• 28 Apr, 2025

घुड़सवारी में भारत को 41 साल बाद पहला गोल्ड..

घुड़सवारी में भारत को 41 साल बाद पहला गोल्ड..

एशियन गेम्स – 23 सितंबर से 8 अक्टूर तक

हांगझू। एशियन गेम्स के तीसरे ही दिन 26 सितंबर मंगलवार को भारत ने घुड़सवारी में स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा में 41 साल बाद भारत ने यह उपलब्धि हासिल की। एशियन गेम्स में भारत का यह तीसरा स्वर्ण पदक है। सुदीप्त हजेला, दिव्यकृति सिंह, विपुल छेड़ा और अनुश अग्रवाल ने घुड़सवारी की टीम इवेंट में भारत के लिए यह पदक हासिल किया है। 

इसके अलावा नौकायन (सेलिंग) स्पर्धा में भी हमें सिल्वप पदक हासिल हुआ है। पाल नाविक नेहा ठाकुर ने यह उपलब्धि  हासिल की है।  

  • दो साल से जर्मनी में रह रही है दिव्यकृति
    जयपुर की दिव्यकृति पिछले दो साल से अपने सपने को पूरा करने के लिए ट्रेनिंग लेने जर्मनी में ही रह रही थी वे तीन साल से वहां रहकर तैयारी कर रही थीं। दिव्यकृति के पिता ने बताया कि अपनी बेटी के सपने के लिए मैने अपना घर तक बेच दिया था। तैयारी के चलते पिछले दो साल से घर नहीं आई। उसका दिन सुबह 4 बजे से शुरू होता है। घोड़े के साथ तालमेल बैठे इसके लिए उसके खाने से लेकर सफाई तक वह खुद ही किया करती थी। वह रोजाना इड्रेनालाइन (घोड़े का नाम) के साथ बिताती थी। एशियन गेम्स के लिए क्वालिफाई करने के बाद उसे दो घोड़े चुनने थे। चुनौती यह थी कि मैच चीन में था और वह जर्मनी में थी । उसे एक ही घोड़े को लेजाने की अनुमति मिल सकी।


    दस साल की उम्र से सीख रही है घुड़सवारी, 50 मेडल जीते

    इंदौर। सुदीप्ति ने दस साल की उम्र में घुड़सवारी सीखनी शुरू  की थी। पिता मुकेश हजेला ने बेटी सुदीप्ति की प्रतिभा को पहचानते हुए एपीटीसी में कोच निहाल सिंह के पास ट्रेनिंग के लिए भेजा। 2013 में कोलकाता में कांस्य पदक के साथ जीत का सफर शुरू हुआ। फिर दो साल से फ्रांस में रहकर वह एशियाई खेलों की तैयारी कर रही थी। सुदीप्ति की मेहनत अब  सफल हुई। वह अब तक 50 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुकी है।

  पीएम मोदी ने दी बधाई- देवास की नेहा ठाकुर को नौकायन (सेलिंग) में सिल्वर मेडल जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। वह आईएलसीए-4 श्रेणी में देश की बेस्ट प्लेयर है। वह अब तक कुल 18 मेडल जीत चुकी है। नेहा भोपाल से बी.कॉम की पढ़ाई कर रही है उनके पिता किसान और माँ गृहिणी हैं।