• 28 Apr, 2025

वक्फ बोर्ड की कम होंगी शक्तियां ,किसी संपत्ति को अपना घोषित नहीं कर पाएंगे

वक्फ बोर्ड की कम होंगी शक्तियां ,किसी संपत्ति को अपना घोषित नहीं कर पाएंगे

● बोर्ड की संरचना में होगा बदलाव, महिलाओं की भागीदारी जरूरी

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने की तैयारी में है। निकट भविष्य में पहले की तरह वक्फ बोर्ड किसी भी संपति को अपना घोषित नहीं कर पाएंगे। उन्हें अपने बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी भी तय करनी होगी। सूत्रों से पता चला है कि मोदी सरकार सोमवार 5 अगस्त को वक्फ बोर्ड अधिनियम 1954 में संशोधन के लिए विधेयक पेश करने की तैयारी में है। विधेयक के मसौदे पर कैबिनेट की मोहर लग चुकी है। विधेयक पेश होने से पहले भाजपा सहयोगियों को साधने में जुट गई है।

प्रस्तावित संशोधित विधेयक के जरिये वक्फ बोर्ड अधिनियम में 40 अहम संशोधन का प्रस्ताव है। उदाहरण के लिए सेन्ट्रल वक्फ काउंसिल और राज्य वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव के लिए अधिनियम की धारा 9 और 14 में संशोधन किया जाएगा। इस संशोधन के बाद काउंसिल और बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य हो जाएगा। संशोधन में सबसे अहम प्रावधान वक्फ बोर्ड की शक्तियां कम करने का है। विधेयक के प्रस्ताव के मुताबिक वक्फ बोर्ड की हर दावे वाली विवादित जमीन का नए सिरे से सत्यापन होगा। बोर्ड जिन संपत्तियों पर दावा करेंगे उन संपत्तियों का सत्यापन जरूरी होगा। उन विवादित जमीनों के सत्यापन का भी उसमें प्रावधान है जिसमें वक्फ बोर्ड और मालिकान के बीच विवाद है।

  • बदलाव कबूल नहीं-
    ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ सयैद कासिम रसूल इलियास ने कहा है कि वक्फ एक्ट 2013 में कोई भी ऐसा बदलाव हरगिज कुबूल नहीं होगा जिसमें वक्फ संपत्तियों की हैसियत व प्रकृति बदल जाय या उसे हड़पना सरकार या किसी अन्य वक्ति के लिए आसान हो जाए।
     
  • नरसिंम्हा राव और यूपीए सरकार ने दीं असीमित शक्तियां-
    वक्फ बोर्ड अधिनियम 1954 में पहले वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां नहीं दी गईं थीं। साल 1965 में नरसिम्हा राव सरकार ओर 2013 में यूपीए- 2 की सरकार के दौरान अधिनियम में संशोधन के जरिये बोर्ड को असीमित शक्तियां दी गईं। इनके जरिये यह तय किया गया कि यदि बोर्ड किसी भी संपत्ति पर दावा कर दे तो वह वक्फ की संपत्ति मानी जाएगी।

1- बेहद अमीर है वक्फ बोर्ड
इस समय देशभर में 30 वक्फ बोर्ड्स हैं इनके पास 8.7 लाख अचल संपत्तियां हैं। सबसे अमीर बोर्ड यूपी, दिल्ली और बिहार का है।

  • स्वायत्तता खत्म करना चाहती है सरकार -ओवैसी
    हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद अल मुस्लेमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष सैय्यद असद्दुद्दी ओवैसी ने वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन के केन्द्र के प्रयास को बोर्ड की स्वायत्तता खत्म करने वाला बताया। ओवैसी ने केन्द्र पर हिन्दुत्व के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा शुरू से ही इन बोर्डों और उनकी संपत्तियों के खिलाफ रही है।
     
  • कोर्ट नहीं जा सकते-
    अभी यह प्रावधान है कि यदि आपकी संपत्ति को बोर्ड की संपत्ति बता दी गई तो आप उसके खिलाफ कोर्ट नहीं जा सकते। आपको वक्फ बोर्ड से ही गुहार लगानी होगी। वक्फ बोर्ड का फैसला आपके खिलाफ आया तो भी आप कोर्ट नहीं जा सकते। तब ऐसी स्थिति में आप वक्फ ट्रिब्यूनल में जा सकते हैं। इस ट्रिब्यूनल में प्रशासनिक अधिकारी होते हैं । इसमें गैर मुस्लिम भी हो सकते हैं । वक्फ एक्ट का सेक्शन 85 कहता है कि ट्रिब्युनल के फैसले को कोई हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती है।
     
  • अनिवार्य होगा सत्यापन- एक रिपोर्ट के मुताबिक वक्फ बोर्ड में एक बड़ा बदलाव प्रस्तावित है जिसके अनुसार वक्फ बोर्ड अगर किसी प्रापर्टी पर दावा करती है तो इसका सत्यापन यानी वैरिफिकेशन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। वहीं जिन संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड या किसी आम व्यक्ति के बीच लड़ाई चल रही है तो उसमें भी वैरिफिकेशन को अनिवार्य करने की शर्त रखी गई है।
     
  • लगातार हो रही थी मांग- सूत्रों ने कहा कि इस तरह के कानूनों की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि मुस्लिम बुध्दिजीवियों , महिलाओं और शिया -बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों के लोग मौजूदा कानून में बदलाव की कई बार मांग करते रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संशोधन लाने की तैयारी 2024 के लोकसभा चुनाव से काफी पहले ही शुरू हो गई थी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ओमान, सऊदी अरब और दीगर इस्लामिक देशों के कानुनों पर निगाह डालने पर पता चलता है कि इनमें से किसी भी देश ने किसी एक संस्था को इतनी व्यापक शक्तियां नहीं दी हैं।