• 28 Apr, 2025

पुलिस बना रही है एप, किराएदारों और होटलों में रुकने वाले मुसाफिरों की जानकारी होगी...

पुलिस बना रही है एप, किराएदारों और होटलों में रुकने वाले मुसाफिरों की जानकारी होगी...

● दूसरे शहरों के अपराधी छत्तीसगढ़ में नहीं ले सकेंगे पनाह

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हो रही तरक्की के साथ ही यहां अपराधियों को भी हर तरह के अपराध के मौके मिल रहे हैं। इससे दूसरे शहरों के अपराधी यहां शरण लेते हैं। पुलिस इस समस्या से निजात पाने लिए एक एप विकसित करने जा रही है।इसकी मदद से दूसरे राज्यों से आकर यहां शरण लेने वाले अपराधियों पर नकेल कसी जा सकेगी। पुलिस के अनुसार इसमें हर मुसाफिर की पूरी जानकारी अपलोड की जा सकेगी। फिर चाहे वह किरायेदार हो या फिर होटल में ठहरा हुआ कोई यात्री।

   पुलिस के पास एक-एक व्यक्ति की जानकारी होगी जो दूसरे राज्यों या शहर से यहां आएगा। बताया गया है कि इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है। एप के नाम पर विचार किया जा रहा है।  पुलिस विभाग के अनुसार इस एप का ट्रायल भी प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने किया है, जो सफल रहा। जल्द ही केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री से अनुमति मिलते ही इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ बिन्दुओं में यह बताया गया है कि यह एप किस प्रकार काम करेगा। 
 

इस तरह काम करेगा एप...

  • पुलिस विभाग की तकनीकी टीम ने इस एप पर अभी तक ऐसे फीचर्स को जांचा है-
  • एप में मकान मालिक, होटल धर्मशाला के आप्शन थानों के अनुसार होंगे
  • जिस थाना क्षेत्र में कोई बाहरी व्यक्ति आएगा तो उसे वह थाना सलेक्ट करना होगा
  • अगर वह किराये पर रहना चाहता है तो मकान मालिक को किराएदार की डिटेल भरनी होगी, साथ ही किरायेदार का पहचान पत्र भी अपलोड करना  होगा।
  • अगर वह केवल विजिटर है तो होटल वालों को यह जानकारी भरनी होगी वह अमुक व्यक्ति कहां से आया है और कब तक रुकेगा।
  • किरायेदार हो या होटल में रुका हुआ विजिटर सभी की फोटो भी अपलोड की जाएगी।
  • इस एप का एक्सेस ( उपलब्धता) हर थाना प्रभारी से लेकर गृहमंत्री तक होगी। 
  • धूल खा रहे थे मुसाफिर रजिस्टर, अब यूजर फ्रेंडली एप की तैयारी
    पुलिस रेगुलेशन एक्ट के तहत हर थाने में एक मुसाफिर रजिस्टर होता है। दूसरे शहर या राज्य से आने वाले हर व्यक्ति को नियमानुसार  इस रजिस्टर में अपनी जानकारी थाने में आकर देनी होती है लेकिन कई साल से इस तरह के रजिस्टर केवल थाने में रखे धूल खा रहे हैं। अब इस रजिस्टर की जगह पुलिस महकमा एक आसानी से इस्तेमाल किये जा सकने वाले एप विकसित करने की तैयारी कर रहा है।
  • थाने आने की जरूरत नहीं होगी-
    पिछली सरकार ने किराएदार के लिए एक सख्त नियम बनाया था इसके तहत हर थाने में किरायेदारनामें का फार्म रखा गया था । मकान मालिक को निर्देशित किया गया था कि थाने में आकर यह फार्म  अवश्य भरें। प्रक्रिया में कठिनाई और थाना जाने से बचने के लिए 10 प्रतिशत मकान मालिकों ने भी यह फार्म नहीं भरा था। इसी वजह से इस कठिनाई को दूर करने के लिए एक ऐसा एप बनाया जा रहा है कि लोगों को जानकारी देने के लिए थाने आने की जरूरत नहीं पड़े।
  • एक नज़र में पकड़े जाएंगे अपराधी-
    पुलिस विभाग की माने तों आने वाले समय में देश के अपराधियों का डाटा भी इस एप में होगा। अगर कोई अपराधी शहर में आता है तो उसकी फोटो आते ही एक एप स्कैन कर लेगा और संबंधित थाने को अलर्ट पहुंच जाएगा। इसके साथ ही यदि कोई अपराधी भाग रहा है तो उसे पकड़ने में भी यह एप सहायक होगा। यह एप सेटेलाइट मैप के माध्यम से भी जुड़ा होगा इससे घर -होटल-सराय की लोकेशन ट्रेस करने भी आसानी होगी।