अब महाराष्ट्र-झारखंड में चुनावी सरगर्मियां तेज..
■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
• केन्द्र सरकार की अधिसूचना, विभाग को लेकर कुछ लिखा तो पेंशन बंद, उस समय 15 दिन का नोटिस देना होगा..
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने ऑल इंडिया सर्विसेज के तहत आने वाले आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और अन्य सेवाओं के अफसरों पर पहले भी कई तरह की पाबंदियां लगा चुकी है और अभी सरकार ने रिटायर्ड अफसरों के लिए उनकी अभिव्यक्ति को लेकर कई तरह के नियम बना दिये हैं।
नौबत ये है कि यदि किसी सेवानिवृत्त अफसर कर्मी ने अपने विभाग को लेकर कुछ लिखा तो उनकी पेंशन बंद हो सकती है या उसे कम किया जा सकता है। कहा गया है कि इस तरह के मामलों को गंभीर अपराध या गंभीर कदाचार माना जाएगा। केन्द्र सरकार उनकी किसी भी बात को उक्त अपराध की श्रेणी में शामिल कर सकती है। यहां जानना जरूरी है कि यदि ऐसी स्थिति आ भी जाय तो कौन सा अपराध सामान्य होगा और कौन सा गंभीर इसकी कोई पूर्व व्याख्या नहीं की गई है।
यदि सरकार के लिए ऐसा करना आवश्यक हो भी गया तो उसे पेंशन को रोकने या बंद करने के लिए यूपीएससी की सलाह लेनी होगी। पेंशन को पूरी तरह रोकने यानी बंद करने या आंशिक भाग रोकने बाबत केन्द्र सरकार का निर्णय अंतिम माना जाएगा। कार्मिक, लोकशिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा 6 जुलाई को इसकी अधिसूचना जारी की गई है।
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■ भाजपा ने दोनों राज्यों में लगाई सौगातों -वादों की झड़ी ■ विपक्षी खेमा भी सक्रिय हुआ ■ इन दोनों राज्यों में चुनाव नवंबर में होने की चर्चा
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं । हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे। चाहे वे किसी धर्म या व्यवसाय के हों। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है फिर वह गुरूद्वारा हो, दरगाह या फिर मंदिर, तो उसे हटाना ही पड़ेगा। यह जनता के आवागमन में बाधा नहीं डाल सकती। साथ ही अवैध निर्माण तोड़ने से पहले पर्याप्त समय देना चाहिए। महिलाओं और बच्चों को सड़क पर देखना अच्छा नहीं । - जस्टिस बी.आर. गवई
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