• 28 Apr, 2025

2000 के नोट चलन से बाहर करने का ऐलान, 30 सितंबर तक बदल सकेंगे ...

2000 के नोट चलन से बाहर करने का ऐलान, 30 सितंबर तक बदल सकेंगे ...

• 2000 के नोट एटीएम, बाज़ार, आम लोगों के पास दिखना बंद थे, अधिकतर कालेधन के रुप में हो रहा था इस्तेमाल | • एक बार में 20 हजार तक के नोट बदल सकेंगे। • 2000 के नोट बैंक में जमा करने की कोई लिमिट नहीं | • अभी दो हजार के नोट से लेनदेन या खरीददारी पर कोई पाबंदी नहीं |

नई दिल्ली। नोटबंदी के साढ़े छह साल बाद एक बार फिर रिज़र्व बैंक ने ऐलान किया है कि अब 2000 रुपये चलन से बाहर करने की तैयारी है। इस ऐलान से पिछली नोटबंदी देख चुके और उससे उपजी त्रासदी भोग चुके लोग सकते में आ गए थे। गनीमत है कि पिछली नोटबंदी की तरह इसे अभी तत्काल बंद नहीं किया गया है। रिज़र्व बैंक ने कहा कि 2000 रुपये के नोट 30 सितंबर 2023 तक लीगल टेंडर बने रहेंगे। कहा गया है कि बाज़ार में जो नोट चलन में हैं वे नोट बैंक में जमा कराने होंगे या फिर बैंक से बदले जा सकेंगे। आरबीआई ने यह भी कहा है कि इन नोटों से अभी लेनदेन जारी रहेगी इस पर तत्काल कोई बैन नहीं लगाया गया है। 19 मई शुक्रवार को जारी रिज़र्व बैंक के इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार 23 मई से लोग 2000 के नोट जमा कर सकेंगे या बदलवा भी सकेंगे। एक व्यक्ति एक बार में 20 हजार के नोट यानी 2000 के 10 नोट ही बदलवा सकता है। 
इसे आदेश के बाद लोगों ने आदेश के मुताबिक रुपये जमा करने लगे हैं और बदलवाने का काम भी शुरू हो गया है। 
    उल्लेखनीय है कि इस बार नोट जमा करने की कोई सीमा तय नहीं की गई है। पिछली बार नवंबर 2016 को पहली नोटबंदी के वक्त 500 और 1000 के नोट के पुनारे नोट बंद करने के बाद 500  और 2000 के नए नोट जारी किए गए थे। उस समय रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा था कि अर्थव्यवस्था में नगदी की उपलब्धता बनाये रखेने के लिए 2000 के ये नोट जारी किए गए थे और अब ताजा आदेश के मुताबिक यही नोट यह कह कर बंद किये जा रहे हैं कि इन्हें जारी करने का उद्देश्य पूरा हो गया है और अब इसकी जरूरत नहीं रह गई है।  
  सूत्रों के मुताबिक अब बड़े नोटों के काले धन के रूप में एकत्र करने की जानकारी मिल रही थी औऱ कहा जा रहा है कि इसी सूचना के बाद रिज़र्व बैंक ने यह कदम उठाया है। 

कंरसी में 11 फीसदी 2000 के नोट-जो आरबीआई ने नहीं बताया 
  • 370 करोड़ नोट छापे गए नोट -  2016 में की गई नोटबंदी के समय 2000 के कुल 370 करोड़ नोट छापे गए। इसका कुल मूल्य 7.04 लाख करोड़ रुपये था। 
  • तब 500 और 1000 के 99.3 फीसदी नोट वापस आ गए थे- 
    इससे पहले की गई नोटबंदी के समय 15.41 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 500  और 1000 के नोट बैंकों से वापस आ गए थे और यह उस समय चलन में मौजूद उस समय के नोटों का 99.3 प्रतिशत आका गया था। 
  • नगदी घटने की रफ्तार 74.46 प्रतिशत बढ़ी –
    नोटबंदी 2016 के बाद बाजार में नगदी घटने की बजाय उल्टे और बढ़ गई । लोकसभा में दिए जवाब के मुताबिक 4 नवंबर 2016 को चलन में नगदी 17.7 लाख करोड़ रुपये थी जो कि 21 अक्टूबर को 30.88 लाख करोड़ रुपये हो गई। 
  • डिजिटल भुगतानः- 2017 तक कुल भुगतान 9.1 प्रतिशत डिजिटल भुगतान हो रहा था जो 2022 में बढ़कर 40.7 प्रतिशत हो गया। 
  • मेरे पास 2000 के नोट हैं क्या करना होगा मुझे ? 
    30 सितंबर 2023 तक सभी बैंकों, आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों उक्त नोट बदले जा सकेंगे। इसके बाद क्या होगा या किया जाएगा इस पर आरबीआई ने अभी कुछ भी नहीं कहा है। 
  • कोई चाहे तो बैंक में कितने नोट जमा कर सकता है ?
    2000 के कितने भी नोट जमा कर सकते हैं आप खुद के खाते में 49999 बिना पैन कार्ड के जमा कर सकते हैं। इससे ज्यादा पर आयकर नोटिस मिल सकता है। करेंट अकाउंट में आप पैनकार्ड के साथ आप जितनी चाहें राशि जमा कर सकते हैं। 
  • यदि 2000 के नोट 10 से ज्यादा हैं तो क्या करें ?
    2000 के 10 नोट किसी भी बैंक में बदलवा सकते हैं इससे अधिक नोट खाते में जमा कर सकते हैं। 
  • क्या इनसे बाज़ार में इन रुपयों से लेनदेन कर सकते हैं ?
    जी हां अभी 2000 रुपये लेन देन में उपयोग होता रहेगा। यानी आरबीआई 30 सितंबर 2023 तक इन रुपयों को बैंकों में जमा करने पर प्रोत्साहित करेगा।
  • यदि कोई 2000 का नोट लेने से मना करता है तो ?
    2000 के नोट तो फिलहाल तो वैध है । इसके लेने देन से कोई मना नहीं  कर सकता । यदि इस बीच दुकानदार या कोई व्यक्ति फिर भी लेने से इंकार करता है तो मना करने वाले व्यक्ति या दुकानदार के विरुध्द धारा 489 ए, 489 ई और करंसी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है।

30 सितंबर तक जमा नहीं किए गए नोट तो ....
निर्णय 2016 की नोटबंदी से अलग है। इससे अर्थ व्यवस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा जो नोट 30 सितंबर तक जो नोट जमा नहीं हो पाएंगे उसके लिए बैंकों के पास उचित प्रणाली है। 

टीवी सोमनाथ, वित्त सचिव

2026 में ही यह तय था कि 2000 के नोट बंद होंगे
लगभग 6 साल पहले नोटबंदी के बाद उस समय करीब 500 और 1000 के नोटो वाले कम से कम 15.50 लाख करोड़ रुपये तो एक ही झटके में बेकार हो गए। क्योंकि उस समय आधी रात के बाद से उक्त दो नोटों करेंसी को लिगल टेंडर नहीं रहना घोषित कर दिया गया था।  कहा गया कि उक्त रकम उस समय की कुल उपलब्ध नगदी रकम में 89 फीसदी के करीब थी। इसकी तत्काल पूर्ति करने की राय पर कहा गया कि छोटे नोट छापते तो समय लग जाता इसलिए बाज़ार में 2026-17 में 2000 रुपये के करेंसे में 6.5 लाख करोड़ रुपये के नोट डाले गए । इसके बाद हालत सुधरी तो बाद में फिर छापे गए तो एक समय बाज़ार में कुल नगदी 36 लाख करोड़ रुपये की  हो गई।  यह नोटबंदी से भी पहले जो नोट बाज़ार में उपलब्ध थे उससे दोगुने से भी ज्यादा। इसी के बाद 2000 के नोट छापने बंद कर दिये गए।  क्योंकि इसकी छपाई का उद्देश्य पूरा हो गया था उसी समय यह अनुमान लगाया गया था कि नए शुरू किए गए 2000 के नोट कभी भी आने वाले समय में बंद किये जा सकते हैं। तो जाहिर है फैसला अब जाकर लिया गया है इसमें कोई अचरज की बात नहीं है। यह तो होना ही था। 

अजय व्यास, पूर्व कार्यपालक निदेशक, देना बैंक