अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
सीट बटवारे को लेकर जदयू -राजद के बीच खटास बढ़ने का संकट
नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन इंडिया की राह अब आसान नहीं दिख रही। सीट बटवारे के बीच फंसे पेच के बीच बिहार में राजद और जदयू के बीच बढ़ी खटास ने गठबंधन की परेशानी बढ़ा दी है। महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश में क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ को महत्व नहीं दे रहे।
दूसरी ओर दिल्ली , हरियाणा और गुजरात में आम आदमी पार्टी ने सीट बटवारे को उलझा दिया है। दिक्कत तो यह है कि गठबंधन की अगली बैठक से पहले सीट बटवारे से संबंधित फार्मूले पर सहमति बन जानी थी पर इस दिशा में गठबंधन खबर लिखे जाने तक (जनवरी के पहले हफ्ते में) एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया है। इस मामले में सबसे अहम दाव बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है। राष्ट्रीय अध्यक्ष लखन सिंह को चलता कर खुद इस पद पर आए नीतीश ने गठबंधन के नेता के रूप में अपना दावा पेश कर दिया है। दावे को मजबूत करने के लिए नीतीश ने जातिगत जनगणना के सवाल पर पूरे देश में घूमने की योजना बनाई है।
यह योजना ऐसे समय में बनाई गई है जब गठबंधन की कुछ ही दिनों पूर्व दिसंबर में हुई बैठक में टीएमसी अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने गठबंधन के नेता के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आगे बढ़ाया था।
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
Address
Raipur
Phone
+(91) 9893260359