कार जो सड़क पर फर्राट भरती और नदी में तैरती है..
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● छत्तीसगढ़ के इस डिपाजिट में 256 और कश्मीर में 317 हेक्टेयर में लीथियम , दोनो के लिए टेंडर
कोरबा ( निरंतर पहल ) । किसी भी भूमि पर मिलने वाले खनिज से ही उस जमीन की समृध्दि की बुनियाद बनती है। कोयला,बिजली व एल्यूमिनिय के बाद अब छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला अब दुनिया के नक्शे पर लीथियम के लिए दर्ज होगा। बताते चलें कि हर हाथ में जो मोबाइल है ई-वाहनों का जो चलन बढ़ता जा रहा है इन दोनों ही के बैटरी में लीथियम का इस्तेमाल होता है और खुशी की बात है कि बहुतायत में मांग वाले खनिज लीथियम का भंडार कटघोरा के महेशपुर और घुचापुर में मिला है। केन्द्र सरकार ने तो अब इसके व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए खनन करने कंपोजिट लाइंसेंस का टेंडर भी जारी कर दिया है।
हमारे प्रदेश छत्तीसगढ़ के कटघोरा के अलावा जम्मू-कश्मीर के रियासी इलाके में भी इस कीमती धातु के खनन के लिए टेंडर हुआ है। कटघोरा में 256.25 तथा जम्मू -कश्मीर के रियासी में 317 हेक्टेयर क्षेत्र में लीथियम के विशाल भंडार की पुष्टि हुई है। जहां लीथियम मिला है वहां 84.86 हेक्टेयर वन भूमि है।
केन्द्रीय खान मंत्रालय ने बुधवार 29 नवंबर को लीथियम सहित अन्य दुर्लभ धातु के देश में 20 ब्लाकों के लिए लाइसेंस के लिए टेंडर किया है। इसमें बिहार के ग्लूकोनाइट, क्रोमियम और निकल इसी तरह गुजरात में क्रोमियम और निकल, झारखंड में पोटेशियम, ओडिशा में निकल, कॉपर, ग्रेफाइट और मैग्नीज, तमिलनाडु में मोलिबडेनियम और ग्रेफाइट,उत्तरप्रदेश में ग्लूकोनाइट और फास्फोराइट तथा जम्मू-कश्मीर व छत्तीसगढ़ के लीथियम ,टाइटेनियम के लिए टेंडर शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ की आमदनी और रोजगार के अवसर सृजित होंगे प्रदेश के कोरबा जिले के कटघोरा ब्लाक के अलग-अलग स्थानों पर भूगर्भ संरक्षण संस्थान (जीएसआई) और परमाणु खनिज अन्वेषण निदेशालय सर्वेक्षण कर रहा था क्योंकि कोयले वाले इलाके में ऐसे खनिज मिलते हैं । कटघोरा में बीते मार्च में लीथियम के भंडार होने की पुष्टि हुई है। अब इसकी मात्रा और उसके व्यावसायिक खनन के लिए केन्द्र सरकार कंपोजिट लाइसेंस जारी करने जा रही है। माना जा रहा है कि जिस तरह डीएमएफ व रायल्टी की राशि कोयला में जिला व राज्य को पर प्राप्त होती है, लीथियम में भी उसी तरह छत्तीसगढ़ को मिलेगा। एक अफसर के अनुसार इस खदान के खनन शुरू होने के बाद छत्तीसगढ़ के बैटरी निर्माण या जुड़े उद्योगों में आने की संभावना है। | मोबाईल और ई- वाहनों की बैटरी का जरूरी तत्व है.. लीथियम एक चांदी जैसी नरम धातु होता है। मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक व्हिकल सहित चार्जेबल बैटरी के निर्माण में जरूरी होता है। थर्मो न्यूक्लियर रिएक्शन के अलावा औषधियों में भी इसका इस्तेमाल होता है। एक टन लीथियम का मूल्य साठ लाख रूपये है। अभी भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी लीथियम चीन से आयात करता है। | कोल इंडिया ले सकता है खनन में दिलचस्पी... पी.एम.प्रसाद कोल इंडिया के चैयरमेन ने हाल ही में कहा था कि लीथियम सहित ऐसे खनिज जिन पर काफी विदेशी मुद्रा खर्च हो रही है कोल इंडिया में ऐसे खदानों का अधिग्रहण किया जा सकता है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि कोरबा में लीथियम मिल गया है तो कोल इंडिया यहां और जम्मू-कश्मीर लीथियम खनन में रुचि ले सकता है। |
- अनुराग दीवान, संयुक्त संचालक -माइनिंग
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