• 28 Apr, 2025

सार समाचार- अक्टूबर 2024

सार समाचार- अक्टूबर 2024

(1) इलेक्ट्रिक दुपहिया खरीदार को पहले साल 10 हजार रु तक की सब्सिडी

नई दिल्ली। केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने गुरुवार 12 सितंबर को कहा कि इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहन खरीदने वाले पीएम-ई ड्राइव योजना के पहले वर्ष में अधिकतम 10,000 रुपये तक की सब्सिडी ले सकते हैं। योजना की शुरुआत जल्द ही होगी, कुमारस्वामी में संवाददाताओं से कहा कि इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहनों के लिए पीएम -ई योजना के तहत बैटरी पॉवर के आधार पर 5000 रुपये प्रतिकिलोवाट घंटा की सब्सिडी तय की गई है। हालांकि पहले साल में कुल प्रोत्साहन कुल 10 हजार रुपये से अधिक नहीं होगा। दूसरे साल से यह सब्सिडी 2500 रुपये प्रति किलोवॉट घंटा हो जाएगी यानी कुल लाभ 5000 रुपये से अधिक नहीं होगा।

कुमारस्वामी ने कहा कि ई-रिक्शा खरीदार पीएम ई ड्राइव योजना के तहत पहले साल में 25000 रुपये और दूसरे साल में 12500 रुपये की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।  मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक दुपहिया वाहनों के लिए  प्रतिकिलोवॉट सब्सिडी पहले साल 5000 रुपये और दूसरे साल 2500 रुपये है और यह लाभ दो साल तक जारी रहेगा। उन्होंने साफ किया कि प्रति दुपहिया वाहन पर अधिकतम लाभ पहले वर्ष में 10000 रुपये प्रति वाहन होगा और दूसरे वर्ष में घटा कर 5000 रुपये कर दिया जाएगा।

  • ई वाउचर जारी किया जाएगा-

योजान केे तहत पीएम-ई ड्राइव पोर्टल के जरिये एक आधार प्रमाणित ई- वाउचर जारी किया जाएगा. इस पर खरीदार और डीलर विधिवत हस्ताक्षर करेंगे और इसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। खरीदार को योजना के तहत प्रोत्साहन का लाभ लेने के लिए पोर्टल पर सेल्फी अपलोड करनी होगी।

(2 ) जल्द ही हवाई टैक्सी हकीकत बन जाएगीज - पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार 12 सितंबर को भारतीय नागर विमानन क्षेत्र की वृध्दि संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान के साथ हवाई यात्रा अब समावेशी हो गई है। पीएम मोदी ने कहा कि देश का बढ़ता मध्यवर्ग और उनसे पैदा हो रही मांग नागर विमानन क्षेत्र के लिए प्रेरक शक्ति है और उड़ान योजना ने हवाई यात्रा को समावेशी बना दिया है। कहा कि सरकार देश को उन्नत हवाई परिवहन के लिए तैयार कर रही है कहा कि जल्द ही हवाई टैक्सी एक हकीकत हो जाएगी।

पीएम मोदी ने यहां नागर विमानन पर दूसरे एशिया -प्रशांत मंत्री स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह क्षेत्र आर्थिक वृध्दि में प्रमुख भूमिका निभाता है और इसमें तमाम किस्म की नौकरियां पैदा होती हैं। कहा कि यह सुनिश्चित किये जाने का प्रयास किया जाना चाहिए कि आसमान सभी के लिए खुला रहे और लोगों का उड़ान भरने का सपना पूरा हो सके।

  • उड़ना योजना का 1.4 करोड़ लोगों ने लिया लाभ

पीएम मोदी ने कहा कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए लाई गई -उड़ान ( उड़े देश का आम नागरिक ) योजना के तहत 1.4 करोड़ अब तक हवाई यात्रा कर चुके हैं। इनमें निम्न मध्य वर्ग के लोगों का भी उड़ान भरने का सपना पूरा किया।

  • अंतरराष्ट्रीय बौध्द सर्किट बनाने का सुझाव

पीएम मोदी ने अबने संबोधन में  एक अंतरराष्ट्रीय बौध्द सर्किट बनाने का सुझाव दिया। 12 सिंतबर बुधवार को हुए इस सम्मेलन में एशिया प्रशांत क्षेत्र के विमानन और परिवहन मंत्री, नियामकीय निकाय और उद्योग विशेषज्ञ एकत्र हुए हैं। सम्मेलन में 29 देशों के लगभग 300 प्रतिनिधि शामिल हुए।

( 3 ) कच्चे तेल की वैश्विक कीमत कम होने से सस्ते हो सकते हैं  पेट्रोल -डीजल..

नई दिल्ली।  इन दिनों कच्चे तेल की कीमतो में भारी गिरावट  आ रही है इससे देश में पेट्रोल -डीजल के सस्ते होने की उम्मीद बढ गई है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने कहा है कि यदि कच्चे तेल की कीमत लंबे समय तक कम बनी रहती है तो तेल कंपनियां ईंधन की कीमत कम करने पर विचार करेंगी। अभी तो कई राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये और डीजल की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर बनी हुई है।  

   एक माह में कच्चा तेल 14 फीसदी घटकर 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे पहुंच गया है।  कहा जा रहा है कि इस गिरावट का भारत को ही सर्वाधिक फायदा होगा क्योंकि भारत ही कच्चेतेल का सबसे बड़ा आयातक  देश है। अमेरिका और चीन में मंदी की चिंता के कारण तेल के  दाम गिर रहे हैं। विश्लेषकोंं का मानना है कि तेल के दाम गिरने से पेंट, तेल वितरण कंपनियां और एयरलाइंस क्षेत्र में अधिक फायदा होगा।

  • चुनाव से पहले दो रुपये कम हुए थे दाम

दो साल पहले कच्चे तेल का दाम 90 से 100 डालर के बीच बना हुआ था लेकिन अब यह 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है। कच्चे तेल के दाम में गिरावट के बावजूद घरेलू बाज़ार में ग्राहकों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। तेल कंपनियों ने 18 माह में पहली बार इस साल आम चुनाव के ठीक पहले पेट्रोल और डीजल के दाम में दो रुपये प्रतिलीटर कटौती की थी।

(4) लोहे की कीमत में भारी गिरावट , लौह उद्योग हैरान

रायपुर।  भारी बारिश और  मांग की कमी के चलते लोहे की कीमत में भारी गिरावट आई है। रिटेल में 58 हजार रुपये प्रतिटन से गिरकर लोहा सीधे 48 हजार रुपये प्रति टन पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ स्पांज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी का कहना है कि एक्स फैक्ट्री लोहा 40 से 45 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा है। यह बीते दिनों में अभी तक की सबसे बड़ी गिरावट है। उनका कहना है कि बिजली की बढ़ी दरों की मार झेल रहे उद्योग इस गिरावट को झेल नहींं पाएंगे।

उधर गृह निर्माण में लगे लोगों के लिए लोहे की कीमतों में गिरावट एक अच्छा  मौका है। अब सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है तो लोहे की कीमत में गिरावट आई है। हालांकि कुछ उद्योगपतियों द्वारा चीन से आयात कम करने को  लेकर केन्द्र सरकार को पत्र लिखे जाने की भी बात की जा रही है।  इस बारे में मिलाी जानकारी के मुताबिक रिटेल मार्केट में गुरुवार को लोहा 48 रुपये प्रति किलो यानी 48 हजार रुपये प्रति टन था। उद्योग जगत का कहना है कि कुछ समय पहले तक लोहे की कीमत 58 हजार रुपये प्रति टन थी। इस दौरान 10 हजार रुपये प्रति टन की गिरावट देखी गई है। लोग इस गिरावट के पीछे चीन से आयात को वजह मान रहे हैं। रायपुर लौह उद्योग जगत का कहना है कि चीन में भारी मंदी चल रही है। लेकिन कार निर्माण से जुड़ी चादर चीन से ही आ रही है ऐसे में टीएमटी पर चीन की मंदी का कोई असर  नहीं है। लगातार हो रही बारिश के कारण बड़े -बड़े  निर्माण कार्यों के रुक जाने से भी लोहे की कीमतों में कमी आई है।  जानकारों का कहना है कि हर साल इस  तरह की मंदी आती है लेकिन इस साल एक्स फैक्ट्री लोहे कीमत 40 रुपये किलो तक गिर गया जो कि चिंता का विषय है।

  • मंत्री को फिर से लिखा पत्र -नचरानी

लोहे की कीमतों में आई गिरावट और अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा से पिछड़ने के बीच छत्तीसगढ़ स्पांज आयरन मैनुफैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नचरानी ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को एसोसिएशन ने 12 सितंबर को एक  बार फिर से पत्र लिखा है  इसमें उनसे एक मात्र मांग रखी है कि अन्य इस्पात उत्पादक राज्यों के समान 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली दर की जाए। इससे न केवल उद्योग सुचारु रूप से संचालित होंगे बल्कि हम सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक प्रदेश होने की दिशा में काम करेंगे।

( 5 ) 100 ई बस के लिए केन्द्र का हिस्सा मंजूर, राज्य के हिस्से का इंतजार  

रायपुर। रायपुर सहित दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर और कोरबा में इलेक्ट्रिक बस सुविधा के लिए केन्द्र शासन से 30 करोड़ 19 लाख रुपये जारी कर दिये गए हैं। बिलासपुर सांसद  व आवास और शहरी मामलों के केन्द्रीय मंत्री तोखन साहू ने 12 सितंबर को दिल्ली में 169 शहरों में पीपीपी  मॉडल पर 10 हजार इलेक्ट्रिक बस चलाने पीएम ई बस योजना की समीक्षा की। बैठक के बाद श्री साहू ने बताया कि इसमें छत्तीसगढ़ में बसों के लिए राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत छतीसगढ़ के चारों शहरों के लिए 240 ई बसों को मंजूरी दी गई है। इन चार शहरों में से रायपुर में सर्वाधिक 100 ई बसें चलेंगी। ये सभी बसें आमानाका और पंडरी बस डिपो में खड़ी होंगी। इन दोनो डिपो में सिविल वर्क के लिए केन्द्र के हिस्से के रूप में  आमानाका बस डिपो के लिए 9 करोड़ रुपये और पंडरी बस डिपो के लिए 6 करोड़ रुपये जारी भी हो चुके हैं। अब राज्य के हिस्से के लिए  शासन प्रशासकीय स्वीकृति देगा।

उल्लेखनीय है कि इसमें से इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन के लिए 100 फीसदी फंड केन्द्र से ही जारी किये जाएंगे। इसमें राज्य की भागीदारी नहीं रहेगी। केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन सिंह ने कहा कि यह पहल न केवल सार्वजनिक परिवहन की गुणवत्ता को बढ़ाएगी बल्कि शहरों में पर्यावरणीय स्थिरता लक्ष्योंं में भी योगदान देगी। उन्होंने पहल के व्यापक प्रभाव पर कहा कि यह एक बहुत ही अच्छी पहल है जो 2070 तक शुध्द शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचने के हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

  • चार्जिंग अधोसंरचना पर भी फोकस

इस योजना का मुख्य लक्ष्य डिपो के बुनियादी ढांचे के विकास और उन्नयन के साथ -साथ मीटर के पीछे बिजली के बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है, जैसे कि  ई-बसों के लिए सब स्टेशन । इस योजना में बुनियादी ढांचे, मल्टीमॉडल इंटरचेंज, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और एनसीएमसी आधारित स्वाचालित किराया संग्रह  प्रणाली शुरू होगी।

( 6 ) पांच लाख करोड़ का निवेश करेंगी सिंगापुर की कंपनियां

सिंगापुर।  भारत -सिंगापुर ने अपने पुराने रिश्तों को नया आयाम देते हुए व्यापक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील कर दिया है। पीएम नरेन्द्र मोदी की गुरुवार 5 सितंबर को सिंगापुर के पीएम लारेंस वोग के साथ मुलाकात के दौरान सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने समेत 4 समझौता ज्ञापनों ( एमओयू ) पर हस्ताक्षर किये गए ।

पीएम मोदी सिंगापुर के शीर्ष कारोबारियों से भी मिले। उन्होंने भारत में बढ़ते अवसरों का हवाला देते हुए तीन साल में निवेश दोगुना करने का आग्रह भी किया। इसके बाद सिंगापुर की कंपनियों ने अगले कुछ सालों में पांच लाख करोड़ रुपये निवेश की प्रतिबध्दता दोहराई।  

  • सेमीकंडक्टर और स्वास्थ्य समेत चार करार

दोनों देशों के बीच सेमीकंंडक्टर इकोसिस्टम पर साझेदारी के अलावा डिजिटल तकनीक, स्वास्थ्य , शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में अनेक समझौते किये गए। सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में हुए दोनोंं देशों के बीच करार को बहुत अहम माना जा रहा है। इसके तहत दोनों देश सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण पर फोकस करेंगे। सिंगापुर भारत के बढ़ते  सेमीकंडक्टर उद्योग का सहयोग करेगा वहीं सिंगापुर की कंपनियोंं को बढ़ते भारतीय बाजार में हिस्सेदारी की सुविधा भी मिलेगी। दोनों देश निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए इंटरप्राइज सिंगापुर व इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की तरफ से बिजनेस-टू- बिजनेस मंच स्थापित किया जाएगा।

  • सेमीकॉन इंडिया का न्यौता सेमीकंडक्टर कंंपनियों को -

पीएम मोदी ने सिंगापुर के पीएम वोंग के साथ सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में सिंंगापुर की अग्रणी कंपनी एईएम का दौरा किया । इस मौके पर इस क्षेत्र के कई और कंपनियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। जिन्हें मोदी ने 11 से 13 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में होने वाली सेमीकॉन इंडिया प्रदर्शनी में भाग  लेने के लिए आमंत्रित किया।

  • भारतीय प्रतिभा का मिलेगा लाभ

पीएम मोदी ने सिंगापुर मे के कारोबारी नेताओं के साथ राउंडटेबल बैठक में उन्हें विमानन, ऊर्जा और कौशल  विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश के अवसरों पर गौर करने को कहा है।  उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है । भारत के पास प्रतिभा है और पूरी दुनिया को इसका लाभ मिलेगा।

( 7)  तेलंगाना में भी पुलिस ने मार गिराए 6 माओवादी, छग से आ रही टीम को घेरा

हैदराबाद।  भद्राद्री कोठागुड़म जिले में गुरुवार 5 सितंबर को पुलिस और प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्यों के बीच गोलीबारी में माओवादी संगठन की दो महिला कैडर समेत छह 6 माओवादियों को मार गिराया गया। घटनास्थल से दो एके -47 रायफल, एक एसएलआर, एक प्वाइंट 303, एक पिस्टल और एक मैग्ज़ीन के साथ कारतूस के अलावा किटबैग औरअन्य सामग्री बरामद की गई है। कोत्तागुड़म एसपी रोहित राज ने पत्रकारों को बताया कि मारे गए नक्सलियों को बारे में पता साजी की जा रही है कि वे किस रैंक के थे। बरामद किये गए बडे़ हथियारों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि मारे गए नक्सलियों में डीवीसीएम रैंक के नक्सली  भी रहे हैं। मुठभेड़ में दो जवान घायल रहे हैं जिनकी स्थिति खतरे से बाहर है।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दोनो तरफ से हुई गोलीबारी में तेलंगाना पुलिस की नक्सल विरोधी शाखा - ग्रेहाउंड के दो कमांडो भी घायल हो गए। इन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।  उन्होंने बताया कि घायल सुरक्षाकर्मियों की हालत खतरे से बाहर है।  देर रात यह पता चला कि मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान पुलिस ने कर ली है। लछन्ना उर्फ कुंजा वीरैया, रायगुड़म गोलापल्ली जिला सुकमा का रहने वाला था। वीरैया की पत्नी पूनम लखे उर्फ तुलसी निवासी गंगालूर जिला बीजापुर थी। इसके साथ ही कोपासी रामू, पोड़ियम कोसैया, कोसी, दुर्गदेश आदि भी इस मुठभेड़ में मारे गए। 

(8) अंडर -19 में  बड़े स्काेर वाला  सबसे छोटा क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी..

वैभव सूर्यवंशी
वैभव सूर्यवंशी


पटना। महज 13 साल पांच महीने के वैभव सूर्यवंशी इस महीने भारतीय टीम से आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेलेंगे। एक साल के भीतर अलग -अलग टूर्नामेंट में कुल 49 शतक लगाने वाले वैभव ने चार देशों की वन डे सीरीज में इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ अर्धशतक लगाया था। लेकिन इस सफलता के पीछे उनके पिता संजीव की बड़ी  लगन और मेहनत भी शामिल है। उन्होंने बिहार के समस्तीपुर जिले के मोतीपुर में अपने घर में ही नेट लगवाया और अपने बेटे वैभव के पहले कोच बने। उसे 5 साल की उम्र में प्रैक्टिस करवाने लगे। दो साल बाद समस्तीपुर के क्रिकेट एकेडमी में दाखिला करवाया। यहां कोच ब्रजेश झा ने उसे स्थानीय टूर्नामेंट में अंडर -19 खिलाया।

  • दस साल की उम्र से ट्रेनिंग..

पिता संजीव बेटे को 10 साल की उम्र में पटना के जेनेक्स एकेडमी ले गए ताकि रणजी खिलाड़ी रहे कोच मनीष ओझा से ट्रेनिंग मिल सके। इसके बाद बीसीसीआई ने वैभव को नेशनल क्रिकेट एकेडेमी मोहाली के लिए चुना । उल्लेखनीय है कि यहां देशभर से 150 से ज्यादा खिलाड़ी पहुंचे थे। इनमें से परफार्मेंस के आधार पर केवल 25 खिलाड़ी ही चुने गए।  यहीं से वैभव को अंडर -19 के लिए चुना गया। देश को इस नन्ही प्रतिभा से बड़ी उम्मीदें हैं।