• 28 Apr, 2025

राहुल की सजा पर सप्रीम कोर्ट से रोक

राहुल की सजा पर सप्रीम कोर्ट से रोक

• आपराधिक मानहानी का मामला | • संसद सदस्यता बहाल होने और चुनाव लड़ने का रास्ता साफ | • कोर्ट ने मानहानि मामले में अधिकतम सजा सुनाई, कारण नहीं बताया- सुप्रीम कोर्ट ने पूछा |

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत दी है।  चुनावी भाषण के दौरान मोदी सरनेम पर की गई उनकी टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराते हुए 2 साल की अधिकतम सजा सुनाई थी जो इस तरह के मामलों में हो सकने वाली अधिकतम सजा थी । इसके अगले दिन राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता भी समाप्त कर दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट में इस घटना के 134 दिन बाद आए आदेश में राहुल गांधी की सांसदी बहाल होने और चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा आईपीसी भारतीय दंडं विधान की धारा 499 (आपराधिक मानहानि) के तहत अधिकतम 2 साल की सजा या जुर्माना दोनों हो सकते हैं इस पर सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने अधिकतम सजा सुनाने के लिए वादी की दलील के अलावा कोई ठोस वजह नहीं बताई है। कहा कि अधिकतम सजा 2 साल की वजह से ही जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत याचिकाकर्ता राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई ।  सजा एक दिन भी कम होती तो नियम लागू नहीं हो सकता था।  

इस तरह के फैसले से तो इनके निर्वाचन क्षेत्र (वायनाड) के वोटर के अधिकार भी प्रभावित होते हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में अंतिम फैसला होने तक सजा के फैसले पर रोक रहेगी। 

कांग्रेस और नए विपक्षी गठबंधन इंडिया ने कहा – सत्य मेव जयते
कांग्रेस सहित नए विपक्षी गठबंधन इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत को सत्य की जीत बताया है।  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल को सांसद के रूप में अयोग्य करार देने में सिर्फ 24 घंटे लगे थे। अब देखेंगे सांसदी बहाल कितने घंटों में की जाती है।  पं. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी सहित अनेक मुख्यमंत्रियों जैसे तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और जदयु अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है। 

राहुल को कोर्ट की नसीहत – सार्वजनिक जीवन में भाषण देने से ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत-
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा व जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा कि जब अपराध नॉन कंपाउंडेबल या जमानती हो तो तब ट्रायल कोर्ट को किसी  भी मामले में अधिकतम सजा देने का कारण बताना चाहिए। हाईकोर्ट ने भी राहुल गांधी की अपील खारिज करने की वजह बताने में काफी पन्ने खर्च किए पर इन पहलुओं पर गौर नहीं किया।  

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि राहुल का लहजा सही नहीं था ( इट वाज नाट इन गुड टेस्ट) और कहा कि सार्वजनिक जीवन में बोलने से पहले सावधानी की उम्मीद की जाती है। राहुल गांधी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और पूर्णेश मोदी की ओर से महेश जेठमलानी ने पैरवी की। 

स्पीकर को करना है सांसदी का फैसलाफैसला आते ही कांग्रेस ने स्पीकर से की मुलाकात
  • लोकसभा के पूर्व महासचिव विवेक अग्निहोत्री ने कहा –स्पीकर आदेश मिलने पर फैसला लेंगे। तार्किकता तो यही है कि जिस तेजी से सदस्यता गई वैसी ही बहाली भी हो।
  • लोकसभा सचिवालय राहुल गांधी की सदस्यता बहाली की अधिसूचना जारी करेगा।  तत्काल यदि ऐसा संभव हुआ तो राहुल मौजूदा सत्र में शामिल हो सकेंगे। बंगला फिर आवंटित होगा। 
एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल की सजा पर रोक के बावजूद उनकी सदस्यता बहाली में 2 महीने लगे थे। देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से कुछ घंटे पहले उनकी सदस्यता बहाल की गई थी।  अब कांग्रेस ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मिलकर राहुल गांधी की सदस्यता बहाली का आग्रह किया है।

आज नहीं तो कल सच की जीत होती है- राहुल गांधी 

आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों ....सच की जीत होती है। कुछ भी हो मेरा फर्ज वही रहेगा..... आइडिया ऑफ इंडिया की रक्षा करना ।