• 28 Apr, 2025

आतंकी मुठभेड़ में पैर गंवाने के 22 साल बाद पैरालिंपिक में देश को दिलाया मेडल

आतंकी मुठभेड़ में पैर गंवाने के 22 साल बाद पैरालिंपिक में देश को दिलाया मेडल

■ मैन्स जैवलिन में नवदीप ने गोल्ड जीता

पेरिस। शरीर का अंग खो देने के बाद भी हौसला बुलंद रखना आसान नहीं होता उस पर यदि कोई देश के लिए वर्षों संंघर्ष कर अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल स्पर्धा में मेडल जीतलाए तो उनके हौसले को सलाम है। पैरालिंपिक पेरिस में शनिवार 6 सितंबर को भारत ने एक गोल्ड और 2 ब्रांज (कांस्य) मेडल जीते। जैवलिन थ्रो की एफ -41 श्रेणी में नवदीप ने सिल्वर जीता था पर ईरानी एथलीट बेइत सायाह सादेग को अयोग्य घोषित किये जाने पर नवदीप को गोल्ड मेडल दिया गया। इस श्रेणी में भारत का यह पहला गोल्ड मेडल है। महिला एथलीट सिमरन शर्मा ने 200 मीटर में ब्रांज मेडल जीता। वहीं पुरुष शॉटपुट में होकातो सेमा ने ब्राँज जीता।

  • होकातो ने अफसोस के बजाय जीवन नए सिरे से जीना शुरु किया ..और जंग जीत ली…
होकातो

सन 2002 में होकातो सेमा असम  रेजीमेंट में हवलदार थे। जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में बारुदी सुरंग विस्फोट में घुटने के नीचे से बांया पैर गवां दिया था। इससे विशेष फोर्स में शामिल होने का उनका सपना अधूरा रह गया। तब तो सभी ने सोचा कि सेमा का दुनिया अंधकारमय हो गई पर उन्होंने जीवन को नए सिरे से जीना शुरू किया। पुणे में सेना के पैरालिंपिक नोड में ट्रेनिंग ली और खुद को अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में तराशा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेमा को पहला मेडल मोरक्को ग्रां प्री में 2022 में मिला ।

  • ओलंपिक इतिहास में 60 मेडल, 48 फीसदी इसी बार आए

भारत के पेरिस ओलिंपिक में 29 मेडल हो गए हैं। भारत ने अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन ( टोक्यो गेम्स में 19 मेडल ) को पहले ही पीछे छोड़ चुका है। वैसे भारत तेरहवीं बार पैरालिंपिक में हिस्सा ले रहा है और इसके खेल इतिहास में कुल 60 मेडल्स हैं। इनमें भी 29 मेडल्स यानी 48 फीसदी इसी बार आये हैं। पेरिस से पहले तक भारत के पैरालिंपिक में 31 मेडल थे।

  • इस बार तिहाई मेडल्स (10)  महिलाओं ने दिलवाये यह एक रिकॉर्ड है।
  • वैसे भारत ने महिला वर्ग में अब तक 14 मेडल्स जीते हैं । इसमें से 10 यानी सात प्रतिशत इसी बार आए हैं।