अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
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● टूटेजा समेत 7 आरोपियों की 205 करोड़ की संपत्तियां कुर्क, कारोबार चला सकेंगे
रायपुर। प्रदेश में बहुचर्चित 2000 करोड़ के आबकारी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार 3 मई को बड़ी कार्रवाई की। एजेंसी ने सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अनिल टूटेजा, तत्कालीन आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, विकास अग्रवाल, नवीन केडिया,आशीष सौरभ केडिया समेत अन्य आरोपियों की कुल 205 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच ( कुर्क ) की हैं। संपत्तियों में होटल, कॉम्पलेक्स, होटल, मकान, ज्वेलरी,गाड़ियां समेत कुल 18 चल और 161 अचल संपत्तियां शामिल हैं। अटैच करने का मतलब होगा कि आरोपी इन संपत्तियों का उपयोग कर सकेंगे। कारोबारी संपत्ति में बिजनेस चलता रहेगा लेकिन वे इसे बेच नहीं सकेंगे।
ईडी का दावा है कि घोटाले में शामिल आरोपियों ने अवैध तरीके से कमाया गया पैसा अपने कारोबार में लगाया और संपत्तियों में निवेश किया है। कहा गया कि ऐसा कर काली कमाई को सफेद करने का प्रयास किया गया। ईडी ने एक साल पहले भी इन आरोपियों की 180 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां अटैच की थीं हालांकि इस केस को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया और इसी कारण इस केस में अटैच की गई कथित संपत्तियां फ्री हो गई थीं।
अब इस घटना के एक साल बाद ईडी ने एक नया केस दर्ज किया है इसलिए फिर से उनकी संपत्तियों को अटैच किया गया है। ईडी ने पुराने मामले में इन्ही कारोबारियों की 180 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां अटैच की थीं। इन संपत्तियों में रिटायर्ड आईएएस टूटेजा की 8.83 करोड़,अनवर ढेबर की 83.78 करोड़, अरविंद सिंह की 11. 35 करोड़, अरुणपति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ और नवीन केडिया की 58 करोड़
की ज्वेलरी की संपत्तियां शामिल थीं।
इसके अलावा रायपुर भिलाई, भिलाई, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई सहित 50 से भी ज्यादा जगहों पर तलाशी के दौरान कैश, फिक्स्ड डिपाजिट, शेयर, गाड़ियां, जमीन और ज्वेलरी जब्त की गईं।
अग्रवाल समेत इनकी भी संपत्तियां अटैच अनवर के करीबी मित्र और कारोबारी विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू की 1.54 करोड़ रुपये मूल्य की तीन संपत्तियां, अरविंद सिंह की 12.99 करोड़ की 33 संपत्तियां,अरुणपति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ की संपत्तियां, त्रिलोक सिंह ढिल्लो की 28.93 करोड़ की 9 संपत्तियां, नवीन केडिया के घर से 27.96 करोड़ की ज्वेलरी, आशीष सौरभ केडिया की दिशिता वेंचर प्रा. लिमिटेड की 1.2 करोड़ मूल्य की संपत्तियां और 13 लाख की गाड़ी अटैच की गई। ईडी का दावा है कि 2019 से 2021 के बीच आबकारी विभाग में 2000 करोड़ का घोटाला किया गया। इसमें मिले अवैध धन को निवेश किया गया। | कुर्की यानी संपत्ति के बेचने पर पाबंदी होगी रायपुर कोर्ट के अधिवक्ता विपिन अग्रवाल के अनुसार ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट तहत संपत्ति को अटैच करती है। अटैचमेंट या अस्थायी कुर्की तब की जाती है जब ईडी को प्रारंभिक पड़ताल में पता चलता है वह काले धन या अवैध आय से कमाई संपत्ति है। अटैच करने के बाद जांच होती है फिर वह मामला अदालत में जाता है।ईडी जब कोई संपत्ति अटैच करती है तो इसका मतलब यह नहीं होता कि उसका इस्तेमाल नहीं हो सकता । उसका व्यक्तिगत या व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा सकता है पर उसकी खरीद बिक्री या किसी और के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। |
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■ चीन 2046 में जी रहा है, इसकी तरक्की की रफ्तार देखते ही बनती हैं…..
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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