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■ चिंता का कारण - चार गुना ज्यादा हानिकारक हैं टायरों से निकलने वाले जहरीले उत्सर्जन
नई दिल्ली। विकास की रफ्तार तेज होने के कारण आवागमन, परिवहन भी बेतहाशा बढ़ रहे हैं। इन्ही के बीच सड़क पर चलने वाले वाहनों के कारण टायरों के घिसने से उत्पपन्न माइक्रोप्लास्टिक नुमा छोटे-छोटे कण और पार्टिकुलेट मैटर लोगों की सेहत के लिए धीमे जहर बनते जा रहे हैं।
इंपीरियल कॉलेज लंदन के ट्रांजिशन टू जीरो पाल्यूशन इनिशियेटिव्स के शोधकर्ताओं ने कहा है कि दुनियाभर में हर साल 60 लाख टायरों के घिसने के कारण अत्यंत लघु आकार के छोटे कण निकलते रहते हैं जो न सिर्फ पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं बल्कि जिस हवा में हम सांस लेते हैं उसमें भी ये कण समाए हुए होते हैं।
इसी तरह सड़कों से बहता पानी राजमार्गों के जरिये जलाशयों, खेतों और नदियों में जाता है। इसलिए यह कृषि पर भी बुरा प्रभाव डालता है। भले ही आने वाले दिनों में हमारे सभी वाहन जीवाश्म ईंधन की जगह बिजली से ही क्यों ने चलने लगें फिर भी टायरों के घिसने के कारण उनसे उत्सर्जित हानिकारक वातावरण में घुलता मिलता रहेगा।
इलेक्ट्रिक वाहन डीकार्बोनाइज परिवहन (बिना कार्बन उत्सर्जन के) के लिए निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन हमें बड़ी तस्वीर को भी देखने की जरूरत है। चिंता इस बात की है कि इलेक्ट्रिक वाहन भारी होते हैं जो टायरों के घिसने में वृध्दि करते हैं। टायरों के घिसने से निकलने वाले कण टायर टूटने , टायर रबर दिखाई देने वाले टुकड़ों से लेकर न दिखाई देने वाले नैनो कणों तक कई प्रकार के उत्सर्जन करते हैं और शोधकर्ताओंं का कहना है कि इन कणों में पॉली एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन, बेंजोथियाजोल,आइसोप्रिन, जिंक और लेड जैसे भारी धातु सहित कई तरह के जहरीले रसायन होते हैं।
इंपीरियल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ लाइफ साइंसेज के प्रमुख शोधकर्ता डॉ विल पीयर्स के अनुसार टायर का कचरा रासायनिक रूप से नष्ट नहीं होता है और धीरे-धीरे पर्यावरण में घुल-मिलकर अन्य प्रदूषकों के साथ जैविक जीवों पर भी विपरीत प्रभाव डालता है। शोध के दौरान इस बात के भी सबूत मिले हैं कि टायरों के घिसने से निकलने वाले कण अन्य प्रदूषक कणों के साथ मिलकर हृदय, फेफड़े, शारीरिक विकास, प्रजनन और कैंसर सहित कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं को बढाने में मदद करते हैं।
अभी हमारे पास टायरोंं के घिसने के स्तर और उनकी विषाक्तता को मापने का कोई मानकीकृत तरीका नहीं है। जाहिर है ऐसे में इससे पनपने वाला प्रदूषण धीरे-धीरे भयानक रूप धारण करता जा रहा है। एक तरह से इसे एक अदृश्य दुश्मन का नाम दिया जा सकता है। शोधकर्ताओं का तर्क है कि सीओ-2, और अन्य उस्तर्जन में कमी के साथ-साथ टायर प्रदूषण को कम करने और यातायात को स्वच्छ बनाने के लिए हमें ठोस नीति और उसके ईमानदारी से लागू करने की आवश्यकता है।
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