• 28 Apr, 2025

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव

राष्ट्रीय रामायण महोत्सव

● मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महोत्सव का उद्घाटन ●हमारी सुबह राम-राम से होती है और शाम भी राम-राम से ... ● सबसे अनुराग रखते हैं ● तीन दिनों तक चली अभूतपूर्व रंगारंग भक्तिमय प्रस्तुतियां ● इसमें कंबोडिया, इंडोनेशिया जैसे विदेशी दलों ने भी हिस्सा लिया ● इसमें रामनामी सम्प्रदाय का राम मार्चपास्ट भी देखा।

■ निरंतर पहल विशेष संवाददाता , रायगढ़

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक जून गुरुवार से तीन दिवसीय राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की शुरुआत हुई है। महोत्सव का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राम के चरित्र निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी अंश होने की बात कही। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के 10 साल छत्तीसगढ़ में गुजारे। श्रीराम ने वनवास के दौरान कितनी कठिनाई झेली, पर अपनी मर्यादा नहीं खोई। भगवान राम जब वन गए तो मर्यादा पुरुषोत्तम बन गए। उनके इस चरित्र निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी अंश है। 
    कला और साहित्य की नगरी रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित भव्य समारोह में तीन दिवसीय राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा, हमारा छत्तीसगढ़ माता कौशल्या और शबरी माता का प्रदेश है। उन्होंने कहा कि यहां सदियों से निवास कर रहे आदिवासियों, वनवासियों का प्रदेश है। भगवान राम का राजतिलक होना था, लेकिन वे वनवास गए, निषादराज से मिले, शबरी से मिले, ऋषि मुनियों से मिले। हमारा रिश्ता वनवासी राम के साथ ही कौशल्या के राम से भी है, इसलिए वे हमारे भांजे हैं, हम छत्तीसगढ़वासी भांजे के पैर छूते हैं।
पहली बार शासकीय स्तर में आयोजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार छत्तीसगढ़ में शासकीय रूप से राष्ट्रीय स्तर पर रामायण महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। श्रीराम जी के आदर्श चरित्र के श्रवण के लिए यह सुंदर आयोजन किया जा रहा है, यद्यपि यह राष्ट्रीय आयोजन है, लेकिन इसमें कंबोडिया, इंडोनेशिया जैसे विदेशी दल भी हिस्सा ले रहे हैं, जिससे यह महोत्सव अंतर्राष्ट्रीय हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, आज मैंने राष्ट्रीय रामायण उत्सव के दौरान सुंदर मार्च पास्ट भी देखा। इसमें रामनामी सम्प्रदाय का राम मार्चपास्ट भी देखा। इन्होंने पूरा जीवन श्रीराम को समर्पित कर दिया है। वे निराकार में विश्वास करते हैं, जिस तरह कबीर निराकार में विश्वास करते हैं। इस तरह सबके अपने-अपने राम हैं।
हमारे दिलों में बसी है रामकथा
मुख्यमंत्री ने कहा, रामकथा हमारे दिलों में बसी हुई है। हमारी सुबह राम-राम से होती है और शाम भी राम-राम से होती है। हमारे हर गांव में रामलीला की सुंदर मंडलियां बनी हुई हैं। आमजन श्रीराम से गहरी आत्मीयता इसलिए महसूस करते हैं, क्योंकि श्रीराम सबके हैं, वे निषादराज के हैं, शबरी के हैं। सबसे अनुराग रखते हैं।
मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र
मुख्यमंत्री ने कहा, हमने सांस्कृति आदान-प्रदान के लिए उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है, जहां तीर्थ स्थल हैं और इनमें दो एकड़ जमीन चाही है ताकि हम अपने यात्रियों के लिए यहां रहने की अच्छी व्यवस्था बना सकें। साथ ही हम अपने तीर्थ स्थलों को भी विकसित कर रहे हैं, ताकि हमारे यहां जो तीर्थयात्री आएं तो उन्हें भी अच्छी सुविधा मिल पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का अधिकांश समय वनवासियों के साथ बिताया। उनके साथ गहरी आत्मीयता का वृत्तांत हमें रामायण में मिलता है। महोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि इस आयोजन में 12 राज्यों के 270 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। इसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश से 70 कलाकार और विदेशों से 27 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं।
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के पहले दिन अरण्य कांड पर उत्तराखंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ के दलों के बीच प्रतियोगिता हुई। कंबोडिया से आए विदेशी कलाकारों ने मर्यादा पुरूष श्रीराम के सुंदर चरित का कंबोडियाई भाषा में मंचन किया. कर्नाटक के कलाकारों ने कन्नड़ भाषा में सीताहरण का मंचन किया।
रामायण महोत्सव के पहले दिन मुंबई से आई गायिका शणमुख प्रिया ने अपनी जादुई आवाज से दर्शकों का मन मोह लिया। भगवान श्रीराम को समर्पित गीतों से दर्शक झूम उठे और पूरा माहौल राममय हो गया। शणमुख प्रिया ने जय जोहार और छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया के साथ श्रोताओं का अभिवादन किया. शणमुख ने राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के भव्य आयोजन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया. देवा श्री गणेशा गाने के साथ अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की और शिव तांडव और सिया राम जय राम जय जय राम के भजन गाकर कार्यक्रम में मौजूद लोगों को भक्ति रस में डुबा दिया. शणमुख ने बताया कि वो पहली बार छत्तीसगढ़ आई है और भाचा राम की धरती में पहुंचकर बहुत अच्छा लग रहा है.

■ कथा का दूसरा दिन :- 
रायगढ़: छत्तीसगढ़ में रामायण महोत्सव का 2 जून को दूसरा दिन था। कार्यक्रम की शुरुआत हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ से हुई. देशभर से आई अंतरराज्यीय रामायण मंडलियों के बीच अरण्य कांड पर आधारित प्रतियोगिता का आयोजन शुरू हो गया । इसमें झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, असम, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, गोवा और छत्तीसगढ़ की टीम ने हिस्सा लिया। इसके बाद शाम को बाबा हंसराज रघुवंशी और लखबीर सिंह लक्खा भजन संध्या की प्रस्तुति दी।
   गायक दिलीप षडंगी ने हनुमान चालीसा की मनमोहक प्रस्तुति दी. सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, असम, गोवा, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड सहित इंडोनेशिया और कंबोडिया की टीमों ने मार्च पास्ट किया। मुंबई से गायिका शणमुख प्रिया और भजन गायक शरद शर्मा भी रायगढ़ पहुंचे। कार्यक्रम में आए सभी कलाकारों को राजकीय गमछा और रामचरित मानस की प्रति भेंट कर सम्मानित किया गया।
सांस्कृतिक संध्या में प्रसिद्ध भजन गायक शरद शर्मा ने भगवान राम के भक्तिमय गीतों पर प्रस्तुति दी. शरद शर्मा ने बताया कि प्रभु राम की कृपा के कारण ही आज वे मां कौशल्या की जन्मभूमि और राजा राम के ननिहाल में पहुंचे हैं। इसके लिए अपने आप को काफी सौभाग्यशाली मानता हूं. यहां सब भगवान राम के मामा है. 2 जून को रामायण महोत्सव का दूसरा दिन था.  देश विदेश के कलाकार अपनी भक्तिमय प्रस्तुति से राम भक्तों का मन खुश कर दिया।

■ कथा का तीसरा दिन :- 
रायगढ़/ देश-विदेश में आकर्षण का केन्द्र बने, छत्तीसगढ़ में पहली बार आयोजित ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ का 3 जून को रंगा-रंग समापन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। तीन दिवसीय राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन रायगढ़ के रामलीला मैदान में किया गया है।
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के तीसरे दिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक अरण्यकाण्ड पर आधारित प्रतियोगिता आयोजित की गई , जिसमें 4 राज्यों केरल, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के दल हिस्सा लिया। शाम 6 बजे से 6.30 बजे तक कंबोडिया के दल द्वारा प्रस्तुति दी गई शाम 6.30 बजे 7 बजे तक केलो महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें महिला स्व-सहायता समूह की बहनों ने गोबर निर्मित दिये से दीपदान भी किया। रात्रि 7 बजे से मंचीय कार्यक्रम शुरू हुआ, जिसमें हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया गया। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का समापन समारोह रात्रि 7.30 बजे से 8.30 बजे तक आयोजित किया गया, जिसमें विजेता दलों को पुरस्कार वितरण किया गया। इसके साथ ही विदेशी कलाकारों और प्रतियोगिता के निर्णायकों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विजेता दलों और विदेशी कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी गई। रात्रि 8.30 बजे से 9 बजे तक इंडोनेशिया के दल की प्रस्तुति थी। भजन संध्या में रात्रि 9 बजे से 9.30 बजे तक ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय कलाकार मैथिली ठाकुर तथा 9.30 बजे से 10 बजे तक ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय कलाकार कुमार विश्वास द्वारा ‘अपने-अपने राम म्युजिक नाईट’ की प्रस्तुति दी गई।