• 28 Apr, 2025

80 करोड़ को मिलते हैं योजना में 5 -5 किलो मोदी कैबिनेट में मिली मंजूरी 29 से शुरू होगी संसदीय प्रक्रिया यह योजना 30 नवंबर को खत्म होने वाली थी

नई दिल्ली. केन्द्रीय ने अगले साल मार्च 2022 तक प्रधानमंत्री गरीब किसान अन्न योजना ( पीएम- जीकेएवाय) के विस्तार को मंजूरी दे दी है। पिछले साल केन्द्र सरकार ने कोरोना के कारण हुए आर्थिक व्यवधानों के मद्देनज़र राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम
(एन.एफ.एस.ए.) द्वारा कवर किए गए सभी लाभार्थियों के लिए ( पीएम- जीकेएवाय) की घोषणा की थी जो 30 नवंबर को समाप्त होने वाली थी। बताया गया कि सरकार लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना के तहत 5-5 किलो खाद्यान प्रदान करती है। 
कृषि कानून वापसी को लेकर विधेयक मंजूर
कैबिनेट की बैठक में 24 नवंबर को तीनों कृषि कोनूनों को वापस लेने के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी गई। इन कानूनों का देश के किसानों ने तगड़ा विरोध किया था और महीनों तक वे दिल्ली और उसके सीमावर्ती प्रदेशों में प्रदर्शन करते रहे। अब मंजूर विधेयक को संसद की शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना  है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 19 नवंबर को गुरुपरब के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी।  एक सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा कि संसद में इस कार्य ( तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने ) को प्राथमिकता से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में हमने कार्य को पूरा कर लिया है और संसद को जो करना है उस दिशा में काम को हम संसद सत्र के पहले हफ्ते और पहले दिन से ही प्रारंभ कर देंगे।

योजना में खर्च होंगे 53,334  करोड़ रुपये
पीएम- जीकेएवाय को मार्च 2022 तक चार महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है। कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिहं ठाकुर ने इसकी जानकारी दी।  उन्होंने कहा कि इस फैसले से राजकोष पर 53,334 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ( पीएम- जीकेएवाय) की कुल लागत इस विस्तार  सहित 2.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। उक्त योजना के तहत खाद्यान कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुए बेरोजगारी के संकट को दूर करने के लिए  तीन महीने ( अप्रैल- जून 2020) के लिए दिया गया था।
प्रक्रिया पूरी होने तक डटे रहेंगे किसान 
उधर प्रधानमंत्री मोदी की कृषि कानून वापस लेने की घोषणा से किसानों में उत्साह है, वे इसे अपनी जीत की तरह देख रहे हैं, लेकिन किसान संगठनों का कहना है कि वे प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे जब तक संसद की प्रक्रिया पूरी नही हो जाती । पीएम मोदी ने अपनी घोषणा के साथ ही प्रदर्शन कर रहे किसानों से घर लौट जाने की अपील की थी। किसान नेता टिकैत ने कहा कि क्या पता पीएम एक बार फिर कृषि कानून वापस लेने की घोषणा को एक बार फिर जुमला कह कर टाल दें।