नीति की सराहना, आक्रामक नीति से बैकफुट पर जा रहे नक्सली…
● बैठक- केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने सीएम साय की रणनीति को सराहा ● मंत्री शाह की अपील भटके युवा मुख्यधारा में लौटें
● बीजापुर में डीआरजी , एसटीएफ और सीआरपीएफ को बड़ी सफलता ● भारी मात्रा में हथियार, गोलाबारुद और नक्सल सामग्री घटनास्थल से बरामद ● दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा पुलिस का संयुक्त एक्शन, 1200 से ज्यादा जवानों ने इलाके को घेरा था ● पुलिस ने की आधिकारिक पु्ष्टि
बीजापुर । छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में पीढ़िया के जंगल में हुई मुठभेड़ में पुलिस को भारी सफलता हाथ लगी है। अब तक प्राप्त सूचनाओं के आधार पर कुल 12 नक्सली मारे गए हैं। मरने वालों की संख्या इससे अधिक होने की आशंका भी जताई गई है। इस बारे में पुलिस ने अधिकारिक तौर पर पुष्टि भी कर दी है। घटना स्थल से पुलिस ने भारी मात्रा में गोला -बारूद और नक्सलियों के इस्तेमाल की सामग्री बरामद की है।
बीजापुर पुलिस एसपी जितेन्द्र यादव ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि मौके पर कई बड़े नक्सली नेता भी मौजूद थे। उन्हे भी सुरक्षा बलों ने घेर लिया है। टीम अभी घटना स्थल से नहीं लौटी है। इसलिए खबर लिखते तक विस्तृत जानकारी नहीं हो पाई है। पुलिस के मुताबिक इस मुठभेड़ में 12 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। अंतिम सूचना के अनुसार इस अभियान में डीआरजी, एसटीएफ और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन समेत फोर्स के 1200 से ज्यादा जवानों ने इलाके को घेर रखा है।
मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा बलों को पीढ़िया के जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। जिसमें नक्सली कमांडर लिंगा, पापाराव सहित बड़े कैडर के नक्सलियों की एक कमेटी में डीकेएसजेड, डीव्हीसीएम व एसीएम केडर के बड़े नक्सली नेता शामिल हैं। सूचना पर दतेवाड़ा,बीजापुर और सुकमा इन तीन जिलों से सुरक्षा बल संयुक्त अभियान पर निकले थे।
पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ में कई बड़े नक्सलियों के मारे जाने की उम्मीद है। फोर्स को सूचना मिली थी कि यहां पापा राव जैसे बड़े नक्सली नेता मौजूद हैं। पापा राव को फोर्स ने कई बार घेरने की कोशिशें कीं लेकिन वह बच निकलने में सफल रहा। इसी वजह से तीन जिलों में उसे घेरने के लिए जवानों को उतारा गया। हालांकि मुठभेड़ में किस स्तर के नक्सली मारे गए हैं इसकी पुष्टि बाद में होगी।
दरअसल इतनी बड़ी संख्या में जवानों को जंगल में उतारने पर उनके नक्सलियो के एंबुश में फंसने और घिर जाने का भी डर बना रहता है। ऐसे में बड़े अफसरों ने पूरी प्लानिंग खुद की और पूरे ऑपरेशन पर नजर रखी। जवान रातभर पैदल चलते हुए नक्सलियों के डेरे तक पहुंचे थे। बताया गया कि जैसे ही सुबह 6 बजे के करीब जवान नक्सलियों के ठिकानों के करीब पहुंचे वहां ड्यूटी कर रहे नक्सली के संतरियों की नजर जवानों पर पड़ते ही दूसरी ओर से नक्सलियों ने गोलीबारी शुरु कर दी। उसके बाद शाम तक करीब आठ घंटों तक यहां गोलीबारी जारी रही और बहुत से नक्सली मारे गए। बाद मे 12 नक्सलियो के ढेर होने की
खबर की पुष्टि की गई। कहा गया कि इसमें न फंसते तो नक्सलियों की उनके डेरे में करीब दस दिन तक रुकने की योजना थी। ताड़मेटला की घटना में पहले सत्तर से भी अधिक जवानों की मौत हुई थी। वे एम्बुश में घिर गए थे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार 10 मई को पत्रकारों से चर्चा करते हुए बीजापुर जिले के गंगालूर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ पर प्रतिक्रिया दी । उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों ने 12 नक्सलियों को मार गिराया। निश्चित ही सुरक्षा बलों को मिली यह सफलता सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने बलों की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा कि जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है तब ही से नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जा रही है। प्रदेश से नक्सलवाद का खात्मा ही हामारा लक्ष्य है। नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की लड़ाई जारी रहेगी।
विगत चार माह में 50 से ज्यादा नक्सली ढेर- बीते एक जनवरी से अभी तक छत्तीसगढ़ में पुलिस और माओवादियों के बीच हुए 30 मुठभेड़ों में 50 से भी ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। बस्तर संभाग के सात जिलों में से बीजापुर में सबसे अधिक मुठभेड़ की वारदात हुई है।
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● बैठक- केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने सीएम साय की रणनीति को सराहा ● मंत्री शाह की अपील भटके युवा मुख्यधारा में लौटें
■ बंधन नहीं , नक्सली जहां मिलें वहां मारें - सुंदरराज
■ छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का किया उद्घाटन, ■ पर्यावरणीय संकट से निबटने में समान रूप से सहभागिता ■ छत्तीसगढ़ ने पूरा किया 4 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य ■ जलवायु परिवर्तन से निबटने छग में हो रहा बेहतर काम
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