• 28 Apr, 2025

महादेव ऐपः हवाला कारोबारी की 580 करोड़ की संपत्ति जब्त ..

महादेव ऐपः हवाला कारोबारी की 580 करोड़  की संपत्ति जब्त ..

● ऑनलाइन सट्टे में उच्च पदस्थ नेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता के संकेत ● 3.42 करोड़ रुपये की नगदी एवं कीमती सामान भी ईडी ने किया जब्त ● हवाला कारोबारी हरि शंकर टिबरेवाल फिलहाल दुबई में रहता है। ● अवैध सट्टेबाजी ऐप - स्काई एक्सचेंज का मालिक और संचालक भी है टिबरेवाल

नई दिल्ली । एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) प्रवर्तन निदेशालय ने महादेव ऐप से जुड़े मनी लांड्रिंग (धनशोधन) मामले में हाल ही में की गई अपने छापेमारी के दौरान दुबई स्थित हवाला कारोबारी हरिशंकर टिबरेवाल  की 530 करोड़   रुपये से अधिक की प्रतिभूतियां जब्त कर ली हैं। इसके साथ ही 3.64 करोड़ रुपये मूल्य की नगदी और कीमती सामान  भी अपने कब्जे में ले लिया है।

ईडी का आरोप है कि टिबरेवाल ने महादेव एप के प्रवर्तकों के साथ साझेदारी की और वह कथित अवैध सट्टेबाजी एप - स्काई एक्सचेंज का मालिक और संचालक भी है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार 1 मार्च को यह जानकारी दी ।  मामले में 28 फरवरी 2023 को कोलकाता, गुरुग्राम, दिल्ली, इंदौर, मुंबई और रायपुर स्थित विभिन्न परिसरों में छापे मारे गए थे। महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी एप के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दौरान छत्तीसगढ़ के विभिन्न उच्च पदस्थ नौकरशाहों और नेताओं की कथित संलिप्तता के पर्याप्त संकेत मिले हैं।

सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय  एजेंसी ने इस मामले में एक हवाला कारोबारी हरिशंकर टिबरेवाल की पहचान कर ली है  जो मूलरूप से कोलकाता का रहने वाला है लेकिन फिलहाल वह दुबई में रह रहा है। ईडी का आरोप है कि वह (टिबरेवाल) दुबई स्थित अपनी कंपनियों के जरिए विदेशी पोर्टफोलियों निवेश के माध्यम से भारतीय शेयर बाज़ार में निवेश कर रहा था। उसने अपने अनेक सहयोगियों को कई कंपनियों में निदेशक भी नियुक्त कर रखा था। वे सब उसे शेयर बाज़ार में निवेश में सहायता कर रहे थे।

एजेंसी ने ही बताया कि टिबरेवाल सट्टेबाजी की रकम को बड़े पैमाने पर हवाला के जरिये दूसरी जगहों पर भेजने में भी लिप्त था। सूत्रों के अनुसार टिबरेवाल की लाभकारी  स्वामित्व वाली 580.78 करोड़ रुपये की प्रतिभूतियों को निदेशालय ने -धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जब्त कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान एजेंसी ने 1.86 करोड़ रुपये की नगदी और 1.78 करोड़ रुपये की कीमती वस्तुएं बरामद की हैं। ईडी ने अब तक इस मामले में कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।

  • घूस देने में इस्तेमाल हुआ अवैध धन-

ईडी ने पहले कहा था सट्टा एप द्वारा अर्जित कथित अवैध धन का इस्तेमाल छ्त्तीसगढ़ में नेताओं और नौकरशाहों को घूस देने के लिए किया गया था। एप के मुख्य प्रवर्तक और संचालक छत्तीसगढ़ के ही हैं। निदेशालय ने इस मामले में अब तक दो आरोप पत्र  दायर किये हैं जिनमें कथित अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के दो प्रमुख प्रवर्तकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल है। एजेंसी पहले भी इस मामले में कई बार छापे मार चुकी है।

एजेंसी ने कहा कि महादेव ऑनलाइन बुक की गतिविधियां दुबई से संचालित की जाती हैं और यह अपने ज्ञात गतिविधियों के जरिये 70-30 प्रतिशत लाभ के अनुपात पर काम करती है। ईडी के अनुसार इस मामले में अपराध के जरिये लगभग 6000 छह हजार करोड़ रुपये कमाए गए हैं। 
 

गिरीश तलरेजा को ईडी ने भोपाल में दबोचा

छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप कांड की आंच अब भोपाल तक पहुंच चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात को भोपाल समेत अनेक शहरों में छापेमारी की । भोपाल के गिरीश तलरेजा को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले भी ईडी की टीम ने तलरेजा के भोपाल स्थित घर में छापा मारा था। तलरेजा महादेव सट्टा एप का प्रमोटर बताया जा रहा है। ईडी को इस मामले  में अब भी भोपाल के ही रतनलाल जैन की तलाश  है। 
 
ईडी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महादेव सट्टा एप की जांच के दौरान शुभम सोनी को गिरफ्तार किया था। तब यह बात भी सामने आई थी कि शुभम सोनी और भोपाल के गिरीश तलरेजा और रतनलाल जैन के बीच करोड़ों का लेन देन हुआ है। भोपाल ईडी की टीम अब तलरेजा को रायपुर ईडी टीम को सौंपेगी। ईडी ने गुरुवार और शुक्रवार एक मार्च की दरम्यानी रात भोपाल के साथ-साथ रायपुर, कोरबा, बिलासपुर, पत्थलगांव, सूरजपुर और प्रतापपुर में एक साथ छापे मारे  हैं। 

कुल 1296 करोड़ रुपये की कुर्की, फ्रीजिंग

इससे पहले इस मामले में चल  संपत्ति कुल 572.41 करोड़ रुपये जब्त और जमा किये गए  हैं। पीएमएलए 2022 के तहत तलाशी ली गई और अंतिम कुर्की आदेश जारी किये गए हैं। 142.86 करोड़ रुपये मूल्य की चल -अचल संपत्ति कुर्क की जा रही है। अभियोजन की शिकायतों पर 20 अक्टूबर 2023 और 1 जनवरी 2024 का मामला दर्ज  किया गया है। इस मामले में 9 आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके हैं। इस प्रकार अब तक इस मामले में कुल कुर्की  या फ्रीजिंग 1296.05 करोड़ रुपये की हुई है। 

डिजिटल डेटा सहित अन्य आपत्तिजनक साक्ष्य भी जब्त -

ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की । बाद में विशाखापट्टनम पुलिस और अन्य राज्यों की पुलिस द्वारा  दर्ज की गई अन्य प्राथमिकियों को भी रिकार्ड में लिया गया। लताशी के दौरान डिजिटल डेटा सहित बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य भी बरामद किये गए और जब्त कर लिया गया।