(1) केदारनाथ, यमुनोत्री धाम के कपाट खुले, चारधाम यात्रा शुरू ( फोटो कैप्शन जैसा )
देहरादून। केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट छह माह बंद रहने के बाद शुक्रवार 10 मई को अक्षय तृतीया के पर्व पर श्रध्दालुओं के लिए खोल दिये गए। इसी के साथ इस वर्ष की चार धाम यात्रा की शुरुआत भी हो गई। धामों के कपाट सुबह सात बजे खुले और इस दौरान बड़ी संख्या में श्रध्दालु मौजूद रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी अपनी पत्नी गीता के साथ केदारनाथ में द्वार खोले जाने की प्रक्रिया के साक्षी बने। बम-बम भोले और बाबा केदारनाथ की जय के उद्घोष के साथ केदारनाथ मंदिर का मुख्य द्वार श्रध्दालुओं के लिए खोल दिया गया।
(2) नमक काला हो या सफेद नुकसान बराबर, घी से बेहतर तेल
नई दिल्ली। एक शोध से पता चला है कि देश में आधी से अधिक बीमारियों की वजह अनहेल्दी डायट यानी कि अस्वास्थ्यकर खाना ही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के एक शोध में सामने आया है कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड के इस्तेमाल के कारण बीमारियों का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। देश में 56.4 फीसदी बीमारियां ऐसे ही भोजन खाने से हो रही हैं । आईसीएमआर के शोध के अनुसार नमक चाहे काला हो सफेद हो या सेंधा इसके अधिक इस्तेमाल से नुकसान तो बराबर का ही होता है। रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि घी से बेहतर तो तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। घी, पाम आयल और नारियल तेल में सेचुरेटेड फैटी एसिड सबसे ज्यादा होते हैं। भारतीय थाली में तीन तरह के फैटी एसिड और सेचुरेटेड फैट होते हैं। इसी के कारण दिल से जुड़ी बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि यही कारण है कि इन्हें तत्काल प्रभाव से कम करना शुरू कर देना चाहते हैं। रोकथाम के तरीके सुझाते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि खानपान को हेल्दी बनाकर समय से पहले होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। शुगर और फैट युक्त खाद्य पदार्थों की बढ़ती खपत , कम शारीरिक गतिविधियों और बढ़ते वजन की समस्याओं ने सेहत पर बुरा
प्रभाव डाला है। अनहेल्दी खाने से भारतीय जल्दी बूढे हो रहे हैं।
- आईसीएमआर ने हमारे खाने में किन चीजों की कितनी मात्रा होनी चाहिए इसे लेकर 13 साल बाद एक गाइडलाइन जारी की है। इनमें नमक और शकर के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट में रेखांकित करते हुए कहा गया है कि एक वय्क्ति को स्वस्थ्य रहने के लिए 1200 सौ ग्राम भोजन करना जरूरी है। हमारी थाली में 100 ग्राम फल, 400 ग्राम सब्जियां, 300 ग्राम दूध-दही या 85 ग्राम दाल अंडा और 35 ग्राम मेवा बीज और 250 अनाज का सेवन जरूरी बताया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक हेल्दी डायट और शारीरिक गतिविधियों को ल बढ़ाकर डायबीटीज के खतरे को 80 फीसदी और हाई बीपी के खतरे को बई कम किया जा सकता है।
- 65 फीसदी बीमारियों की वजह हैं
- आईसीएमआर के मुताबिक चिप्स, आईसक्रीम सहित सभी तरह के अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड सेहत के लिए काफी हानिकारक है। इनमें उच्च मात्रा में वसा शकर और नमक होता है। इन सब से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।
(3) महिला सुरक्षाकर्मी ने कंगना रनौत को थप्पड़ मारा
नव निर्वाचित भाजपा सांसद कंगना रनौत को चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीआईएसएफ की महिला सुरक्षाकर्मी ने थप्पड़ मार दिया। यह घटना गुरुवार को हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच के दौरान हुई। सीआईएसएफ ने सुरक्षाकर्मी को निलंबित कर रिपोर्ट दर्ज कराई है। कहा गया है कि घटना के संबंध में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का भी आदेश दिया गया है। आरोपी सुरक्षाकर्मी कुलविंदर कौर किसान आंदोलन के समय कंगना रनौत की टिप्पणी से नाराज थीं। रनौत को चंडीगढ़ से दिल्ली जाना था।सुरक्षा जांच के दौरान सुरक्षाकर्मी कुलविंदर कौर ने कंगना रनौत से सवाल किया मैडम आपकी पार्टी किसानों के लिए कुछ क्यों नहीं कर रही है। साथ ही कुलविंदर ने किसान आंदोलन के दौरान कंगना द्वारा की गई टिप्पणी पर सवाल किया तो दोनों के बीच बहस होने लगी। आरोप है कि इसी बीच कुलविंदर ने कंगना को थप्पड़ मार दिया ।
(4) सरकार ने निवेशकों के 30 लाख करोड़ डुबोए हैं- राहुल गांधी
नई दिल्ली । केन्द्र में नई सरकार के गठन से पहले विपक्ष ने उसकी घेरेबंदी शुरू कर दी है। गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के मतगणना वाले दिन यानी चार 4 जून को शेयर मार्केट में करीब 30 लाख करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इसमें सरकार की भूमिका और एक्जिट पोल करने वालों की भूमिका की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के जेपीसी के गठन की मांग राहुल गांधी ने की। राहुल गांधी का कहना है कि प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने चुनावी रैलियों में शेयर मार्केट के बारे में बयान दिया और लोगों के पैसे लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जबकि उन्हें पता था कि भाजपा को बहुमत नहीं मिलने जा रहा है। और इस तरह कि स्थिति में बाजार नही चढ़ेगा। उन्होंने तो यह भी कहा कि टीवी चैनल पर एक जून को प्रसारित हुए एक्जिट पोल के जरिये भी मार्केट को चढ़ाने की कोशिश की गई। दूसरी ओर राहुल गांधी के इस आरोप के बाद भाजपा ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर इस तरह के बयान के जरिये घरेलू और विदेशी निवेशकों को डराने की साजिश रचने का आरोप लगाया। भाजपा ने यह भी दावा किया कि पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार के लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटते ही शेयर बाज़ार में तेजी आनी शुरू हो गई है। गोयल ने कहा कि राहुल गांधी ने 30 लाख करोड़ रुपये का जिक्र किया है जो एक काल्पनिक राशि है और इसका कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वे (गांधी) नहीं समझते यही कारण है कि भारत के लोग उन पर भरोसा नहीं करते। मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर उंगली उठाने सहित सबसे बड़े शेयर घोटाले का राहुल गांधी की ओर से आरोप लगाये जाने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दावा किया कि घरेलू निवेशकों ने वास्तव में पैसा बनाया जबकि विदेशी निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा।
(5) सीआरपीएफ के इतिहास में पहली बार रसोइयों और जलवाहकों को पदोन्नति
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल -केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ) के 85 साल लम्बे इतिहास में पहली बार कुल 2600 रसोइयों और जलवाहकों को पदोन्नत किया गया है। ये सभी कांस्टेबल सीआरपीएफ की सबसे निचली श्रेणी के पद हैं और बल की रीढ़ माने जाते हैं। एक आदेश के जरिये बुधवार 5 मई को 1700 रसोइयों और 900 जलवाहक कर्मियों को कांस्टेबल पद से हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नति दी गई। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ब्रिटिश काल में 1939 में गठित सीआरपीएफ के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। बल के गठन के बाद से ही इस श्रेणी के कर्मचारी इसका हिस्सा रहे हैं। यह कदम सीआरपीएफ की ओर से तैयार किये गए और बाद में गृह मंत्रालय की ओर से अनुमोदित एक प्रस्ताव के परिणामस्वरुप उठाया गया है। यह प्रस्ताव इन कर्मचारियों की उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए उनकी अन्य कैडर कर्मियों की तरह पदोन्नति सुनिश्चित करने के लिए लाया गया।
● 1983 -2006 के बीच की गई थी भर्ती --
पदोन्नत किए गए 2600 कर्मचारियों की भर्ती 1983- 2004 के बीच की गई थी, इनमें से बाकी कर्मियों को भी नियत समय में पदोन्नत किया जाएगा। 2016 में जब केन्द्र सरकार ने सांतवे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की थीं तब उन्हें रसोइया और जलवाहक का विशिष्ट कैडर नाम दिया गया था। केन्द्रीय सशस्त्र बल (सीएएसएफ ) के अफसर का कहना है कि पदानुक्रम के सबले निचले पायदान पर भर्ती किये गए इन कर्मियों को कभी पदोन्नत नहीं किया जा सका और औसतन 30-35 साल की सेवा के बाद अंततः उन्हें उसी पद से रिटायर होना पड़ा जिस पद पर उनकी भर्ती हुई थी।
(6) पीड़ित को मुआवजे का भुगतान सजा कम करने का आधार नहीं -सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ित को मुआवजे का भुगतान सजा कम करने का आधार नहीं हो सकता। आपराधिक मामले में पीड़ित को मुआवजा देने का उद्देश्य उन लोगों का पुनर्वास करना है जिन्हें अपराध के कारण नुकसान हुआ है या जिन्हें चोट पहुंची है। जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इसका नतीजा यह होगा कि अपराधियों के पास न्याय से बचने के लिए ढेर सारा पैसा होगा जिससे अपराधी पर कार्रवाई का मूल उद्देश्य ही विफल हो जाएगा। पीठ ने कहा कि मुआवजे का विचार पीड़ित विज्ञान के सिध्दांत पर आधारित है जो इस कठोर वास्तविकता को स्वीकार करता है कि दुर्भाग्यवश आपराधिक न्याय प्रणाली में पीड़ित को भुला दिया जाता है। पीड़ित को मुआवजा देना कोई दंडात्मक उपाय नहीं बल्कि सिर्फ क्षतिपूर्ति ही है। इसलिए उसका उस सजा से कोई संबंध नहीं है जो दंडात्मक प्रकृति की है।