अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
● स्टेट बैंक को देनी पड़ी पूरी जानकारी, मेघा ने भाजपा को 664 करोड़, कांग्रेस को 128 करोड़ रुपये चुनावी चंदे में दिए
नई दिल्ली । अति अपारदर्शी तरीके से इलेक्टोरल बांड के जरिए लिए जा रहे चुनावी चंदे को सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही असंवैधानिक करार दिया इस बांड के फरोख्त में शामिल बैंक एसबीआई को कोर्ट से सख्त निर्देश थे कि वो नियत समय के भीतर बांड खरीदने वालों के नाम और बांड की कीमत उजागर करे। कई तरह के बहाने बनाने के बाद भी एसबीआई को निजात नहीं मिली और अंततः उसे चुनावी चंदे का सच उजागर करना ही पड़ा।
स्टेट बैंक ने गुरुवार 21 मार्च को इलेक्टोरल बांड से जुड़ा पूरा डेटा निर्वाचन आयोग के सुपुर्द कर दिया है। आयोग ने इसे सार्वजनिक भी कर दिया है और इसमें बैंक ने बांड का अल्फा न्यूमेरिक नंबर भी बताया है जिससे पता चल जाता है कि किस कंपनी ने किस सियासी दल को कितना चुनावी चंदा दिया। नए डेटा से खुलासा हुआ है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियों को एक ही कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रा और उसकी सब्सिडियरी वेस्टर्न यूपी पॉवर ने चंदा दिया है। इसने भाजपा को 664 करोड़ और कांग्रेस को 128 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बांड के जरिए चंदा दिए हैं।
इसी कंपनी ने केसीआर की भारत राष्ट्र समिति ( बीआरएस) को भी 390 करोड़ रुपए का चंदा दिया है। कांग्रेस को दूसरा सबसे बड़ा चंदा वेदांता समूह ने दिया है। इसी तरह 542 करोड़ रुपये के चंदे के साथ फ्यूचर गेमिंग एंड होटल तृणमूल की सबसे बड़ी डोनर कंपनी रही है।
बांड से 623 करोड़ रुपये पार्टियों को गोपनीय रूप से मिले हैं। इनमें 466.31 करोड़ रुपये भाजपा और कांग्रेस को 70.77 करोड़ रुपये मिले हैं। ये रकम अप्रैल 2019 की हैं तब कंपनियां गोपनीय चंदा दे सकती थीं।
इलेक्टोरल बांड की ताजी सूची में अप्रैल 2019 से फरवरी 2024 तक का डेटा है। इसमें मार्च 2018 से 1 एक अप्रैल 2019 तक का डेटा नहीं है। इस दौरान 4002 करोड़ रुपयों के 9159 इलेक्टोरल बांड खरीदे गए थे। इसकी जानकारी के लिए सुप्रीम कोर्ट में अलग से याचिका लगाई गई है।
टॉप 3 पार्टियों को आधे से ज्यादा चंदा 10 कंपनियों से -
| गिरफ्तारी के पांच दिन बाद ही अरबिंदो ने खरीदे थे बांड-- ईडी ने हैदराबाद की अरबिंदो फार्मा के निदेशकों में से एक पी शरथ रेड्डी को दिल्ली शराब घोटाले में 10 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके पांच दिन बाद यानी 16 नवंबर को अरबिंदो फार्मा ने 5 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। जून 2023 में शरथ शराब घोटाले में सरकारी गवाह बन गए थे। कंपनी ने चार साल में कुल 52 करोड़ रुपयों का चंदा किया। लॉटरी किंग सेंटियागो मार्टिन की फ्यूचर गेमिंग ने डीएमके को ( 509) करोड़ रुपये, वाईएसआर कांग्रेस को 160 करोड़ रुपये, भाजपा सौ (100) करोड़ और कांग्रेस ( 50 ) करोड़ रुपये चंदा दिया । |
लॉटरी किंग ने भाजपा को 100 और कांग्रेस को 50 करोड़ दिया--
भाजपा | कांग्रेस | तृणमूल | बीआरएस | बीजद | |||||
डोनर | कुल राशि करोड़ में | डोनर | कुल राशि करोड़ में | डोनर | कुल राशि करोड़ में | डोनर | कुल राशि करोड़ में | डोनर | कुल राशि करोड़ में |
मेघा इंजी | 664 | मेघा इंजी | 128 | फ्यूचर गेमिंग | 542 | मेघा इंजी | 390 करोड़ | एस्सेल माइनिंग | 174.5 |
क्विक सप्लाई चेन | 375 | वेदांता | 104 | हल्दिया एनर्जी | 281 | यशोदा हास्पिटल | 94 | जिंदल स्टील | 100 |
वेदांता | 226.65 | एमकेजे | 69.35 | धारीवाल इंफ्रा | 91 | चेन्नई ग्रीन वुड | 50 | उत्कल एल्युमिना | 60 |
भारती एयरटेल | 183 | यशोदा हास्पिटल | 64 | आईएफबी एग्रो | 42 | डॉ . रेड्डी | 32 | रुंगटा सन्स | 50 |
मदनलाल लि. | 175.5 | अवीज ट्रेडिंग | 53 | पीसीबीएल लि. | 40 | हेटेरो ड्रग्स | 30 | रश्मि सीमेंट लिमिडेट | 45 |
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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