सुप्रीम कोर्टने कहा- बिना सहमति संबंधों को माना दुष्कर्म तो नष्ट होगी विवाह संस्था
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● दसवीं और बारहवीं में अब कोई डिवीजन, डिस्टिंक्शन नहीं ● वरीयता सूची जारी करने की परिपाटी पहले ही खत्म की जा चुकी है
नई दिल्ली। सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन( सीबीएसई) के एक वरिष्ठ अफसर ने एक दिसंबर शुक्रवार को कहा कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में अब कोई समग्र श्रेणी (डिविजन) या डिस्टिंक्शन ( विशेष योग्यता)
नहीं उल्लेखित की जाएगी। उन्होंने कहा कि बोर्ड प्रत्येक विषय में अंक देने की प्रक्रिया जारी रखेगा और उच्च शिक्षण संस्थान (कॉलेज) या संबंधित रोजगार प्रदाता चाहें तो कुल प्राप्तांक निकाल सकते हैं।
सीबीएसई की परीक्षा नियंत्रक सान्याम भारद्वार ने कहा कोई समग्र श्रेणी, विशेष योग्यता या कुल प्राप्तांक नहीं दिये जाएंगे। यदि किसी विद्यार्थी ने पांच से ज्यादा विषयों में परीक्षा दी है तो उसे प्रवेश देने वाला उच्च अध्ययन संस्थान या नियोक्ता उसके लिए सर्वश्रेष्ठ पांच विषयों पर विचार करने का फैसला कर सकता है। भारद्वाज ने कहा कि बोर्ड अंक प्रतिशत की गणना नहीं करेगा, उसकी घोषणा नहीं करेगा या सूचना नहीं देगा। उन्होंने कहा कि उच्च अध्ययन संस्थान कॉलेज या नियोक्ता को अंक प्रतिशत रोजगार देने के लिए आवश्यक है तो गणना रोजगार देने वाले संस्थान यानी नियोक्ता और प्रवेश देने वाले संस्थान द्वारा की जा सकती है।
कोरोना के समय लिया गया था वरीयता सूची समाप्त करने का फैसला-
| बोर्ड परीक्षाएं 2 फरवरी से चालू होंगीं.. सीबीएसई ने मई में घोषणा की थी कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2024 से प्रारंभ होंगी । शिक्षा मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में ही परीक्षा कार्यक्रम काफी पहले घोषित करने का निर्णय लिया था ताकि विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिले हालांकि अभी परीक्षा का तिथिवार कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है। |
असम में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मेडिकल और इंजीनियरिंग में आरक्षण... तिनसुकिया( असम) । असम सरकार ने सरकारी स्कूलों से पढ़े विद्यार्थियों के लिए राज्य के मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीट आरक्षित करने का शुक्रवार 1 दिसंबर को बड़ा फैसला किया। मुख्यमंत्री हेमंता विस्व सरमा की अध्यक्षता में तिनसुकिया में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने बैठक खत्म होने के बाद पत्रकारों से कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़े विद्यार्थियों के लिए सीटें आरक्षित करने का फैसला इसलिए किया गया ताकि इन स्कूलों में विद्यार्थियों के दाखिले को भी प्रोत्साहन मिल सके। |
■ केन्द्र मैरिटल रेप को अपराध बनाने के खिलाफ
■ तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को जमानत, शीर्ष कोर्ट ने कहा केस पूरा होने में अत्यधिक देरी और जमानत देने की उच्च सीमा एक साथ नहीं चल सकती
● एक राष्ट्र एक छात्र- अपार आई डी योजना का जल्द क्रियान्वयन होगा ● आई डी आजीवन रहेगी और डीजी लॉकर के जरिए आसानी से उपलब्ध होगी ● कक्षा पहली से 12 वीं तक हर विद्यार्थी की बनेगी अपार आई डी ● सबसे पहले 9 वीं से 12 वीं के विद्यार्थियों का बनेगा ● बच्चों की शारीरिक प्रगति और उपलब्धियों की जानकारी रहेगी इसमेंं ● स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किए दिशा निर्देश
■ हमारे साझा सरोकार "निरंतर पहल" एक गम्भीर विमर्श की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका है जो युवा चेतना और लोकजागरण के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा, स्वास्थ्य, खेती और रोजगार इसके चार प्रमुख विषय हैं। इसके अलावा राजनीति, आर्थिकी, कला साहित्य और खेल - मनोरंजन इस पत्रिका अतिरिक्त आकर्षण हैं। पर्यावरण जैसा नाजुक और वैश्विक सरोकार इसकी प्रमुख प्रथमिकताओं में शामिल है। सुदीर्ध अनुभव वाले संपादकीय सहयोगियों के संपादन में पत्रिका बेहतर प्रतिसाद के साथ उत्तरोत्तर प्रगति के सोपान तय कर रही है। छह महीने की इस शिशु पत्रिका का अत्यंत सुरुचिपूर्ण वेब पोर्टल: "निरंतर पहल डॉट इन "सुधी पाठको को सौपते हुए अत्यंत खुशी हो रही है। संपादक समीर दीवान
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