• 28 Apr, 2025

भारतीय संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देता बहुभाषी थिएटर फेस्टिवल

भारतीय संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देता बहुभाषी थिएटर फेस्टिवल

मंडी थिएटर का फोकस संयुक्त राज्य अमेरिका में कलात्मक अनुभव से वंचित हिंदी भाषी आबादी की सेवा करना है शिकागो के भारतीयों में थिएटर के लिए निरंतर प्रयास महावाणिज्य दूतावास, शिकागो के सहयोग से प्रस्तुत मंडी थिएटर पुरस्कृत

शाम्बर्ग (इलिनॉय) अमेरिका. पाँचवां वार्षिक रंगमंच महोत्सव  प्रेयरी सेंटर फॉर द आर्ट्स, शॉम्बर्ग, इलिनॉय राज्य में आयोजित किया गया। यह उत्सव मंडी थिएटर द्वारा भारत के महावाणिज्य दूतावास, शिकागो के सहयोग से प्रस्तुत किया गया था। 2017 में शुरू हुआ, यह मिडवेस्ट में एकमात्र बहुभाषी थिएटर फेस्टिवल है जो अपने प्रदर्शन के माध्यम से भारतीय संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देता है और एक ऐसा मंच है जो उन थिएटर समूहों की पहचान और सम्मान करता है जो बदलाव लाने के लिए थिएटर की शक्ति का लाभ उठाते हैं। 
भारत के महावाणिज्य दूतावास, शिकागो, श्री अमित कुमार, इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने प्रदर्शन एवं इस तरह की पहल के लिए मंडी समूह की सराहना की और टीम के बोर्ड के सदस्यों को सम्मानित किया। देश भर से सात अलग-अलग भाग लेने वाले समूह, आठ भाषाएँ और नौ प्रदर्शन हुए, जिनमें विभिन्न शैलियों  सहित दो नृत्य प्रदर्शन शामिल थे। दिन को दो भागों में बांटा गया। पहले भाग में जहाँ गंभीर नाटकों को स्थान दिया गया वहीं दूसरा सत्र  प्रफुल्लित करने वाले नाटकों के साथ दर्शकों को गुदगुदा गया | इस बार यह नाट्य उत्सव भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि स्वरुप समर्पित रहा| दिन की शुरुआत उनके एक नाटककार- “शेशेर कोबिता” को प्रदर्शित करने के साथ हुई जिसके बाद दो अभूतपूर्व नृत्य प्रदर्शन हुए। पहली प्रस्तुति ‘रत्नावली वसंतोत्सव नाटिका’ थी जिसमे वसंत के उत्सव को दर्शाया गया था। दूसरी नृत्य नाटिका थी- ‘संघमित्रा’ जो राजा अशोक की बेटी संघमित्रा पर आधारित थी| ये दोनों प्रस्तुतियां संस्कृत भाषा में थी जो कि मंडी थिएटर द्वारा इस भाषा को संरक्षित करने का एक प्रयास था। इस उत्सव में अमा ऑफ़ोरिवा द्वारा एकल प्रस्तुति “वॉकिंग विद माय एंसेस्टर्स” की विशेष सराहना की गयी जो अफ्रीका में उनके पूर्वजों के यातना भरे जीवन से प्रेरित था। एक और असाधारण प्रदर्शन कोलेसेन्स थिएटर ग्रुप द्वारा किया गया- “कोविड 19 के पर्दे के पीछे”। डॉन शैंड्रो द्वारा निर्देशित, यह नाटक शारीस एम सेलेम द्वारा कोविड कोरोना के समय में कैसे पांच अलग-अलग लोगों के रिश्तों और जीवन को आकार देता है, इस पर आधारित था |  
दूसरे सत्र में “आरएसवीपी” हास्य नाटक ने बहुत वाहवाही बटोरी जो कि पंजाबी युवाओं के अवैध और अनैतिक तरीके से किसी भी तरह से पश्चिमी देशों में प्रवेश करने की सनक को प्रदर्शित करता है | 
इसके बाद तीन  प्रस्तुतियां मंडी थिएटर की तरफ से थीं - एक मराठी नाटक ‘खिड़की’, एक हिंदी हास्य नाटक “बातों बातों में” जो कि पति-पत्नी के नियमित रूप से होने वाले विवाद पर आधारित था| अंतिम प्रस्तुति रही फ्रांसीसी नाटककार, अभिनेत्री, उपन्यासकार और पटकथा लेखिका यास्मीना रज़ा द्वारा रचित “द गॉड ऑफ कार्नेज” हास्य नाटक की | 
मंडी थिएटर ने विकसित करने के माध्यम के रूप में उपयोग करने में मदद की है। मंडी थियेटर जीवन के सभी क्षेत्रों के दर्शकों का मनोरंजन करने के अपने सफर को जारी रखेगा। इस अवसर पर आई टी ए  (इंटरनेशनल थिएटर एसोसिएशन) के अध्यक्ष कार्मेल डेस्टेफ़ानो और डॉन शांड्रो बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर आई.टी ए ने शिकागो के भारतीयों में भारतीय थिएटर के लिए अपने निरंतर प्रयास के लिए मंडी थिएटर को पुरस्कार प्रदान किया। यह पुरस्कार मंडी थिएटर की संस्थापक सुश्री अलका शर्मा ने प्राप्त किया। मंडी थिएटर ऐसा सम्मान पाने वाला पहला हिंदी थिएटर है। यह पिछले 5 वर्षों में बहुत सक्रिय रहा है। मंडी थिएटर ने 45 से अधिक प्रस्तुतियों के साथ 10,000 से अधिक दर्शकों का मनोरंजन किया है। मंडी थिएटर में हम दर्शकों को नाट्य प्रस्तुतियों से जोड़ते हैं, प्रेरित करते हैं, मनोरंजन करते हैं और चुनौती देते हैं जो शुद्ध पारंपरिक नाटकीय टुकड़ों से लेकर नए काम तक होते हैं। हम दर्शकों को ऐसी कहानियों से आकर्षित करना चाहते हैं जो करुणा को प्रेरित करती हैं, भावनाओं को जगाती हैं और बातचीत की मांग करती हैं। इस तरह हम अपनी आम मानवता को रोशन करने के लिए रंगमंच की आवश्यक शक्ति का जश्न मनाते हैं।
“भयानक लॉकडाउन और भयानक महामारी के बीच यह आयोजन थिएटर प्रेमियों के उत्साह को बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी साबित हुआ। मंडी थिएटर का फोकस संयुक्त राज्य अमेरिका में कलात्मक अनुभव से वंचित हिंदी भाषी आबादी की सेवा करना है। इसने युवाओं को इस कला के रूप में रुचि प्राप्त करने और इसे अपने आत्मविश्वास को विकसित करने के माध्यम के रूप में उपयोग करने में मदद की है। मंडी थियेटर जीवन के सभी क्षेत्रों से दर्शकों का मनोरंजन करने की अपनी यात्रा पर जारी रहेगा” 
-संस्थापिका, संचालिका, अलका शर्मा