प्रयागराज,वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( एएसआई) से वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने के वाराणसी जिला जज के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा है कि जिला जज का सर्वेक्षण कराने का आदेश विधि सम्मत है।
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने तीन अगस्त गुरूवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की याचिका खारिज करते हुए कहा , परिसर का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे कराने का जिला कोर्ट का आदेश न्यायोचित और सही है। उन्होने कहा कि इसमें दखल देने का कोई कारण नहीं है। एएसआई का प्रस्तावित सर्वे न केवल न्याय हित में जरूरी है बल्कि दोनो पक्षों के लिए लाभकारी है। 16 पृष्ठों के आदेश में जज ने कहा कि एएसआई के एडीजी आलोक त्रिपाठी और एडिशनल सोलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (एएसजीआई) शशिप्रकाश सिंह ने हलफनामा देखर कहा है कि सर्वेक्षण को दौरान ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा। इस दौरान न कोई खुदाई ही होगी और न ही कोई ड्रिल किया जाएगा। बिना किसी तरह के नुकसान पहुंचाए ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके बाद इस कथन पर संदेह करने का कोई औचित्य नहीं है।
इस मामले में हिन्दू पक्ष के वकील विष्णुशंकर जैन ने बताया हाईकोर्ट के आदेश में कहा है कि एएसआई सर्वे का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद एएसआई ने सर्वेक्षण की तैयारी शुरु कर दी है। वाराणसी के डीएम एस रामालिंगम ने बताया कि एएसआई ने 4 अगस्त शुक्रवार को सर्वेक्षण का काम शुरू करने के लिए स्थानीय प्रशासन की मदद मांगी है। वाराणसी जिला जज ने एएसआई को यह पता लगाने का आदेश दिया था कि क्या 17वीं सदी की यह मस्जिद किसी मंदिर के ऊपर बनी है।
- मूकदर्शक नहीं बन सकता कोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसी विवादित मुद्दे को हल करने के लिए अदालत मूकदर्शक नहीं बन सकता है। न्याय हित में मामले की सचाई की तह तक जाने के लिए अदालत किसी भी स्तर पर जांच का आदेश देने के लिए स्वतंत्र है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की दलीलों को खारिज करते हुए यह टिप्पणी भी की।
- सर्वेक्षण के आदेश से वजुखाना बाहर
ज्ञानवापी के वजूखाने से मिली आकृति को हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पूरे क्षेत्र को अभी सील कर रखा गया है। सर्वेक्षण के जिला जज के आदेश में इस क्षेत्र को बाहर रखा गया है।
| हाईकोर्ट के आदेश पर मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। फैसले के कुछ घंटे बाद ही अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के वकील निजाम पाशा ने मामले को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के सामने मेंशन किया। इसमें सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई है। | इसके साथ ही हिन्दू पक्ष ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर बिना उनका पक्ष सुने कोई आदेश न देने का अनुरोध किया है। शीर्ष कोर्ट जल्द ही इस मामले में सुनवाई करेगा। |