• 28 Apr, 2025

कौन कर रहा है बलोदाबाज़ार को अशांत

कौन कर रहा है बलोदाबाज़ार को अशांत

● कलेक्टर एसपी दफ्तर सहित 100 गाड़ियों में आग लगा दी ● 15 मई को जैतखाम को क्षति पहुंचाने के बाद बिगड़ने लगे थे हालात,धारा 144 लागू ● बैरिकैडिंग, पाथ-वे के पाइप तोड़ते कलेक्टोरेट पहुंचे, हंगामा किया, पथराव भी ● तहसील ऑफिस में भी की गई आगजनी, 5000 से ज्यादा लोग थे, पुलिसकर्मियों को भी चोंटें आईं ● सभा के बाद डंडे लेकर निकले लोगों ने की तोड़फोड़

बलौदाबाज़ार , रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले दो साल से जो धार्मिक उन्माद देखने को मिल रहा है ये यहां की तासीर नहीं है। पहले पिछले विधानसभा चुनाव से पहले कवर्धा बीरनपुर में जो कुछ घटा वह भी धार्मिक उन्माद का ही नतीजा था। अब बलौदाबाज़ार में सतनामी समाज के गिरौदपुरी के मानाकोनी स्थित धार्मिक स्थल पर कथित तौर पर तोड़फोड़ से नाराज लोगों ने बलौदाबाज़ार कलेक्टरेट और एसपी ऑफिस में आग लगा दी , जिससे दफ्तरों का ज्यादातर हिस्सा जलकर नष्ट हो गया। कहा गया कि इससे महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज भी जलकर भस्म हो गए। वहीं समाज के गुस्साए 5 हजार लोगों की भीड़ ने सौ से भी ज्यादा गाड़ियों को आग में झोंक दिया। समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस दोषियों को बचा रही है।

       बलौदाबाज़ार के मानाकोनी में सोमवार 10 जून को हुई इस घटना ने इलाके की शांति भंग कर दी है। तोड़फोड़ और आगजनी की वारदात इतनी तेजी से हुई की बलौदाबाज़ार शहर के दुकानों के शटर गिरने लगे। घंटेभर में शहर में कर्फ्यू जैसे हालात बन गए। बताया गया कि इस दौरान समाज के  कतिपय लोगों ने शहर में जमकर हंगामा किया । उन्मादी भीड़ ने कलेक्टरेट में खड़ी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। साथ ही कुछ लोगों ने वहीं पथराव भी शुरू कर दिया देखते ही देखते हालात बेकाबू होने लगे। इसी बीच कुछ लोगों ने अचानक कलेक्टरेट में आगजनी भी कर दी। इसे रोकने के लिए मोजूद पुलिस बल कम पड़ गई थी, भीड़ और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इससे पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं। छत्तीसगढ़ में बलौदाबाज़ार के इतिहास में संभवतः पहली बार इस तरह का उपद्रव दर्ज हुआ है।

  • क्या हुआ था आखिर था--

कहा जा रहा है  कि 15 मई की रात को गिरौदपुरी में सतनामी समाज के महत्वपूर्ण तीर्थस्थल अमर गुफा के जैत खाम को कुछ लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। बताया गया कि इस बात की जानकारी होने के बाद से ही वहां हालात बिगड़ने लगे थे। बावजूद समाज के लोगों ने शांतिपूर्ण धरना- प्रदर्शन की अनुमति भी ली थी और दशहरा मैदान में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित हुए थे। जाने इस बीच क्या हुआ कि अचानक ही पुलिस को हालात कुछ बेकाबू हो जाने की भनक लगी। अचानक ही सभा के बाद भीड़ नारे लगाते हुए कलेक्टरेट की तरफ बढ़ने लगी। मार्गविभाजक में पौधों के लिए लिए ग्रिल और पाइप को तोड़ते हुए उपद्रवी भीड़ कलेक्टरेट की ओर बढ़  रही थी। उन्माद देख कलेक्टरेट में खड़े सुरक्षा कर्मी परिसर की दूसरी ओर भाग खड़े हुए। इसके बाद बिना प्रतिरोध के भीड़ के लोगों ने कलेक्टरेट परिसर में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की और खड़ी करीब सौ से भी ज्यादा दुपहिया वाहनों में आग लगा दी। गार्डन चौक, बस स्टैंड के पास भी कुछ लोग हाथ में डंडा लिये वाहनों में आग लगाते और नारे लगाते घूमते रहे।

  • मामले में पुलिस की भूमिका से नाराज थे समाज के कतिपय लोग-

15 मई की देर रात गुरौदपुरी में सतनामी समाज के तीर्थ स्थल अमर गुफा के जैतखाम को किसी ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसकी शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पूछताछ में पता चला कि ठेकेदार ने नलजल योजना के काम के बाद पैसे देने में हीला हवाला कर रहा था।  इसी के बाद शराब के नशे में कथित तौर पर आरोपियों ने उक्त धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ कर दी। प्रदर्शकारियों का कहना था कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं है और पुलिस दोषियों को बचा रही है। 8 जून को पुलिस ने समाज के वरिष्ठ लोगों के साथ शांति समिति की बैठक बुलाई थी और 9 जून को  गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच के आदेश दिए।  इसके बाद समाज के लोगों ने 10 जून को शहर के दशहरा मैदान में शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन की अनुमति मांगी। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान लोग पुलिस के रवैये पर उग्र हो गए  और देखते ही देखते हालात बिगड़ने लगे।

  • समाज के गुरु ने कहा- घटना गंभीर व निंदनीय है, कार्रवाई हो -शांति की अपील भी की गई

सतनामी समाज के गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि घटना गंभीर एवं निंदनीय है, सतनामी समाज अहिंसा के मार्ग पर चलने वाला समाज है। उन्होंने कहा कि कतिपय असमाजित तत्वों द्वारा लोगों को भड़काकर इस तरह के कृत्य को अंजाम दिया गया है ताकि सतनामी समाज को बदनाम किया जा सके। वीडियो फूटेज  के आधार पर इन लोगों की पहचान की जा रही है और जल्दी ही दोषियों का पता चल जाएगा।

  • फंसे हुए लोगों को दफ्तर के पीछे से निकाला-

दहशत में आए व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानों के शटर गिरा दिये, कलेक्टर कार्यालय और कंपोजिट भवन के भीतर 100 से 150  लोग फंसे रह गए थे जो अपने-अपने काम से कलेक्टरेट गए थे। उन सभी को पीछे स्थित  किचन के  रास्ते से पुलिस बल ने बाहर निकाला गया। यहां करीब दो घंटे तक बवाल चलता रहा।

  •  शांति पूर्ण आंदोलन करने कहा था-एसपी

यहां के एस पी सदानंद कुमार ने कहा कि समाज विशेष के लोगों को उनके अनुरोध पर धरना और प्रदर्शन की इजाजत दी गई थी। उनकी  ओर से शांतिपूर्वक प्रदर्शन का आश्वासन दिया गया था लेकिन इस बीच जाने क्या हुआ कि अचानक ही हंगामा शुरू हो गया और लोग बेकाबू हो गए और आगजनी और पथराव भी शुरु कर दिया गया।

  •  सरकार डीजीपी और एसपी से मांगी रिपोर्ट-
  •  दोषियों पर  कार्रवाई होगी, सौहार्द्र बनाए रखें- सीएम साय

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बलौदाबाज़ार की घटना की गंभीरता को देखते हुए आपात बैठक बुलाई जिसमें मुख्य सचिव, डीजीपी समेत सभी बड़े अफसर मौजूद थे। बैठक के बाद सीएम साय ने  सोशल मीडिया पर लिखा कि बलौदाबाज़ार में हुई अप्रिय स्थिति पर आईजी और कमिश्नर को घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश दिये हैं। मुख्य सचिव और  डीजीपी को तलब कर घटना की प्रारंभिक जानकारी ली और घटना की रिपोर्ट मंगाई है। उन्होंने प्रदेश की सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही उन्होंने सभी से शांति और सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की है।

  •  जैतखाम में तोड़फोड़ की होगी न्यायिक जांच -गृहमंत्री

गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि सतनामी समाज के विभिन्न संगठनों एवं प्रतिनिधियों की मांग पर गिरौदपुरी धाम के पवित्र अमरगुफा के नजदीक जैतखाम में  हुई तोड़फोड़ पर सीएम साय के निर्देशानुसार मामले की न्यायिक जांच कराई जाएगी। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाली घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भी सभी से सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की ।