कार जो सड़क पर फर्राट भरती और नदी में तैरती है..
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■ एनसीआर की तर्ज पर एससीआर बनाने में लग सकता है समय ■ एससीआर में रायपुर, नवा रायपुर, दुर्ग- भिलाई, कुम्हारी, चरौदा, आरंग, पाटन, खरोरा, तिल्दा अभनपुर होंगे शामिल
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) बनाने की योजना है। इसके लिए 6 हजार वर्ग किमी क्षेत्र की जरूरत होगी। इस परियोजना पर हुई मंत्रणा में एससीआर की आबादी 2030 तक यानी 6 वर्ष में 60 लाख से अधिक अनुमानित है।
यद्यपि इस योजना को अमली जामा पहनाने में अभी लम्बा समय लगेगा। केवल शहरों और कस्बों के सड़कों से जुड़ जानेभर से यह संभव नहीं होगा क्योंकि इसके लिए जरूरी अधोसंरचना का भी जगह पर उपलब्ध होना जरूरी है। बता दें इस पर कैबिनेट में दो माह पहले निर्णय भी हो चुका है । इसके लिए जरूरी विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन- डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की प्रक्रिया भी अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।
जबकि डीपीआर तैयार करने के लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को अधिकृत किया गया है। अभी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में शहरी क्षेत्र का घनत्व रायपुर, बीरगांव, कुम्हारी, भिलाई, चरौदा, रिसाली व दुर्ग क्षेत्र में केन्द्रित है। इसमें आज से सात साल बाद 2031 तक 60 लाख से अधिक जनसंख्या अनुमानित है। इसके लिए उक्त क्षेत्रों में नियोजित और समन्वित अधोसंरचना का विकास आवश्यक है। इसके अभाव में असंगठित और अवैध निर्माण और विकास की आशंका लगातार बढ़ती जा रही है। एससीआर का कुल क्षेत्रफल 6000 वर्ग किमी प्रस्तावित है। इसमें रायपुर, नवा रायपुर अटल नगर, दुर्ग-भिलाई, अभनपुर, आरंग , बेरला, पाटन,खरोरा, तिल्दा इत्यादि क्षेत्रों को शामिल किये जाने का प्रस्ताव है।
इस क्षेत्र में विभिन्न नगर निगम, नगरीय निकाय, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत शामिल हैं।
एससीआर बनाने के संबंध में प्रतिवेदन तैयार किये जाने के लिए क्षेत्रफल सीमांकन, क्षेत्रीय सर्वे, डाटा एनालिसिस, विभिन्न विकास योजनाओं का एकीकरण, संगठनात्मक संरचना, उपयुक्त विधिक प्रावधान, आर्थिक तथा समामजिक दशाओं का विश्लेषण किया जाना है। इसके लिए विभिन्न राज्यों की समरूप परियोजनाओं के विभिन्न विशेषज्ञों की सलाह भी जरूरी होगी। छत्तीसगढ़ सरकार की घोषणा के अनुसार एससीआर की विस्तृत परियोजना तैयार करने के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2024 -25 के बजट में पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य शासन द्वारा एससीआर की स्थापना के सभी सुसंगत कार्य व डीपीआर तैयार करने के लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को अधिकृत किया गया है। आवास व पर्यावरण विभाग को प्रशासकीय विभाग बनाया गया है लेकिन प्राधिकरण और विभागीय अधिकारी इस बारे में कोई भी पुख्ता जानकारी देने की स्थिति में नहीं हैं।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि आबादी के विस्तार के हिसाब से तो रायपुर, नवा रायपुर और भिलाई-दुर्ग सहित आसपास के शहर लगभग जुड़ ही चुके हैं। इन सभी शहरों- कस्बों को इस परियोजना के तहत विकसित किये जाने से अधोसंरचना से लेकर अन्य जरूरी सुविधाओं का विकास होगा । इससे बेहतर जरूरी सुविधाएं लोगों को उपलब्ध होंगी और साथ ही रोजगार के नए - नए अवसर भी मिलेंगे।
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