कार जो सड़क पर फर्राट भरती और नदी में तैरती है..
■ चीन 2046 में जी रहा है, इसकी तरक्की की रफ्तार देखते ही बनती हैं…..
एसयूवी कारें चार साल में 60 फीसदी बढ़ीं | मोटा पार्किंग शुल्क वसूलने की तैयारी |
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पेरिस। जैसे-जैसे दुनिया के देश तरक्की कर रहे हैं लोगों की कमाई के अनुपात में सुविधाओं को भोगने की लालसा बढ़ती जा रही है। एक हद तक जरूरत के मुताबिक किसी भी चीज के इस्तेमाल को जायज कहा जा सकता है पर सिर्फ पैसे हैं जेब में इसलिए किसी भी गैरजरूरी चीजों की खरीदी जायज नहीं है विशेष रूप से तब जब आपकी अपनी सुविधा या शौक किसी और की असुविधा का शबब बन रहा है। दुनिया के औऱ विकसित देशों की तरह ही फ्रांस भी संपन्न देश है और इसके चलते लोग यहां जम कर खर्च करते हैं। यहां बड़े बड़े बंगले और बड़ी- बड़ी महंगी गड़ियों की बढ़ती मांग इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। जाहिर है सभी तरह की सम्पन्नता अपने साथ समस्याएं भी लेकर आती हैं। अभी फ्रांस इसका दर्द झेल रहा है। ताजा घटना पेरिस की है जहां एसयूवी कारों की बढ़ती संख्या लोगों के लिए परेशानी पैदा कर रही है।
दुनिया के सबसे व्यसततम शहरों में से एक पेरिस के साथ इस तरह की समस्या पेश आने से वहां के अफसरों और काउंसलर्स ने इस समस्या को ‘ऑटोबेसिटी’ यानी ‘ऑटोमोबाइल ओबेसिटी’ नाम से परिभाषित किया है। कहा जा रहा है कि इस समस्या से निजात पाने क लिए स्थानीय प्रशासन एसयूवी औऱ उन जैसी बड़ी गाड़ियों पर भारी भरकम पार्किंग शुल्क लगाने जा रहा है।
पेरिस की अलग अलग राजनीतिक पार्टियों से जुड़े नेताओं का तर्क है कि फ्रांस की राजधानी में बड़े वाहन तेजी से लोकप्रिय हो गए हैं पर सड़कों पर बोझ होने के कारण ये जोखिम भरे भी हैं। इसके अलावा ये दूसरी गाड़ियों के मुकाबले ज्यादा प्रदूषण भी फैलाते हैं। पेरिस में पब्लिक स्पेस और मोबिलिटी के प्रमुख डिप्टी मेयर डेविड बेलियार्ड कहते हैं पेरिस जैसे शहर के लिए एसयूवी होना बेतुका है। यहां न तो बहुत पहाड़ी रास्ते हैं न ही उबड़ खाबड़ पथरीली और गंदी सड़कें हैं। यहां तो आराम से छोटी कारों से भी काम चल सकता है।
इसलिए हम नये साल से पेरिस में बड़ी गाड़ियों जैसे एययूवी पर बहुत ही असाधारण पार्किंग शुल्क लगाने जा रहे हैं। बीते महीने पेरिस शहर के पार्षदों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी शुल्क तय नहीं किया गया है। प्रस्ताव रखने वाली ईईएलवी इको पार्टी के पार्षद फ्रेडरिक सेरपेट कहते हैं कि हम चाहते हैं –कारों के वजन और आकार के अनुसार पार्किंग शुल्क वसूली जाए।
■ चीन 2046 में जी रहा है, इसकी तरक्की की रफ्तार देखते ही बनती हैं…..
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