• 28 Apr, 2025

सीबीएसई ने परीक्षा के नतीजों को लेकर किया बड़ा बदलाव..

सीबीएसई ने परीक्षा के नतीजों को लेकर किया बड़ा बदलाव..

● दसवीं और बारहवीं में अब कोई डिवीजन, डिस्टिंक्शन नहीं ● वरीयता सूची जारी करने की परिपाटी पहले ही खत्म की जा चुकी है

नई दिल्ली। सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन( सीबीएसई) के एक वरिष्ठ अफसर ने एक दिसंबर शुक्रवार को कहा कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में अब कोई समग्र श्रेणी (डिविजन) या डिस्टिंक्शन ( विशेष योग्यता)
नहीं उल्लेखित की जाएगी। उन्होंने कहा  कि बोर्ड प्रत्येक विषय में अंक देने की प्रक्रिया जारी रखेगा और उच्च शिक्षण संस्थान (कॉलेज) या संबंधित रोजगार प्रदाता चाहें तो कुल प्राप्तांक निकाल सकते हैं।

सीबीएसई की परीक्षा नियंत्रक सान्याम भारद्वार ने कहा कोई समग्र श्रेणी, विशेष योग्यता या कुल प्राप्तांक नहीं दिये जाएंगे। यदि किसी विद्यार्थी ने पांच से ज्यादा विषयों में परीक्षा दी है तो उसे प्रवेश देने वाला उच्च अध्ययन संस्थान या नियोक्ता उसके लिए सर्वश्रेष्ठ पांच विषयों पर विचार करने का फैसला कर सकता है। भारद्वाज ने कहा कि बोर्ड अंक प्रतिशत की गणना नहीं करेगा, उसकी घोषणा नहीं करेगा या सूचना नहीं  देगा। उन्होंने कहा कि उच्च अध्ययन संस्थान कॉलेज या नियोक्ता को अंक प्रतिशत रोजगार देने के लिए आवश्यक है तो गणना रोजगार देने वाले संस्थान यानी नियोक्ता और प्रवेश देने वाले संस्थान द्वारा की जा सकती है।  

कोरोना के समय लिया गया था वरीयता सूची समाप्त करने का फैसला-


इससे पहले सीबीएसई स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के उद्देश्य से विद्यार्थियों को परीक्षा की अंक सूची में वरीयता सूची जारी करने की परिपाटी खत्म कर चुका है। वरीयता सूची जारी नहीं करने का फैसला कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉक डाउन के दौरान 2020 में किया गया था। उस समय परीक्षाओं में छात्रों को प्राप्त अंकों के औसत का इस्तेमाल करते हुए परिणाम घोषिक किये गए थे। हालांकि बोर्ड ने महामारी के बाद के सालों में भी इस परंपरा को बहाल नहीं करने
का फैसला किया है। 

बोर्ड परीक्षाएं 2 फरवरी से चालू होंगीं..

सीबीएसई ने मई में घोषणा की थी कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2024 से प्रारंभ होंगी । शिक्षा मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में ही परीक्षा कार्यक्रम काफी पहले घोषित करने का निर्णय लिया था ताकि विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिले हालांकि अभी परीक्षा का तिथिवार कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है। 
 

असम में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मेडिकल और इंजीनियरिंग में आरक्षण...

तिनसुकिया( असम) । असम सरकार ने सरकारी स्कूलों से पढ़े विद्यार्थियों के लिए राज्य के मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीट आरक्षित करने का शुक्रवार 1 दिसंबर को बड़ा फैसला किया। मुख्यमंत्री हेमंता विस्व सरमा की अध्यक्षता में तिनसुकिया में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।  मुख्यमंत्री ने बैठक खत्म होने के बाद पत्रकारों से कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़े विद्यार्थियों के लिए सीटें आरक्षित करने का फैसला इसलिए किया गया ताकि इन स्कूलों में विद्यार्थियों के दाखिले को भी प्रोत्साहन मिल सके। 
    उन्होंने कहा कि सातवीं 7वी से बारहवीं 12 वी कक्षा तक सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्रों के विद्यार्थियों के लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में पांच 5 फीसदी सीटें आरक्षित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने राज्य औद्योगिक नीति के तहत तीन परियोजनाओं के लिए 438 करोड़ रुपयों की मंजूरी दी है। इन तीन परियोजनाओं में बोगाईगांव में भाग्यश्री उद्योग की एक बांस क्रैश बेरियर निर्माण इकाई , काजी रंगा में टाटा समूह के एक होटल का निर्माण और गुवाहाटी में रेडिसन ब्लू होटल बनाना भी शामिल है।