अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
सीएम बोले अभी इसे सार्वजनिक नहीं करेंगे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 13 नवंबर को कहा कि राज्यपाल ने झीरम घाटी कांड की रिपोर्ट सरकार को सौप दी है। उन्होने यह भी कहा कि हांलाकि रिपोर्ट सरकार को मिल गई है पर इसे अभी सार्वजनिक नहीं करेंगे क्योंकि यह रिपोर्ट अधूरी है। इस अधूरी जांच रिपोर्ट को पूरा करने के लिए सरकार ने दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
झीरम हत्याकांड के बाद तत्कालीन डॉ रमन सिंह सरकार ने इस जांच आयोग का गठन किया था। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दिल्ली से लौटने के बाद इस आशय की जानकारी दी और कहा कि इस कमेटी का समय 20 बार बढ़ाया जा चुका है। सीएम ने कहा कि सितंबर 2021 में आयोग के सचिव लिखते हैं कि झीरम कांड की जांच अभी पूरी नहीं हुई है और उसी समय जस्टिस मिश्रा का आंध्र प्रदेश तबादला हो गया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बीच में जज का तबादला होने से हमने विधि विभाग से राय मांगी थी कि ऐसी स्थिति में हम क्या कुछ कर सकते हैं।
इसी बीच हमें मीडिया के जरिये खबर मिली कि झीरम कांड की रिपोर्ट जांच आयोग ने राज्यपाल को सौंप दी है। सीएम बघेल ने कहा जब आयोग के सचिव पत्र लिखकर जांच पूरी नहीं होने की बात कहते हैं और दूसरी ओर जस्टिस मिश्रा रिपोर्ट राज्यपाल को सौपते हैं तो ऐसे में जांच पूरी कहां हुई इसका मतलब है कि आयोग ने अधूरी जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी।
इधर कहा जा रहा है कि राज्यपाल ने वही अधूरी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। सीएम ने कहा कि इसे कैसे सार्वजनिक कर सकते हैं । यदि रिपोर्ट पूरी हो जाती तो एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ इसे विधानसभा के पटल में रखा जाता लेकिन चूंकि जांच रिपोर्ट अधूरी है इसलिए जांच को आगे बढ़ाने के लिए हमने एजी तथा विधि विभाग अभिमत लेने के बाद दो सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है।
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हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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