अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
> बाइडेन और सुनक सहित 21 देशों के राष्ट्राध्यक्ष 9 सितंबर को पहुंचे > वन अर्थ का पहला सत्र शुरू हुआ > आईआईटी जोधपुर के साथ रिसर्च सेंटर बनाएगा यूएस
नई दिल्ली । भारत और अमेरिका के बीच कई बड़े समझौतों को लेकर सहमति बनी। अवसर था देश के सबसे बड़े ग्लोबल इवेंट जी -20 शिखर सम्मेलन से पहले दिन ही दो राष्ट्र प्रमुखों की बैठक में ये संभव हो सका जब 8 सितंबर शुक्रवार शाम पालम हवाई अड्डे पर उतरे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और एक घंटे बाद ही रात 8 बजे पीएम आवास पर नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।
कहा गया कि इस दो पक्षीय वार्ता में रक्षा, शिक्षा, अंतरिक्ष और तकनीकी आदि कई क्षेत्रों में आपसी समहति करे लिए दोनो देश सिध्दांततः राजी भी हो गए। दोनों देशों में 5-जी और 6-जी टेक्नॉलाजी के लिए दोनों देशों में समझौता भी हुआ। कहा गया है कि यह वेंडर और ऑपरेटर के बीच पब्लिक -प्राइवेट कॉपरेशन के तहत होना तय हुआ है। इन सबके लिए टॉस्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इसी बीच जानकारी दी गई कि शुक्रवार रात तक 26 देशों के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली पहुंच गए हैं। कुछ दूसरे दिन 9 सितंबर को भी पहुंचे।
कहा गया है कि इससे पहले मोदी-बाइडेन के बीच बनी सहमति के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क और आईआईटी जोधपुर मिलकर साझा एक रिसर्च सेंटर बनाएंगे। इसके अतिरिक्त आईआईटी दिल्ली , कानपुर और बीएचयू में भी ऐसे रिसर्च सेंटर बनाए जाएंगे। इसी तरह यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क -टेन्डन और आईआईटी कानपुर में एडवांस रिसर्च सेंटर बनेगा।
आईआईटी काउंसिल और एसोसियेशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज में आपसी सहयोग के लिए एक करोड़ डालर का साझा फंड बनाया जाएगा। इसके अलावा सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन के निर्माण में अमेरिका ने भारत की भूमिका को स्वीकार किया। कहा कि भारत में माइक्रोचिप टेक्नॉलाजी की कंपनी 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसी तरह एडवांस माइक्रो डेवाइस कंपनी 3500 करोड़ का निवेश करेगी।
बाइडेन ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम चन्द्रयान-2 और आदित्य -1 मिशन के लिए भारत के पीएम मोदी को बधाई दी। बताया गया है कि साल के अंत तक नासा-इसरो अंतरिक्ष में मानव मिशन पर काम करने लगेंगे।
बड़ी कामयाबी- रूस -यूक्रेन युध्द पर दोनों पक्षों में सहयोग बनाने के करीब भारत ...
नई दिल्ली। असंभव को संभव बनाने की कोशिश में भारत लगभग उसके करीब ही पहुंच गया है। कहा गया है कि जो काम इंडोनेशिया के बाली शिखर सम्मेलन में नहीं हो पाया था इस बार वह सब होता दिख रहा है। पिछले जी-20 शिखर सम्मेलन में रूस- यूक्रेन के युध्द को लेकर सर्वसम्मति नहीं बन पायी थी। उल्लेखनीय है कि तब रूस और चीन ने अपने आप को युध्द के बारे में की गई टिप्पणियों से अलग कर लिया था।
उल्लेखनीय यह भी है कि इस बार युध्द से जुड़े दोनों ही पक्ष एक शब्दावली पर सहमत हो गए हैं। इसके लिए भारत ने दोनों ही पक्षों को अपने अपने रुख से थोड़ा-थोड़ा पीछे हटने के लिए राजी कर लिया है। युध्द के लिए किसी की निंदा करने वाले कठोर शब्द शामिल नहीं किये जाएंगे।
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ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति का स्वागत केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने जय सियाराम के साथ किया। साथ उनसे यह भी कहा कि हम आपका स्वागत भारत के दामाद के रूप में भी कर रहे हैं। इसके बाद सुनक ने भी कहा कि – मुझे गर्व है कि मैं हिन्दु हूँ। ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेची हैं।
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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