• 28 Apr, 2025

कुलपति डॉ. कुरील हटाए गए , असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में गड़बड़ी

कुलपति डॉ. कुरील हटाए गए , असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में गड़बड़ी

● तीन स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट पर राजभवन ने की कार्रवाई ● रायपुर के संभागायुक्त को कुलपति का प्रभार ● असिस्टेंट प्रोफेसर के 36 पदों पर की गई थी भर्ती

रायपुर। विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया अब पहले की तरह वैसी पारदर्शी नहीं रही। पिछले दिनों असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती में गड़बड़ी के मामले में महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सांकरा के कुलपति डॉ. राम शंकर कुरील को हटा दिया गया है। कुलपति का प्रभार रायपुर के संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग को सौंपा गया है। उन्होंने 10 मई की शाम को कुलपति का प्रभार ग्रहण किया।

   दो साल पहले ही इंदिरा गांधी कृषि विवि से अलग होकर अस्तित्व में आए महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के पहले कुलपति डॉ. कुरील लगातार विवादों में रहे हैं। डॉ कुरील को विवि में 36 असिस्टेंट प्रोफेसरों  की नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत और जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर पद से हटाने की कार्रवाई की गई है। नियुक्ति में न केवल प्रदेश के पात्र अभ्यर्थियों को किनारे करने का आरोप था बल्कि स्कोर बोर्ड में भी गड़बड़ी की शिकायत एबीवीपी ( अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के अलावा अभ्यर्थियों द्वारा भी की गई थी।

शिकायत के बाद 8 जनवरी को कृषि मंत्री ने असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया  पर रोक लगाते हुए जांच कराने के निर्देश भी उसी दिन दे दिये थे। भर्ती में गड़बड़ी में जांच के लिए इंदिरा गांधी कृषि विवि के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही राज्यपाल ने कार्रवाई की । राजभवन ने कार्रवाई करने से पहले कुलपति डॉ कुरील को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था। राज्यपाल ने उद्यानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 की धारी 17 के अंतर्गत डॉ. राम शंकर कुरील को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया गया । इसके साथ ही उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 की धारा 14(7) के अंतर्गत संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग को उक्त विवि के कुलपति का प्रभार सौंपा गया। राजभवन से जारी आदेश के परिपालन में डॉ. अलंग ने 10 मई की शाम ही विवि के कुलपति का कार्यभार संभाल लिया। दूसरी ओर सूत्रों के मुताबिक डॉ. कुरील शाम पांच बजे तक दफ्तर में  ही बैठे रहे। 

असिस्टेंट प्रोफेसरों पर अभी फैसला नहीं

गड़बड़ी की शिकायतों के बाद राज्य शासन ने असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित कर दी थी। दो दिन पहले ही कुलपति के निर्देश पर आनन-फानन में विवि प्रशासन ने 36 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया इनता ही नहीं नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित करने के निर्देश के बाद भी कॉलेजों में अभ्यर्थियों को ज्वानिंग भी दे दी गई। बताते हैं कुछ को तो पुरानी तिथि पर ज्वानिंग दे दी गई थी। इसके बाद कुलपति पर कार्रवाई तो हो गई पर इसके बाद भी चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति पर अभी तक फैसला नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि इस पर अभी आने वाले दिनों में फैसला होगा।

इन तथ्यों के आधार पर की गई कार्रवाई

. असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के दौरान 14 एमएससी वाले अभ्यर्थियों को ज्यादा अंक 
. पीएचडी वाले अभ्यर्थियों को किनारे कर कम अंक दिये गए। स्कोर कार्ड में गड़बड़ी की शिकायत 
. यूजीसी के गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया, भर्ती में मनमानी की शिकायतें की गईं थीं।