प्रभावित हुए हैं। हालांकि इस दौरान कहीं से भी किसी तरह के जान-माल की नुकसान की कोई खबर नहीं है।