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● हर साल पांच हजार डिस्टिनेशन वेडिंग विदेशों में , 50 000 करोड़ रुपये खर्च ● प्रधानमंत्री ने विदेशों में डेस्टिनेशन वेडिंग पर चिंता जताई है
नई दिल्ली। तेजी से बदलते दौर ने लोगों के जीवन के कुछ खास मौकों को भी अपने असर की जद में ले लिया है। इसी कड़ी में शादी-ब्याह भी अब पारंपरिक रुप से संपन्न होने वाली रस्म नहीं रह गई है। आधुनिकता के इस दौर में आज के युवा जोड़े स्वपनजीवी की तरह जीवन के इस सबसे खूबसूरत लम्हे को किसी परिकथा सा रुप देना चाहते हैं। और इसलिए डिस्टिनेशन वेडिंग धीरे धीरे लोकप्रिय होती जा रही है। किसी खास जगह का चुनाव कर उसी परिवेश में विवाह की रस्मे पूरी करने के चलन को डेस्टिनेशन वेडिंग कहा जाता है जिसमें पृष्ठभूमि, परिधान खानपान, सभी कुछ उस जगह के अनुकूल रखा जाता है यह जितना कहने सुनने में आसान लग रहा है उतना होता नहीं है। इसमें मनमाना खर्च होता है और लोग अपनी हैसियत बताने के लिए भी इस तरह विवाह करने का चयन करते हैं।
इसमें जोड़े घर से दूर दूसरे शहर में, दूसरे देश में और कई बार तो सात समुंदर पार भी हसीन वादियों या तारों भरी रात या अटखेलियां करती मखमली लहरों से सजे तट पर रेशमी डोरी से अपने प्रेम कहानी बुनना चाहते हैं। डेस्टिनेशन वेडिंग में निश्चित रूप से लोग विविधतापूर्ण और लजीज भोजन और महंगे कपड़ो पर भी काभी धन खर्च करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युगलों को भारत में ही डेस्टिनेशन वेडिंग की योजना बनाने के लिए प्रेरित किया था। पीएम ने विदेशों में डेस्टिनेशन वेडिंग के बढ़ते चलन पर चिंता जताई है। उनका कहना था कि युवा युगल यदि देश में शादी करेंगे तो देश का पैसा देश में ही रहेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इस अपील के बाद देशभर में डेस्टिनेशन वेडिंग को लेकर चिंतन -मंथन भी शुरू हो गया है।
हाल के वर्षों में ही फिल्मी और क्रिकेट सितारों जिसमें विराट कोहली-अनुष्का शर्मा और रणवीर सिंह- दीपिका पादुकोण जैसी सेलिब्रिटी शामिल हैं अपनी शादी के लिए इटली जाने का विकल्प चुना था। कियाराआडवाणी-सिध्दार्थ मल्होत्रा की शादी सवाई माधोपुर के फोर्ट बरवारा में हुई थी। जबकि कैटरीना कैफ़ और विक्की कौशल ने अपनी शादी के लिए जैसलमेर के सूर्यगढ़ पैलेस को चुना था। इसके अलावा जोधपुर के उमेद भवन पैलेस में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा और अमरीकी गायक जोनास की शादी ने भी डेस्टिनेशन वेडिंग की योजना बना रहे युवा जोड़ों को प्रेरित किया ।
पैसे वाले दस प्रतिशत लोग ही डेस्टिनेशन वेडिंग कर रहे हैं... डेस्टिनेशन वेडिंग की योजना बनाने वाले उद्योग के विशेषज्ञों को कहना है कि घर से दूर शादी करने का चलन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भारत में तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक हालांकि ऐसे जोड़े अधिक हैं जो विदेशों की तुलना में देश के भीतर ही रोमांटिक और ऐतिहासिक परिदृश्य वाले स्थान की तलाश करते हैं। वेडिंग प्लानर वेडिंगसूत्र डाटकॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थिव त्यागराजन का कहना है कि 10 फीसदी धनी -मानी लोग ही डेस्टिनेशन वेडिंग का विकल्प चुनते हैं। और इससे भी कुछ फीसदी लोग इस अवसर के लिए विदेश जाने का विकल्प चुनते हैं। त्यागराजन ने कहा कि राजस्थान, गोवा, महाबलीपुरम,केरल और मुंबई के अलावा दिल्ली के आसपास कुछ वेडिंग डेस्टिनेशन बड़ी संख्या में शादियां हो रहीं हैं। इसलिए पैसे वाले दस फीसदी लोग डेस्टिनेशन वेडिंग कर रहे हैं। इनमें भी कुछ 10 से 15 फीसदी लोग विदेश का रुख करते हैं। | भारत में शादी से 3.75 लाख करोड़ का कारोबार संभव सीएआईटी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक शादी समारोहों से संबंधित उद्योगों को इस बार भारत में होने वाली करीब 38 लाख शादियों से करीब 4.7 लाख करोड़ रुपये की आय होने का अनुमान है। पिछले साल इस उद्योग ने 32 लाख शादियों के माध्यम से 3.75 लाख करोड़ रुपयों का कारोबार किया। कुछ जानकार लोगों ने कहा कि यदि देश में डेस्टिनेशन वेडिंग इस भावना के साथ आयोजित किए जाएं कि भारत का पैसा देश के भीतर ही खर्च किया जाए तो इससे न केवल भारतीय मूल्य विकसित होंगे बल्कि देश के व्यापार और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। |
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