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• मांडविया ने भी की पुष्टि, विशेषज्ञों की टीम फौरन कोझिकोड भेजी गई • निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है..
कोझिकोड ( केरल )। वैसे तो बारिश के बाद का नमी और उमस से भरा मौसम हर साल ही एक बड़ा आबादी को बीमार करने का सबब बनता ही है पर कोविड कोराना काल के बाद से देखा जा रहा है कि लोगों की सामान्य प्रतिरोधक क्षमता में भी नाटकीय रूप से कमी आई है। इससे लोग पहले की तुलना में सामान्य बीमारियों सर्दी-जुकाम के लिए और भी ज्यादा नाजुक हो गए हैं। लगभग हर साल ही कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया लोगों को अपने चपेट में ले रहे हैं। अभी दक्षिण भारत में केरल के कोझिकोड़ जिले में निपाह वायरस के प्रकोप से दो लोगों की मौत हो गई है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने कोझिकोड में संवाददाताओं से कहा है कि निपाह से संक्रमित लोगों में से 9 साल का एक लड़का भी है। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति की कल संक्रमण स मौत हो गई उसके और 9 साल के लड़के सहित इलाज करा रहे दो अन्य लोगों के नमूने में संक्रमण की पुष्टि हुई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि स्थिति का जायजा लेने और निपाह वायरस संक्रमण से निपटने में राज्य सरकार की सहायता के लिए विशेषज्ञों की एक केन्द्रीय टीम केरल भेजी गई है।
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक केरल से चार और लोगों के रक्त के नमूने घातक वायरस के परीक्षण के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए हैं। 12 सितंबर को खबर दी गई की निपाह से मृत दोनों लोगों के शव मर्चुरी में रखे गए हैं। इसी रात कहा गया था कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
केरल के स्वास्थ्य विभाग ने 12 सितंबर की रात जारी एक बयान में कहा कि 11 सितंबर सोमवार को कोझिकोड़ में वायरस के संक्रमण से दो लोगों की अस्वाभाविक मौत होने की सूचना मिली है। इसी के बाद कन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने पत्रकारों से कहा कि यह पुष्टि हो गई है कि कोझिकोड में दो लोगों की मौत निपाह वायरस के कारण हो गई है। इससे पहले दिन केरल सरकार ने कोझिकोड में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया और लोगों को एहतियात के तौर पर मास्क के इस्तेमाल की सलाह भी दी।
सीएम पिनराई विजयन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार निपाह वायरस के संक्रमण के बाद दो लोगों की मौत को बहुत गंभीरता से ले रही है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर कोझिकोड की स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने कहा जिले में पूरा स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निपाह वारयर संक्रमण जानवरों से आदमियों में फैलता है। यह बीमारी दूषित भोजन या एक व्यक्ति से दूसरे में भी फैल सकता है। एक जानकारी के मुताबिक निपाह वायरस का पहला मामला 1999 में मलेशिया के एक गांव सुनगई निपाह में सामने आया था इसी कारण इस वायरस का नाम निपाह रखा गया।
कैसे फैलता है ये वायरस कोरोना जैसे वायरस की तरह ही निपाह का सोर्स भी जानवर को माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि चमगादड़ के जरिये यह वायरस इंसानों में फैलता है, हालांकि यह भी कहा गया है कि यह सुअर, कुत्ते, बिल्ली, घोड़े और संभवतः भेड़ से भी फैल सकता है। अगर निपाह वायरस से कोई व्यक्ति संक्रमित हो गया तो वह दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। यानी कहा जा रहा है कि एक की वजह से बहुत लोग संक्रमित हो सकते हैं। | निपाह वायरस से मृत्यु दर 45 से 70 फीसदी तक निपाह वायरस को ज्यादा संक्रामक और घातक माना जाता है। इससे संक्रमित तो कम लोग हो सकते हैं लेकिन मृत्यु दर ज्यादा होती है। केरल में जब इससे पहले भी निपाह फैला तब इससे मृत्यु दर 45 से 70 फीसदी तक आकी गई थी। इतना ही नहीं यह भी कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति की निपाह वायरस से मौत हुई है तो उसके परिवार के दूसरे सदस्यों में भी संक्रमण का खतरा रहता है। ऐसे में निपाह से मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करते समय खास किस्म की सावधानी बरतनजरूरी होती है। | क्या है लक्षण निपाह वायरस के ? यदि कोई व्यक्ति निपाह वायरस से संक्रमित होगा तो उसे तेज बुखार होगा, साथ ही सिर दर्द, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश और एटिपिकल निमोनिया जैसे लक्षण दिखाई पड़ेंगे।संक्रमण यदि तेज हुआ तो साथ ही एंसेफिलाइटिस के भी लक्षण दिखने लगते हैं। संक्रमण इतना घातक भी होता है कि संक्रमित व्यक्ति 24 से 48 घंटो में कोमा में भी जा सकता है। निपाह वायरस के लक्षण किसी भी व्यक्ति में 5 से 14 दिन के भीतर दिख सकते हैं पर कुछ मामलों में यह अमूमन 45 दिनों तक भी खिंच जा सकता है। इतने दिनों तक शरीर में वायरस का रहना इस वायरस से जुड़ा सबसे खतरनाक पहलु है क्योंकि इसमें आपको पता भी नहीं चलेगा और आप कई अन्य लोगों को इस खतरनाक वायरस से संक्रमित कर सकते हैं। इसी तरह कुछ मामले ऐसे भी देखने में आए हैं जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, जबकी निपाह वायरस शरीर में मौजूद रहता है। |
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