कार जो सड़क पर फर्राट भरती और नदी में तैरती है..
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• पुतिन ने वैगनर के विद्रोही लड़ाकों को माफी दी, यूक्रेन के कैम्पों में लौटेंगे | • 36 घंटो तक चले ड्रामे में पुतिन के नेतृत्व पर भी उठे सवाल |
मॉस्को। सालभर से चल रहा रूस-यूक्रेन के बीच का युध्द लगता है टल गया है। रूस में लगभग 36 घंटों तक चले एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद ये कहा जा रहा है कि रूस का युध्द अब टल गया है। विद्रोह पर उतारू निजी सेना वैगनर के चीफ येवनेगी प्रिगोझिन ने मास्को की ओर बढ़ रहे अपने लड़ाकों को वापस लौटने का आदेश दे दिया है। रूस ने भी वैगनर और उसके सैनिकों पर से राजद्रोह का आरोप वापस ले लिया है।
कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतीन के करीबी बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने प्रगोझिन के साथ बातचीत कर डील करवाई है। समझौते के बाद रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने बताया कि प्रगोझिन पड़ोसी देश बेलारूस चले जाएंगे। बगावत में उनका साथ देने वाले सैनिकों पर सशसत्र विद्रोह का आपाराधिक मामला नहीं चलाया जाएगा। जो सैनिक बगावत में शामिल नहीं हुए उनको रूसी सेना में आने का प्रस्ताव दिया जाएगा। इसी बीच खबर मिली कि पेगोझिन ने कहा कि वह अपने सैनिकों को वापस यूक्रेन जाकर अपने कैम्प मे लौटने का आदेश दे रहे हैं। इस बीच पुतिन और पेगोझिन काहां पर है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
36 घंटे चले ड्रामे में पुतिन के नेतृत्व पर सवाल
अमेरिकी संस्था इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऐ ऑफ वार का कहना है कि इस बीच रूस में उभरे संकट ने रूसी सुरक्षा बलों की कमजोरी को उजागर कर दिया है। यह उनके सामने दो दशकों के शासन की सबसे बड़ी चुनौती थी। नेतृत्व को सीधी चुनौती मिलना और उसके बाद विद्रोहियों का बिना किसी सजा के बच जाना यह बताता है कि उनके (पुतिन) के कठोर नियंत्रण और अपराजेय होने की छवि टूट गई है। अब तो सेना की क्षमता पर भी सवाल खड़े हो गया है।
वैगनर लड़ाकों की मौत, ग्रुप को सेना के अधीन लेने से पेगोझिन नाखुश थे | रेस्तरां से निजी सेना तक का सफर प्रिगोझिन का |
रूस में वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन के मास्को जस्टिस मार्च से शुरू हुआ गतिरोध 36 घंटे में खत्म हो गया। 62 साल के प्रिगोझिन के वैगनर समूह के कई लड़ाके यूक्रेन के बखमुट पर कब्जे को लेकर चली खूनी लड़ाई में मारे गए। इसके बाद रसद और गोला बारूद की कमी के कारण वह रूसी सेना के आला अधिकारियों के फैसले से नाराज था। समय-समय पर प्रिगोझिन सेना के आला अफसरों के खिलाफ अपनी भड़ास निकालता था। इसी बीच जब वेगनर समूह को सेना के अधीन लाने का फैसला लिया गया तो प्रिगोझिन बगावत पर उतारू हो गया। उसने कहा हम देश भक्त हैं और हमारे साथ 25 हजार जवान हैं। यह तख्ता पलट नहीं है बल्कि जस्टिस मार्च है। हालात को देखते हुए लातविया ने अपने बार्डर रूसी लोगों के लिए बंद कर दिये हैं। इजराइल ने अपने लोगों से रूस की यात्रा से बचने की एडवाइजरी जारी की है।
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