• 28 Apr, 2025

वेतन - भत्ते वाले 10 पेशों में सिर्फ सांसदो-विधायकों का वेतन बढ़ा

वेतन - भत्ते वाले 10 पेशों में  सिर्फ सांसदो-विधायकों का वेतन बढ़ा

■ असंतुलन- नीति आयोग के वर्किंग पेपर से चौकाने वाला खुलासा ■ वेतनभोगी कर्मियों की मांग घट गई, औपचारिक रोजगार दोगुना

नई दिल्ली।  देश में किसी और का वेतन-भत्ता बढ़े या नहीं बढ़े लेकिन यह जानकर किसी को भी हैरानी होगी कि 2018-2023 के बीच इन छह सालों में सिर्फ सांसदों- विधायकों के वेतन और भत्ते सही मायनों में बढे़ हैं। यह खुलासा नीति आयोग के जुलाई में प्रकाशित वर्किंग पेपर से हुआ है। इसमें कहा गया है कि सांसदो-विधायकों को पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे के 10 विभिन्न पेशों की पहली श्रेणी में रखा गया है जिनमें विधायी प्रोफेशनल्स के अलावा सीनियर आफिसर्स और मैनजर शामिल है।

   आयोग का वह वर्किंग पेपर विकसित भारत के लिए जॉब क्रियटर्स को आगे लाने और प्रगति के इंजनों को सशक्त बनाने पर केन्द्रित है। इनमें ईपीएफओ और अन्य आकड़ों के आधार पर मूल्यांकन अवधि में वेतन और भत्तों में बढोतरी को भी आंका गया है। जनप्रतिनिधियों के अलावा प्लांट मशीन वर्कर्स की श्रेणी मे भी वेतन भत्ते बढ़े हैं।

  • छह तरह के कामगारों के वेतन-भत्ते में गिरावट रही
  • पेपर के अनुसार 2018- 2023 के बीच सबसे बड़ा आश्चर्य यह रहा कि औपचारिक रोजगार दोगुना होने के बावजूद  वेतन भोगी वर्करों की मांग उनकी सप्लाई के मुकाबले घटी है। यह निष्कर्ष ईपीएफओ के आंकड़ों के आधार पर निकाला गया है।
  • सभी प्रकार के रियल वेजेस एंड सैलरीड वर्कर्स में कमी के पैटर्न के बारे मे वर्किंग पेपर मे कहा है कि ग्लोबल सप्लाई में बाधा और कमो़डिटी में उथल- पुथल इसके कारण हो सकते हैं।
  • दूसरी ओर कैजुअल वर्कर्स के रियल वेजेस में हर श्रेणी में बढोत्तरी हुई है। इनमें भी क्लर्क और प्रोफेशनल के वेतन -भत्ते अपवाद हैं। केजुअल लेबर्स के रियल वेजेस में सबसे 
    अधिक 2.8 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है जबकि जॉब ग्रोथ सिर्फ 0.6 प्रश रही।
  • जॉब स्किलिंग में कमजोरी का संकेत यह है कि हर प्रकार वर्कर्स भले ही वे सेल्फ एम्पलायड हो, वेतनभोगी हों या कैजुअल हों सब में क्लर्कों के वेतनभत्तों में गिरावट दर्ज की गई है।

दस प्रमुख पेशे

कुशल और पेशेवर कामगार भी शामिल…….

लेबर फोर्स के दस प्रमुख पेशे-

  • लेजिस्लेटर्स सीनियर ऑफिसर मैनेजर ( लेजिस्लेटर्स में सांसद, विधायक, विधानपरिषद सदस्य शामिल हैं) 
  • स्किल्ड एग्रीकल्चर और फिशरीज वर्कर्स 
  • क्राफ्ट व संबध्द कारोबार वर्कर . 
  • प्रोफेशनल्स .टेक्निशियन्स एवं एसोसियेट प्रोफेशनल. क्लर्क 
  • सर्विस वर्कर, शॉप एवं मार्केट वर्कर्स 
  • प्लांट एवं मशीन ऑपरेटर
  • एलीमेंटरी आक्यूपेशन और ऐसे वर्कर जो आक्युपेशन के कैटेगरी में शामिल नही  हैं। 
  • उद्योगों के लिए अलग से 6 पेशों का चयन किया गया है और वर्किंग पेपर के अनुसार इनमें सिर्फ कृषि एवं सम्बध्द सेवाओं का रियल वेजेस बढ़ा है।