• 28 Apr, 2025

खनिज की कमाईः-

खनिज की कमाईः-

● डीएमएफ - कोरबा में ही 5-6 सौ करोड़ कमीशन -ईडी .. ● अफसरों और राजनीतिक पदाधिकारियों ने 25 से 40 फीसदी तक कमीशन ली.. आरोप. ● पिछले साल राज्य में डीएमएफ में जिलों को मिले थे 1200 करोड़.. ● राज्य के अन्य जिलों में डीएमएफ फंड में हुए गड़बड़ियों की जांच चल रही है.. ● 27 लाख नगदी सहित डिजिटल उपकरण व आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद ..

रायपुर। ईडी ने तो छत्तीसगढ़ में ताबड़तोड़ कार्रवाइयां कर कई तरह के घोटालों को अनावृत किया है। हाल ही में ईडी ने छत्तीसगढ़ में अलग -अलग जगहों पर छापे मारने के बाद अधिकृत बयान जारी कर जिला खनिज निधि( डीएमएफ) यानी डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड में करोड़ों रुपयों के घोटाले का खुलासा किया है। ईडी ने कहा है कि अकेले कोरबा जिले को आवंटित डीएमएफ की राशि 2000 करोड़ रुपये ( वित्त वर्ष 2023-24 तक ) से अधिक थी।

    दावा किया गया है कि प्रचलित दर से अकेले कोरबा में कमीशन की रकम 500-600 करोड़ रुपये होगी। ईडी ने कहा कि पूरे राज्य से डेटा का विश्लेषण और अपराध से प्राप्त आय की मात्रा पता लगाने का काम किया जा रहा है। ईडी ने आरोप लगाया है  कि छत्तीसगढ़ में खनन ठेकेदारों ने सरकारी निविदाएं प्राप्त करने के एवज में राज्य के अधिकारियों और राजनीतिक पदाधिकारियों को भारी मात्रा में रिश्वत दी है। 

   केन्द्र सरकार के खनिज मंत्रालय के अनुसार छत्तीसगढ़ में साल 2023 में डीएमएफ में 12 हजार करोड़ रुपये आवंटित किया गया था। ईडी रायपुर की टीम ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) प्रोटेक्शन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के प्रावधानों के तहत जिला खनिज निधि( डीएमएफ) घोटाले से जुड़े छत्तीसगढ़ की 13 जगहों पर एक मार्च को तलाशी अभियान चलाया था।

इस दौरान 27 लाख रुपये नगदी, आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद  और जब्त तक किए गए। ईडी ने एक मार्च को पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल  व अनिला भेड़िया के करीबियों सहित डीएमएफ से जुड़े अन्य संदेहियों के ठिकानों पर दबिश दी थी।

बयान में कहा गया है कि  ईडी ने राज्य सरकार  के अधिकारियों और राजनीतिक पदाधिकारियों की मिलीभगत से डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा सरकारी खजाने से पैसे निकालने में शामिल होने के मामले में भारतीय दंड संहिता 1960 की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीगगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज तीन अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरु की। यह मामला छत्तीसगढ़ में जिला खनिज निधि के धन के उपयोग में भ्रष्टाचार से जुड़ा है।

डीएफएम खननकर्ताओं द्वारा वित्त पोषित एक ट्रस्ट है जिसे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में खनन से संबंधित परियोजनाओं और गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए काम करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। ईडी की जांच में पता चला कि डीएमएफ ठेकेदारों ने अधिकारियों को भारी मात्रा में कमीशन और अवैध परितोषण का भुगतान किया जो अनुबंध मूल्य का 25 से 40 प्रतिशत तक था। रिश्वत के भुगतान के लिए उपयोग की जाने वाली नकदी विक्रेताओं द्वारा आवास प्रविष्टियों का उपयोग करके उत्पन्न की गई  थीं। 

महादेव बेटिंग एप मामले में दो और आरोपी गिरफ्तार..

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव बेटिंग एप मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ईडी अधिकारियों ने सोमवार 4 मार्च को बताया कि फिलहाल दोनों से पूछताछ चल रही है। अब तक की जांच से पता चला है कि कोलकाता से गिरफ्तार किया गया सूरज चोखानी सट्टेबाजी का पैसा शेयर बाजार में लगाता था। वहीं भोपाल से गिरफ्तार गिरीश तलरेजा सट्टेबाजी की कमाई को एप के प्रमोटर शुभम सोनी के साथ मिलकर कई बैंक खातों के जरिये यहां -वहां खपा रहा था। दोनों  ही आरोपियों को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां से दोनों को मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत पूछताछ के लिए ईडी की रिमांड में दिया गया है।