• 28 Apr, 2025

जी-20 शिखर सम्मेलन महाशक्तियों का भारतपर्व

जी-20 शिखर सम्मेलन महाशक्तियों का भारतपर्व

> बाइडेन और सुनक सहित 21 देशों के राष्ट्राध्यक्ष 9 सितंबर को पहुंचे > वन अर्थ का पहला सत्र शुरू हुआ > आईआईटी जोधपुर के साथ रिसर्च सेंटर बनाएगा यूएस

नई दिल्ली । भारत और अमेरिका के बीच कई बड़े समझौतों को लेकर सहमति बनी। अवसर था देश के सबसे बड़े ग्लोबल इवेंट जी -20 शिखर सम्मेलन से पहले दिन ही दो राष्ट्र प्रमुखों की बैठक में ये संभव हो सका जब 8 सितंबर शुक्रवार शाम पालम हवाई अड्डे पर उतरे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और एक घंटे बाद ही रात 8 बजे पीएम आवास पर नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। 

  कहा गया कि इस दो पक्षीय वार्ता में रक्षा, शिक्षा, अंतरिक्ष और तकनीकी आदि कई क्षेत्रों में आपसी समहति करे लिए दोनो देश सिध्दांततः राजी भी हो गए। दोनों देशों में 5-जी और 6-जी टेक्नॉलाजी के लिए दोनों देशों में समझौता भी हुआ।  कहा गया है कि यह वेंडर और ऑपरेटर के बीच पब्लिक -प्राइवेट कॉपरेशन के तहत होना तय हुआ है। इन सबके लिए टॉस्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इसी बीच जानकारी दी गई कि शुक्रवार रात तक 26 देशों के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली पहुंच गए हैं। कुछ दूसरे दिन 9 सितंबर को भी पहुंचे। 

   कहा गया है कि इससे पहले मोदी-बाइडेन के बीच बनी सहमति के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क और आईआईटी जोधपुर मिलकर साझा एक रिसर्च सेंटर बनाएंगे। इसके अतिरिक्त आईआईटी दिल्ली , कानपुर और बीएचयू में भी ऐसे रिसर्च सेंटर बनाए जाएंगे।  इसी तरह यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयार्क -टेन्डन और आईआईटी कानपुर में एडवांस रिसर्च सेंटर बनेगा। 

आईआईटी काउंसिल और एसोसियेशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज में आपसी सहयोग के लिए एक करोड़ डालर का साझा फंड बनाया जाएगा।  इसके अलावा सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन के निर्माण में अमेरिका ने भारत की भूमिका को स्वीकार किया।  कहा कि भारत में माइक्रोचिप टेक्नॉलाजी की कंपनी 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसी तरह एडवांस माइक्रो डेवाइस कंपनी 3500 करोड़ का निवेश करेगी।  

   बाइडेन ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम चन्द्रयान-2  और आदित्य -1 मिशन के लिए भारत के पीएम मोदी को बधाई दी। बताया गया है कि साल के अंत तक नासा-इसरो अंतरिक्ष में मानव मिशन पर काम करने लगेंगे। 

बड़ी कामयाबी- रूस -यूक्रेन युध्द पर दोनों पक्षों में सहयोग बनाने के करीब भारत ...

नई दिल्ली। असंभव को संभव बनाने की कोशिश में भारत लगभग उसके करीब ही पहुंच गया है। कहा गया है कि जो काम इंडोनेशिया के बाली शिखर सम्मेलन में नहीं हो पाया था इस बार वह सब होता दिख रहा है। पिछले जी-20 शिखर सम्मेलन में रूस- यूक्रेन के युध्द को लेकर सर्वसम्मति नहीं बन पायी थी। उल्लेखनीय है कि तब रूस और चीन ने अपने आप को युध्द के बारे में की गई टिप्पणियों से अलग कर लिया था। 

  उल्लेखनीय यह भी है कि इस बार युध्द से जुड़े दोनों ही पक्ष एक शब्दावली पर सहमत हो गए हैं। इसके लिए भारत ने दोनों ही पक्षों को अपने अपने रुख से थोड़ा-थोड़ा पीछे हटने के लिए राजी कर लिया है।  युध्द के लिए किसी की निंदा करने वाले कठोर शब्द शामिल नहीं  किये जाएंगे। 
 

  • बाइडेन के आते ही भारत -अमेरिका में बड़ी सहमति
  • 31 जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9 बी खरीदने पर मुहर लगी।इस मानवरहित वायुयानों में 16 हवाई और 15 समुद्र की सुरक्षा के लिए होंगे। इनसे सैन्य बलों की निगरानी क्षमता बढ़ेगी।
  • छोटे मॉड्युलर परमाणु रियेक्टर बनाने की तकनीक में भी सहयोग की सहमति । अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता ग्रुप में भारत की सदस्यता का समर्थन किया।
  • अक्षय ऊर्जा को लेकर होने वाले नए प्रयोगों में भी दोनों देशों में सहयोग, निवेश, ट्रेनिंग कार्यक्रम और कौशल विकास पर मुहर लगाई गई । 
  • भारत-अमेरिका डिफेंस एसोसिएशन इकोसिस्टम इंडस एक्स के जरिये रक्षा क्षेत्र में स्टार्ट अप को भी शामिल किया जाएगा।  आईआईटी कानपुर, हैदराबाद और अमेरिका की पेन यूनिवर्सिटी आपस में इसमें सहयोग करेंगी। 
  • जीई एयरोस्पेस और एचएएल के बीच जीई एफ -414 के इंजन भारत में बनाने की प्रगति की समीक्षा की गई। 
  • यूएस नेवी और मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स के बीच करार के बाद अमेरिका भारत में रिपेयर और ओव्हरहॉल क्षमता के विकास में और मदद प्रदान करेगा।  
  • ट्रांसपोर्ट सेक्टर में कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के विस्तार का दोनो पक्षों ने स्वागत किया। अमेरिका भारतीय प्रधानमंत्री ई-बस सेवा कार्यक्रम  के तहत 10 हजार मेड इन इंडिया इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने में सहयोग देगा।
  • अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट के लिए भारत की सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया
  • इनोवेशन इकोसिस्टम के लिए इनोवेशन हैंडशेक एजेंडा बनाया गया। इसके तहत स्टार्ट अप, प्राइवेट इक्विटी, वेंचर कैपिटल कंपनियों, कार्पोरेट इनवेस्टमेंट विभागों और सरकारी अफसरों को साथ लाएंगे। 
  • ऋषि सुनक को जय सियाराम, मंत्री ने कहा हम आपका स्वागत दामाद के रूप में भी कर रहे हैं...

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति  का स्वागत केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने जय सियाराम के साथ किया। साथ उनसे यह भी कहा कि हम आपका स्वागत भारत के दामाद के रूप में भी कर रहे हैं। इसके बाद सुनक ने भी कहा कि – मुझे गर्व है कि मैं हिन्दु हूँ। ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेची हैं।