नीति की सराहना, आक्रामक नीति से बैकफुट पर जा रहे नक्सली…
● बैठक- केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने सीएम साय की रणनीति को सराहा ● मंत्री शाह की अपील भटके युवा मुख्यधारा में लौटें
• अब तीन साल में होगा इंसाफ..| • तारीख पर तारीख नहीं ...कानून की धाराएं बदली गईं, धोखाधड़ी की धारा अब 420 नहींस 316 होगी, हत्या की धारा 302 नहीं बल्कि 99 होगी | • गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किये बिल संसद में पास होने का रास्ता साफ |
नई दिल्ली। अंग्रेजों के जमाने के कुछ कानून जो स्वरूप में ही सामंती से थे उन्हें खत्म करने की शुरुआत हो चुकी है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 160 साल तक पुराने तीन मूलभूत कानूनों में बदलाव के लिए बिल 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किये। इसमें कहा गया है कि सबसे बड़ा बदलाव राजद्रोह कानून को लेकर है जिसे नए स्वरूप में लाया जाएगा। इससे एक बड़ी बात और होगी कि अब तक जुबान पर चढ़ी कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे। आईपीसी में कुल 511 धाराएं हैं नए बदलाव के बाद केवल 356 बचेंगी और 175 धाराएं बदली जाएंगी। इसी तरह इसमें 8 नई धाराएं जोड़ी जाएंगी और 22 धाराएं खत्म ही कर दी जाएंगी। इसी तरह सीआरपीसी में कुल 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी 9 नई जुड़ेंगी और 9 खत्म होंगी। इसमें एक विशेष बात होगी कि पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कांफ्रेंस से करने का प्रावधान होगा। जो पहले नहीं था।
इस होने जा रहे बदलाव का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम तीन साल में देना होगा। एक आकड़े के मुताबिक देश में पांच करोड़ कोर्ट केस पेंडिंग हैं लेकिन केवल ट्रायल कोर्ट में ही चल रहे हैं केस की संख्या 4.44 करोड़ के करीब है। इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25, 042 पदोंल में 5850 पद खाली हैं।
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● बैठक- केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने सीएम साय की रणनीति को सराहा ● मंत्री शाह की अपील भटके युवा मुख्यधारा में लौटें
■ बंधन नहीं , नक्सली जहां मिलें वहां मारें - सुंदरराज
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
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