• 28 Apr, 2025

मणिपुर की पुलिस नाराज, हथियार सरेंडर किये ..

मणिपुर की पुलिस नाराज, हथियार सरेंडर किये ..

● मणिपुर पुलिस का दर्द उनकी ही जुबानी .. ● 300 उग्रवादी और कनपटी पर बंदूक फिर भी हमें गोली नहीं चलाने देते....

इंफाल। मणिपुर में शांति अभी भी दूर की कौड़ी मालूम होती है। वहां उग्रवाद  का तांडव तो चल ही रहा है पर सुरक्षा एजेंसियों को काम करने की आजादी नहीं मिलने से कर्मियों में गुस्सा उबल रहा है। मणिपुर में उग्रवादियों पर जवाबी कार्रवाई की इजाजत नहीं मिलने से मणिपुर पुलिस आक्रोश में है। नाम न छापने की शर्त पर इंफाल में तैनात एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने बताया कि एसपी अमित पर हुआ हमला पहली घटना नहीं है।
 
    12 दिन पहले चूराचांदपुर में तीन सौ से चार सौ लोगों के ग्रुप ने एसपी और डीएसपी ऑफिस पर हमला कर दिया था। तब हमें जान बचाकर भागना पड़ा था हम इतने मजबूर हो गए हैं कि कनपटी पर बंदूक तनी होने के बाद भी हम जवाबी कार्रवाई नहीं कर सकते।

    इंफाल वैली में 19 पुलिस स्टेशनों से सशस्त्र बल अधिनियम हटने के बाद से अराम्बलाई टैंगोल जैसे उग्रवादी संगठन सक्रिय हो गए हैं। जो जान के दुश्मन बने हुए हैं पुलिस का दर्द उन्हीं की जबानी।

  •  क्या मैतेई क्या कुकी ... हर घर में हथियार, जान बचाने के लिए भी ऊपर से परमिशन लेनी होती है...

       दर्द कुछ इस तरह छलक रहा है- अब हमारे पास हथियार  सौंप देने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा है। उग्रवादी एसपी साहब के घर गोलियां चला रहे हैं और हमें ऊपर से जवाबी फायरिंग का आदेश तक नहीं मिल रहा था। सामने 300 उग्रवादी हों हमारी कनपटी पर बंदूक तनी हो और अपनी जान बचाने के लिए भी हमें गोली चलाने की परमिशन लेनी पड़े इससे ज्यादा लाचारी वाली बात और क्या हो सकती है ?  ऐसे में हथियार का हम क्या करेंगे ? मणिपुर में उग्रवाद के खिलाफ हम इतने कमजोर कभी नहीं रहे। यह बेहद खतरनाक दौर है। दस महीने से मणिपुर में जारी अशांति और हिंसा के पीछे बहुत कुछ इन्हीं परिस्थितियों का हाथ है।  यहां क्या मैतेई और क्या कुकी यहां हर घर में हथियार हैं। अब जब खुलकर जवाब देने की अनुमति मिलेगी तब ही हम हथियार उठायेंगे।