• 28 Apr, 2025

छ्त्तीसगढ़ न्यायिक सेवा नियम में अहम संशोधन

छ्त्तीसगढ़ न्यायिक सेवा नियम में अहम संशोधन

● सिविल जज बनना है तो लॉ की डिग्री और बार में रजिस्ट्रेशन जरूरी --

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में अब न्यायिक अधिकारी बनने के लिए नियम में संशोधन किया गया है यानी अभ्यर्थियों को अब नई प्रक्रिया से गुजरना होगा। सिविल जज परीक्षा में शामिल  होने के लिए अब विधि में स्नातक की डिग्री होने के साथ साथ स्टेट बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में रिजस्ट्रेशन जरूर कर दिया गया है। 
  
  ऐसा राज्यपाल, हाई कोर्ट और पीएससी से परामर्श के बाद छत्तीसगढ़ निम्नतर न्यायिक सेवा( भर्ती और सेवा शर्तें) नियम में बदलाव किये गए हैं। इस संबंध में राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किया गया है।   इसके साथ ही दो और संशोधन किये गए हैं उनमें पहला है -इस्तीफे  के लिए तीन माह पूर्व सूचना या फिर पद त्याग के समय तीन माह का वेतन छोड़ना होगा। इससे पहले अब तक एक माह की पूर्व सूचना अथवा एक माह का वेतन छोड़ने का नियम था।  दूसरा -छत्तीसगड़ सिविल जज की प्रारंभिक परीक्षा में छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान होना भी तय किया गया है। इसका फायदा स्थानीय युवाओं को मिलेगा। बदलाव को लेकर विधि-विधायी  विभाग के प्रमुख सचिव रजनीश श्रीवास्तव का कहना है कि छत्तीसगढ़ को जानने वाले न्यायिक पदों पर आएंगे तो इसका लाभ मिलेगा। संवेदनशीलता बढ़ेगी।

   दूसरी ओर इधर देश में वकीलों की शीर्ष संस्था बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया  ( बीसीआई) ने 2022 में जज बनने के लिए कम से कम तीन साल की वकालत  अनिवार्य करने की मांग की थी। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि वकील के तौर पर किसी भी जज को व्यावहारिक अनुभव बहुत जरूरी है क्योंकि अधिकतर गैर अनुभवी न्यायिक अधिकारी मामले को निपटाने में अकुशल पाए गए हैं। 

  • अब तक विधि स्नातक बनते हैं सिविल जज

अब  तक की व्यवस्था के तहत विधि में स्नातक की परीक्षा पास करने वाले भी सिविल जज बनते रहे हैं। प्रदेश की न्यायिक सेवा में बड़ी संख्या में ऐसे न्यायिक अधिकारी हैं जिन्होंने विधि में स्नातक करने के बाद सिविल जज की परीक्षा पास की थी। संशोधन के बाद अब स्टेट बार कॉउंसिल में पंजीयन जरूरी होगा।

  • स्टूडेंट्स की मुश्किल , 8 माह की प्रक्रिया

अधिवक्ता अधिनियम 1961 में नामांकित होने का आशय है 1000 रुपये का फार्म लेकर 16500 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क देना होगा। साल में दो बार परीक्षा होगी। रिजल्ट में चार माह लगते हैं । पास होने पर दस हजार रुपये आजीवन सदस्यता शुल्क लगेगा। इस तरह 8 महीने की प्रक्रिया और 31000 रुपये खर्च कर सिविल जज परीक्षा दे पाएंगे।

  • विशेषज्ञ का नजरिया-

स्टेट बार कॉउंसिल में रजिस्ट्रेश के तीन स्लैब हैं। अभी 30 वर्ष तक 16500 रुपये, 40 वालों से 17500 रु, 45 वर्ष वालों से 18500 रु लिये जाते हैं। पूर्व में नियम था कि सिविल जज परीक्षा में शामिल होने के लिए लॉ डिग्री के लिए तीन साल का प्रैक्टिस का अनुभव जरूरी था। जैसे डॉक्टर , सीए का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, वैसे ही ये संशोधन जरूरी था। बीसीआई ने इसकी सिफारिस की थी। -- सुनील कोटवानी, कार्यकारी सदस्य , स्टेट बार कॉउंसिल छत्तीसगढ़।

  • अनुभवी और योग्य कैंडिडेट मिलेंगे-

स्टेट बार कॉउंसिल में रजिस्ट्रेशन होने से अनुभवी और योग्य कैंडिडेट मिलेंगे । सामान्य ज्ञान में छत्तीसगढ़ के विषयों को शामिल करने से  स्थानीय अभ्यर्थियों को लाभ होगा। प्रदेश के बारे में जानने की उत्सुकता भी बढ़ेगी। इन बातों को ध्यान में रखकर निर्णय हुआ है। 
 -अरुण साव, डिप्टी सीएम, विधि विधायी मंत्री, छत्तीसगढ़।