• 28 Apr, 2025

75 गोठानों से होगी शुरुआत सीएम ने कहा – रासायनिक खाद का विकल्प है वर्मी कम्पोस्ट, 2.37 करोड़ रु.का किया भुगतान

रायपुर. खेती में गोबर और उससे बनने वाले वर्मी कम्पोस्ट के अलावा भी अन्य तरह के इस्तेमाल की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं । अब छत्तीसगढ़ में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की तैयारी की जा रही है। जयपुर की एक पेपर कम्पनी यह पेंट बनाएगी।  पहले चरण  में प्रदेश के 75 गौठानों से इसकी शुरुआत की जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में एक नवंबर को कुमाराप्पा नेशनल पेपर इंडस्ट्रीज जयपुर, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय नई दिल्ली और छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के बीच गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की तकनीक हस्तांतरण के लिए विधिवत हस्ताक्षर किया गया।  मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने गोधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गोठानों का निर्माण करा कर और गोधन न्याय योजना की शुरुआत कर एक साथ कई लक्ष्य साधे हैं। प्रदेश गोबर से बिजली के बाद अब गोबर से प्राकृतिक पेंट भी बनाने जा रहा है। इस अवसर पर कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे, सीएम के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा, डॉ. महंत श्याम सुंदर दास, सुब्रत  साहू, अलरमेलमंगई डी., डॉ. एस. भारतीदासन, केन्द्रीय खादी  और ग्रामोद्योग आयोग के राज्य निदेशक बद्रीलाल मीना, संचालत डॉ. अजय सिंह और ओमप्रकाश सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सीएमसी निर्माण की पहल 
500 लीटर पेंट का उत्पान होगा
गोठानों में कार्बोक्सी मिथाइल सेल्यूलोज ( सीएमससी ) निर्माण ईकाई और पेंट निर्माण ईकाई के लिए पहल शुरू कर दी गई है। बताया गया कि यहां रोजाना 500 लीटर पेंट का उत्पादन किया जाएगा। पहले चरण में हर साल में 37.50 लाख लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन किए जाने की संभवना है। वर्तमान में प्राकृतिक पेंट की कीमत जीएसटी छोड़कर 120 रुपये प्रतिलीटर है। प्राकृतिक पेंट के निर्माण का मुख्य घटक कार्बोक्सी मिथाइल सेल्यूलोज ( सीएससी ) होता है। सौ किलो गोबर से लगभग 10 किलो सूखा सीएमसी तैयार होता है। कुल निर्मित पेंट में 30 प्रतिशत मात्रा सीएमसी की ही होती है। वर्तमान में 25  गोठानों में पेंट निर्माण ईकाई तथा 50 गोठानों में सीएमसी ईकाई बनाई जा रही है।

2.37 करोड़ रु.का किया भुगतान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोबर बेचने वाले पशुपालकों, गोठान समितियों एवं महिला स्व सहायता समूहों के लिए दो करोड़ सैंतीस लाख रुपये जारी किए।  अपने निवास कार्यालय में एक ऑनलाइन कार्यक्रम में उन्होंने गोबर बेचने वाले को 2 करोड़ 6 लाख  रुपये और गोठान समितियों और स्व सहायता समूहों का लाभांश 31 लाख रुपये शामिल है। इस मौके पर सीएम ने कहा कि गोबर से गाठानों में बनने वाली वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट खाद रासायनिक खाद का सशक्त विकल्प बन गया है। सीएम ने खरीफ सीजन 2021 का उल्लेख करते हुए कहा जब सारे प्रदेशों में रासायनिक खाद के लिए मारामारी हो  रही थी तो छत्तीसगढ़ इससे अछूता ही रहा। उन्होंने कहा कि डीएपी की कमी को छत्तीसगढ़ ने गोठानों में बनी वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट खाद से पूरा किया। सीएम ने कहा कि रासायनिक खाद विशेष कर डीएपी की आपूर्ति में दिक्कत होने की आशंका है। इससे निबटने के लिए सीएम ने किसानों, गोठान समितियों और स्व सहायता समूहों से वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन बढाने की अपील की है।

अब तक 111 करोड़ से ज्यादा का भुगतान 
गोधन न्याय मिशन के संचालक डॉ. एस. भारतीदासन ने बताया कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर खरीदी के एवज में अब तक पशुपालक किसानों को 111 करोड़ 56 लाख रुपये, और गोठान समितियों को 41 करोड़ 65 लाख रुपये का भुगतान किया जा सका है।