• 28 Apr, 2025

इमरजेंसी की तारीख 25 जून अब संविधान हत्या दिवस

इमरजेंसी की तारीख 25 जून अब संविधान हत्या दिवस

● पीएम मोदी ने कहा-देश कांग्रेस के दमनकारी कदम को हमेशा काले अध्याय के रुप में याद रखेगा। ● कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा-पिछले दस सालों में आपकी सरकार ने रोज संविधान की हत्या दिवस ही तो मनाया है।

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की है। इसी दिन इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपात काल लगाने की घोषणा की थी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी राजपत्र में कहा गया है कि 25 जून 1975 को आपातकाल लगाने के बाद तत्कालीन सरकार ने सत्ता का घोर दुरुपयोग किया और लोगों पर अत्याचार किये।  

  भारत के लोगों को संविधान और लोकतंत्र पर अटूट विश्वास है। इसलिए सरकार 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित करती है , ताकि आपातकाल के दौरान सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ लड़ने वाले लोगों को श्रध्दांजलि दी जा सके।

   केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- 25 जून 1975 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने तानाशाही मानसिकता का प्रदर्शन करते हुए आपातकाल लागू करते हुए लोकतंत्र  की आत्मा का गला घोंट दिया। लाखों लोगों को बिना किसी अपराध या गलती के सलाखों के पीछे डाल दिया गया और मीडिया की आवाज दबा दी गई।  संविधान हत्या दिवस उन लोगों के योगदान की याद दिलाएगा जिन्होंने आपातकाल में दर्द झेला।

   पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा , संविधान हत्या  दिवस याद दिलाएगा कि संविधान के कुचले जाने के बाद देश को किन किन हालातों से गुजरना पड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के उस दमनकारी कदम को भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा। 
 

संविधान शब्द के साथ हत्या जोड़कर भाजपा ने अंबेडकर का अपमान किया

   कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए कहा - पिछले दस वर्षों में तो आपकी सरकार ने रोज संविधान हत्या दिवस ही तो मनाया है। जब मध्यप्रदेश में भाजपा नेता किसी आदिवासी पर पेशाब करता है, हाथरस की दलित बेटी का पुलिस जबरन दाह संस्कार करती है, मनमानी नोटबंदी और लाकडाउन में लोगों को अधर में छोड़ देना यह संविधान की हत्या ही तो है। भाजपा और जनसंघ संविधान की जगह मनु स्मृति  लागू कराना चाहते हैं। भाजपा संविधान जैसे पवित्र शब्द के साथ हत्या जैसा शब्द जोड़कर बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान कर रही है।
    दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेता सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि तो फिर तो 30 जनवरी को बापू हत्या दिवस और संविधान हत्या दिवस दोनों ही मनाना चाहिए। इसी दिन चंडीगढ़ में भाजपा के मेयर ने मेयर चुनाव में गड़बड़ी की थी।